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रूस ने यूक्रेन की सेना के हथियार डालने के बाद ही बाचतीत की बात कही है.
Russia-Ukraine Crisis: यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार रूस ने बातचीत की इच्छा जताई लेकिन वहीं दूसरी तरफ रूस के विदेशी मामलों के मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि यूक्रेन की सेना के हथियार डालने के बाद ही बातचीत होगी. रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन की सेना को देश का शासन अपने हाथों में लेने को कहा है. इससे पहले भारत में रूस दूतावास ने जानकारी दी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) मिन्स्क (बेलारूस की राजधानी) में बातचीत के लिए हाई लेवल के अधिकारियों के एक दल को भेजने के लिए तैयार हैं. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि वह यूक्रेन के गुट-निरपेक्ष स्टेटस पर बातचीत के लिए तैयार हैं. रूस ने यूक्रेन को नाटो से अलग रहने की मांग की है और न्यूट्रल रहने को कहा है. रूस के नरम रूख को लेकर चीन ने कुछ समय पहले जानकारी दी थी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत में यूक्रेन से उच्च स्तरीय बातचीत की इच्छा जताई. वहीं यूरोपीय संघ रूस के राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री लावरोव की यूरोपीय संपत्तियों को फ्रीज करने को मंजूरी दी है.
'रूस के हमले से डरे 27 यूरोपीय लीडर्स'- राष्ट्रपति जेलेंस्की
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से स्थितियां तेजी से बिगड़ती जा रही है. रूस की तरफ से इस हमले को जायज ठहराने के लिए जो दलीलें दी गई हैं, उनमें यूक्रेन को नाटो (NATO- North Atlantic Treaty Organization) में शामिल करने की पहल के कारण रूसी सुरक्षा को खतरा होने का आरोप भी शामिल है. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) का कहना है कि उन्होंने जब 27 यूरोपीय देशों से पूछा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल करने पर उनका रुख क्या है, तो सभी रूस के डर से इस सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं.
‘I have asked 27 European leaders whether Ukraine will be in NATO .... Everyone is afraid, no one answers,’ Ukrainian President Volodymyr Zelenskiy said in a late night speech https://t.co/Tco566qKpIpic.twitter.com/LZFRh6WM7f
— Reuters (@Reuters) February 25, 2022
यूक्रेन में स्थिति बुरी होती जा रही है और राजधानी Kyiv पर रूस की मिसाइलें कहर बरपा रही हैं. अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों ने रूस पर प्रतिबंधों का ऐलान किया है लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और दबाव बनाने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि रूस के खिलाफ अब तक लगाए गए प्रतिबंध नाकाफी साबित हुए हैं. रूस ने गुरुवार को जमीन, हवा और समुद्र समेत सभी रास्तों से यूक्रेन पर हमला कर दिया. इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी यूरोपीय देश पर किया गया सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.
यूक्रेन की सेना बमबारी के बीच राजधानी में डटी
रूसी सेनाएं यूक्रेन की राजधानी कीव पर लगातार हमला कर रही हैं, जबकि यूक्रेन के सैनिक हमले के खिलाफ आत्मरक्षा की कोशिश में जुटे हुए हैं. अपुष्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के एक विमान को यूक्रेन ने मार गिराया जो एक बिल्डिंग से जाकर टकरा गया. यूक्रेन के रक्षा मंत्री के मुताबिक रूस के एक हजार से अधिक सैनिक मारे गए हैं. यूक्रेन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक लगातार बमबारी के बावजूद यूक्रेन की सेना राजधानी के चारों तरफ डटी हुई है. एक अनुमान के मुताबिक प्रमुख शहरों में हमले के चलते अब तक करीब 1 लाख लोग को अपनी जगहों से पलायन करना पड़ा है और दर्जनों लोग मारे गए हैं. इस बीच, यूक्रेन ने कहा है कि रूस की सेना ने चेर्नोबिल में बंद पड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा कर लिया है और वहां मौजूद स्टाफ को बंधक बना लिया है. चेर्नोबिल का न्यूक्लियर पॉवर प्लांट कई दशक पहले हुई दुनिया की सबसे बड़ी न्यूक्लियर दुर्घटना के बाद से बंद है. लेकिन उस इलाके में अब भी काफी रेडिएशन है, जिसके चलते आम लोगों को वहां जाने की इजाजत नहीं रही है. यूक्रेन सरकार ने हाल में यह भी कहा है कि रूसी कब्जे के बाद से चेर्नोबिल में न्यूक्लियर रेडिएशन का स्तर तेजी से बढ़ने की बात सामने आई है.
यूक्रेन पर कब्जे के लिए रूस का हमला : राष्ट्रपति जेलेंस्की
अमेरिका व यूक्रेन का कहना है कि रूस कीव पर कब्जा कर सरकार गिराना चाहता है क्योंकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन का मानना है कि यूक्रेन के मौजूदा राष्ट्रपति अमेरिका की कठपुतली हैं. जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें पता है कि वे रूस की सेना के निशाने पर सबसे आगे हैं और दूसरा निशाना उनका परिवार है. लेकिन इसके बावजूद वे राजधानी में डटे रहेंगे. जेलेंस्की के मुताबिक रूस का इरादा उनके देश के शीर्ष नेतृत्व को खत्म कर यूक्रेन को राजनीतिक रूप से बर्बाद करने का है. यूक्रेन पर हमले का आदेश देने वाले रूसी राष्ट्रपति पुतिन का दावा है कि उनकी इस कार्रवाई का मकसद यूक्रेन के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व को अपने ही लोगों का नरसंहार करने से रोकना है. पुतिन ने यूक्रेन को अवैधानिक देश करार देते हुए यह दावा भी कर चुके हैं कि ऐतिहासिक रूप से यूक्रेन की धरती रूस की ही रही है. पुतिन की इन दलीलों को अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश रूस के खतरनाक इरादों का संकेत मान रहे हैं.
(Input: Reuters)