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भारतीय मूल के ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री, 28 अक्टूबर को ले सकते हैं शपथ, ब्रिटेन की डगमगाती नाव को संभालने की चुनौती

कंजर्वेटिव पार्टी की नेता पेनी मोरडॉन्ट पीएम पद के चुनाव की होड़ से बाहर, तय समय सीमा में नहीं जुटा सकीं 100 सांसदों का समर्थन, बोरिस जॉनसन ने पहले कर दिया था चुनाव नहीं लड़ने का एलान.

कंजर्वेटिव पार्टी की नेता पेनी मोरडॉन्ट पीएम पद के चुनाव की होड़ से बाहर, तय समय सीमा में नहीं जुटा सकीं 100 सांसदों का समर्थन, बोरिस जॉनसन ने पहले कर दिया था चुनाव नहीं लड़ने का एलान.

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FE Hindi Desk
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Rishi Sunak

Rishi Sunak first rose to prominence when aged 39 he became Finance Minister under Johnson just as Covid pandemic arrived. (Photo: Reuters)

ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के वरिष्ठ नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे. ऐसी खबरें आ रही हैं कि वे इसी 28 अक्टूबर को नए प्रधानमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं. भारतीय मूल के सुनक यह जिम्मेदारी संभालने वाले पहले अश्वेत नेता होंगे. 42 साल के सुनक पिछले दो महीने के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का ओहदा संभालने वाले तीसरे नेता होंगे. बोरिस जॉनसन को इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था. उनके बाद पीएम बनीं लिज़ ट्रस को 45 दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद अब ब्रिटिश अर्थव्यवस्था की डगमगाती नाव को संभालने की जिम्मेदारी सुनक को संभालनी है.

पेनी के होड़ से बाहर होने पर सुनक अकेले दावेदार बचे

सुनक के अगला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने का रास्ता सोमवार को तब साफ हो गया, जब उन्हें चुनौती देने का एलान करने वाली कंजर्वेटिव पार्टी की पेनी मॉर्डंट (Penny Mordaunt) तय समय सीमा में 100 पार्टी सांसदों का समर्थन नहीं जुटा पाने के कारण होड़ से बाहर हो गईं. जबकि कंजर्वेटिव पार्टी के 180 से ज्यादा सांसद सार्वजनिक तौर पर सुनक का समर्थन कर चुके हैं. इसका नतीजा यह हुआ कि ब्रिटेन के अगले पीएम पद के लिए कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ से सुनक ही एकमात्र अधिकृत उम्मीदवार बच गए, लिहाजा उन्हें चुनने के लिए किसी मतदान की जरूरत नहीं रह गई.

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जॉनसन भी अचानक रेस से हट गए थे

इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी एक बार फिर से पीएम पद का चुनाव लड़ने का संकेत देने के बाद अचानक ही होड़ से बाहर होने का एलान कर दिया था. जॉनसन ने कहा था कि उनके पास चुनाव लड़ने और जीतने के लिए पर्याप्त सांसदों का समर्थन तो है, लेकिन वे प्रधानमंत्री के तौर पर पूरी पार्टी को एकजुट रख पाने की हालत में नहीं हैं. जॉनसन के होड़ से हटने के बाद उनके कई समर्थकों ने बदले हालात में सुनक के समर्थन का एलान कर दिया था. हालांकि उनके कई समर्थक पेनी के साथ भी जा रहे थे. लेकिन आखिरकार पेनी को चुनाव मैदान में उतरने के लिए जरूरी 100 कंजर्वेटिव सांसदों का समर्थन नहीं मिल सका. जिसके बाद सुनक के पीएम बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया.

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ऋषि को मेरा पूरा समर्थन : पेनी

पीएम पद की होड़ से बाहर होने के बाद पेनी मॉर्डंट ने ट्विटर पर एलान किया कि वे देश और पार्टी के हित में सुनक के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. पेनी ने ट्विटर पर जारी बयान में लिखा है, "कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने अपने अगले प्रधानमंत्री का चुनाव कर लिया है. यह एक एतिहासिक फैसला है, जो एक बार फिर से हमारी पार्टी में मौजूद विविधता और टैलेंट को प्रदर्शित करता है. ऋषि को मेरा पूरा समर्थन है."


बेहद मुश्किल हालात में जिम्मेदारी संभालेंगे सुनक

बोरिस जॉनसन को इसी साल जुलाई में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से उस वक्त इस्तीफा देना पड़ा था, जब ‘पार्टीगेट’ कांड के बाद उनके खिलाफ उनके ही मंत्रियों ने बगावत कर दी थी. जॉनसन पर कथित रूप से कोविड-19 से जुड़े कानून तोड़ने का आरोप लगा था. उनके खिलाफ एक के बाद इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में ऋषि सुनक भी शामिल थे, जो उस वक्त वित्त मंत्री की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे थे. ज़ॉनसन के हटने के बाद हुए चुनाव में मुख्य मुकाबला लिज़ ट्रस और ऋषि सुनक के बीच रहा. ट्रस ने चुनाव जीतने के बाद 6 सितंबर को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला, लेकिन इकॉनमी को ठीक से मैनेज नहीं कर पाने के कारण 45 दिन में ही उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा. अब उम्मीद की जा रही है कि आर्थिक मामलों की अच्छी जानकारी के कारण ऋषि सुनक ब्रिटिश इकॉनमी को संभालने का वो काम कर पाएंगे, जो बोरिस जॉनसन और लिज़ ट्रस नहीं कर सके.

राजनीति में आने से पहले बैंकर रहे हैं ऋषि सुनक

ऋषि सुनक का जन्म हैंपशायर के साउथहैम्पटन में 1980 में हुआ था. उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शन शास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की. राजनीति के मैदान में कदम रखने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया. उनकी पत्नी अक्षता भारत के प्रमुख उद्योगपति एन आर नारायणमूर्ति की बेटी हैं. ऋषि सुनक महज 7 साल पहले ही पहली बार सांसद बने थे. वे ब्रिटेन में एमपी से पीएम तक का सफर सबसे कम समय में तय करने वाले नेता भी होंगे.

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