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प्रतीकात्मक फोटो, वैज्ञानिक एंड्र्यू हफ (फोटो सोर्स: AndrewHuff.com via ANI)
चीन के वुहान की रिसर्च लैब में काम करने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक ने बड़ा खुलासा किया है, वैज्ञानिक एंड्र्यू हफ ने कहा है कि कोविड-19 वायरस यानी कोरोना वायरस इंसानो द्वारा तैयार किया गया वायरस है. इस वायरस को चीन के वुहान की लैब में तैयार किया गया था और वुहान की लैब से कोरोना वायरस लीक भी हुआ था.
ब्रिटिश अखबार द सन (The Sun) में अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्रयू हफ के बयान के हवाले से न्यूयॉर्क पोस्ट ने बताया कि दो साल पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से कोविड लीक हुआ था. वुहान का ये वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट चीन की सरकार द्वारा संचालित किया जाता है. इस रिसर्च इंस्टीट्यूट को वहीं की सरकार फंड उपलब्ध कराती है.
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सक्रामंक बीमारियों के जानकार एपिडेमियोलॉजिस्ट एंड्र्यू हफ ने अपनी लेटेस्ट किताब 'द ट्रुथ अबाउट वुहान' (The Truth About Wuhan) में दावा किया है कि कोविड-19 महामारी अमेरिका की सरकार द्वारा चीन में कोरोना वायरस के लिए फंड मुहैया कराए जाने के कारण हुई. अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्र्यू हफ की किताब के कुछ भाग को ब्रिटेन की अखबार द सन में जगह दी गई है.
कैसे हुआ मैन मेड कोविड-19 वायरस लीक
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, एंड्र्यू हफ ने अपनी पुस्तक में दावा किया है कि चीन के गेन-ऑफ-फंक्शन एक्सपेरिमेंट (China's Gain-of-Function Experiments) को अपर्याप्त सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ शुरू किया गया, नतीजन वुहान की लैब से कोविड-19 वायरस का लीक हुआ. एंड्र्यू हफ ने अपनी किताब में लिखा है कि चीन के रिसर्च लैब में उचित जैव सुरक्षा, जैव सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए थे. नतीजन आखिरी में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब से कोविड-10 वायरस लीक हुआ.
कौन है एंड्र्यू हफ
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक एंड्र्यू हफ इकोहेल्थ एलायंस (EcoHealth Alliance) के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट हैं. न्यूयॉर्क में स्थित इकोहेल्थ एलायंस एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन है. ये आर्गेनाइजेशन संक्रामक बीमारियों की स्टडी करता है.
कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति पर वुहान की लैब गरमागरम बहस का केंद्र रहा है, चीन की सरकार के अधिकारियों और लैब के कर्मचारी दोनों ने इस बात से इनकार किया है कि वायरस की उत्पत्ति वहीं की लैब से हुई है. नेशनल हेल्थ इंस्टीस्ट्यूट (NIH) से मिले फंड की बदौलत एक दशक से भी अधिक समय से आर्गेनाइजेशन चमगादड़ों में कोरोना वायरस पर अध्ययन कर रहा है. वुहान लैब का जुड़ाव इस मामले में काफी गहरा रहा है.