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Rafale Owned Countries: राफेल बनाने वाली फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने भारत के अलावा कई दूसरे देशों को भी इसकी बिक्री की है.
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Rafale in India: भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल कॉम्बैट जेट शामिल हो गया है. फ्रांस से उड़ान भरे 5 राफेल बुधवार दोपहर अंबाला एयरबेस पर लैंड कर गए. इसके साथ ही वायुसेना की युद्धक क्षमता में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. राफेल की काबिलियत ऐसी है कि इसकी डिमांड कई अन्य देशों में है. राफेल बनाने वाली फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने भारत के अलावा कई दूसरे देशों को भी इसकी बिक्री की है. हालांकि, इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बने राफेल को भारत ने अपनी जरूरतों के अनुसार उन्नत कराया है. ये भारतीय वायुसेना के फ्लीट में शामिल सबसे घातक फाइटर जेट होंगे, जिनकी क्षमता चाइनीज जे-20 और पाकिस्तान के F-16 से कहीं ज्यादा होगी.
फिलहाल ये लड़ाकू विमान भारतीय एयरफोर्स की ताकत आसमान में और बढ़ाने वाले हैं. वैसे भारत पहला देश नहीं है, जिसने फ्रांस से राफेल खरीदा है. इसके पहले भी कुछ देश इसकी डील कर चुके हैं. कुछ देश कतार में भी हैं. वहीं कुछ की डील पूरी नहीं हो पाई. आखिर क्या है इस फाइटर जेट में ऐसा खास की दुनिया की नजरें इस पर हैं.
इजिप्ट (Egypt)
फ्रांस से राफेल खरीदने वाला पहला देश इजिप्ट है. इजिप्ट ने सबसे पहले फ्रांस से राफेल खरीदने के लिए 2014 में बात शुरू की थी. 16 फरवरी 2015 को इजिप्ट राफेल का पहला इंटरनेशनल कस्टमर बना और 24 विमानों के लिए आर्डर दिया गया. यह डील तब 590 करोउ़ डॉलर की थी. 2016 में उसे फ्रांस से राफेल मिलने शुरू भी हो गए. नवंबर 2017 तक उसे 14 राफेल मिल चुके थे.
कतर (Qatar)
4 मई 2015 को कतर ने फ्रांस से 25 राफेल खरीदने के लिए डील की. इसके लिए 700 करोड़ डॉलर में डील हुई थी. आगे 12 और जेट खरीदने का भी विकल्प रखा गया. 2019 में कतर को पहला राफेल मिला था.
भारत (India)
भारत ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये में डील की है. दोनों सरकार के बीच इस बाबत समझौते पर हुए दस्तखत के करीब चार साल बाद राफेल विमान की पहली खेप भारत को मिल रही है. इसके शामिल होने से भारतीय वायुसेना के बेड़े की ताकत में काफी इजाफा होगा. अक्टूबर 2019 में डसॉल्ट एविएशन ने पहले राफेल जेट को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना को सौंपा था. 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी. डसॉल्ट की ओर से भारतीय वायुसेना पायलट और सभी सपोर्टिंग स्टॉफ को एयरक्रॉफ्ट और वैपन सिस्टम की पूरी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
पोटेंशियल आपरेटर्स: ये देश भी कतार में
फिनलैंड, मलेशिया, स्विटजरलैंड, UAE
इन देशों की बिड फेल हुई
ब्राजील, बेल्जियम, कनाडा, कुवैत, लीबिया, सिंगापुर
राफेल की खासियत
- राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है.
- राफेल जेट कई हथियारों को कैरी करने में सक्षम हैं. यह परमाणु हथियारों को लेकर उड़ान भरने में भी सक्षम है.
- यूरोप की मिसाइल निर्माता MBDA की ‘मीटियोर बियोन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल’ और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम ‘स्कैल्प क्रूज मिसाइल’ राफेल के वैपन पैकेजेस में प्रमुख हैं.
- राफेल की स्कैल्प मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है.
- मिसाइल सिस्टम्स के अलावा राफेल जेट्स कई इंडिया स्पेसिफिक मॉडिफिकेशंस से लैस होंगे.
- इनमें इजरायली हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर्स, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे के फ्लाइट डेटा की रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा रेड सर्च व ट्रैकिंग सिस्टम्स आदि शामिल हैं.
- राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है.
- राफेल 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है.
- राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है. राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.
- राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. इससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी.
- एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है.