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UNSC में भारत ने पहली बार रूस के खिलाफ दिया वोट, जेलिंस्की को ऑनलाइन भाषण की छूट देने का था प्रस्ताव

Russia-Ukraine War शुरू होने के बाद से पहली बार भारत ने यूनाइटेड नेशंस में रूस के खिलाफ मतदान किया.

Russia-Ukraine War शुरू होने के बाद से पहली बार भारत ने यूनाइटेड नेशंस में रूस के खिलाफ मतदान किया.

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FE Hindi Desk
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Ruchira Kamboj

Kamboj said India urged that all efforts be made for an immediate cessation of hostilities and an urgent return to the path of dialogue and diplomacy. (Photo: IE)

India voted aganist Russia in UNSC: रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में रूस के प्रस्ताव के विरोध में वोट डाला है. भारत का यह रुख एक प्रक्रियात्मक मतदान (Procedural Vote) के दौरान देखने को मिला. दरअसल 15 सदस्यों वाले UNSC में इस बात पर मतदान होना था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) को वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए भाषण देने की इजाजत दी जाए या नहीं.

इस मसले पर रूस का रुख यह था कि जेलेंस्की को संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल होने और संबोधित करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के नियम इसकी इजाजत नहीं देते. लेकिन परिषद के ज्यादातर सदस्य यूक्रेन के राष्ट्रपति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने की इजाजत देने के पक्ष में थे. इस मसले पर मतदान कराया गया तो फैसला 13-1 से यूक्रेन के पक्ष में आया. सिर्फ रूस ने ही प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि चीन ने मतदान में शामिल नहीं होने का फैसला किया. अब तक यूक्रेन के मसले पर भारत भी रूस के खिलाफ वोट डालने से बचने के लिए मतदान में शामिल नहीं होता रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर बड़े आर्थिक व अन्य प्रतिबंध लगाए हैं. लेकिन इस तरह के किसी भी प्रस्ताव में भारत ने रूस के खिलाफ वोट नहीं डाला है. भारत 2 साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जिसकी अवधि दिसंबर 2022 में समाप्त होने वाली है.

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Russia-Ukraine War छिड़ने के बाद से पहली बार रूस के खिलाफ भारत, यूएन में यूक्रेन का किया समर्थन, पढ़ें पूरा मामला

ये है पूरा मामला

बुधवार को यूएनएससी ने यूक्रेन की 31वीं स्वतंत्रता के मौके पर रूस-यूक्रेन युद्ध के मसले पर बैठक बुलाई थी. नाइस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलिंस्की को भी वीडियो-कांफ्रेंसिंंग के जरिए शामिल होना था. लेकिन बैठक शुरू होते ही यूएन में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंजिया (Vassily A Nebenzia) ने इस पर एतराज करते हुए प्रक्रियात्मक मतदान की मांग उठाई. नेबेंजिया ने कहा कि रूस बैठक में जेलेंस्की के शामिल होने का विरोध नहीं कर रहा, लेकिन उन्हें वीडियो टेली-कांफ्रेंस की बजाय व्यक्तिगत तौर पर आना चाहिए. रूस ने जेलेंस्की की वर्चुअल उपस्थिति का विरोध किया. रूस की मांग पर इस मसले पर मतदान कराया गया, जिसमें भारत समेत 13 देशों ने जेलेंस्की के वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने का समर्थन किया. 24 फरवरी को न सिर्फ यूक्रेन का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, बल्कि रूस के साथ उसकी जंग के छह महीने भी पूरे हुए.

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क्या कहा जेलेंस्की ने अपने संबोधन में?

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने संबोधन में रूस को यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण के लिए जवाबदेह ठहराने की मांग की है. जेलेंस्की ने कहा कि अगर रूस को अभी नहीं रोका गया तो उसकी सेनाएं दूसरे देशों तक जा पहुंचेंगी. जेलेंस्की ने कहा कि अब दुनिया का भविष्य यूक्रेन की धरती पर ही तय होगा. यूक्रेन की स्वतंत्रता ही बाकी दुनिया की सुरक्षा की गारंटी दे सकती है. जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूस ने उसके एक न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करके दुनिया को नाभिकीय खतरे की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है.

जेलेंस्की ने कहा कि इस प्लांट में छह रिएक्टर्स हैं, जबकि चेर्नोबिल विस्फोट में सिर्फ एक ही रिएक्टर के फटने से मची भारी तबाही को दुनिया देख चुकी है. उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) को चाहिए कि वो इस प्लांट को जल्द से जल्द अपने नियंत्रण में ले. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस न्यूक्लियर ब्लैकमेल बंद करे और पावर प्लांट से पीछे हट जाए. यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरस ने प्लांट में स्थिति को लेकर चिंता जताई और प्लांट को सुरक्षित करने की जरूरत पर जोर दिया.
(Input: PTI)

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