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चीन ने बनाई बच्चों के लिए Corona Vaccine! परीक्षण में शामिल दो को आया तेज बुखार और बाकियों में हल्के लक्षण

चाइनीज कंपनी Sinovac ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 3 वर्ष से 17 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित है.

चाइनीज कंपनी Sinovac ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 3 वर्ष से 17 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित है.

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Associated Press
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Sinovac says its vaccine is safe for children as young as 3 know here the details

चाइनीज कंपनी Sinovac ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 3 वर्ष से 17 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित है.

कोरोना वैक्सीन के ट्रॉयल दुनिया भर में हो रहे हैं लेकिन अभी तक बच्चों के लिए कोई प्रभावी वैक्सीन नहीं तैयार हुई है. अब एक चाइनीज कंपनी Sinovac ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 3 वर्ष से 17 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित है. कंपनी ने यह दावा प्रीलिमिनरी डेटा के आधार पर किया है और उसने इस डेटा को चाइनीज ड्रग रेगुलेटर्स के पास सबमिट कर दिया है. अब तक चीन समेत दुनिया भर में सिनोवैक की वैक्सीन के 7 करोड़ से अधिक शॉट्स दिए जा चुके हैं. चीन ने इस वैक्सीन के शॉट्स वयस्कों को देने की मंजूरी दे दी है लेकिन अभी तक बच्चों पर प्रयोग के लिए मंजूरी नहीं मिली है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम वैक्सीन के प्रति अलग तरीके से प्रतिक्रिया करता है. परीक्षण में शामिल बच्चों में सिर्फ दो बच्चों को तेज बुखार आया और शेष बच्चों में हल्के लक्षण दिखे.

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दो बच्चों को तेज बुखार और अन्य को हल्के लक्षण

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सिनोवैक के मेडिकल डायरेक्टर गैंग जेंग ने कहा कि 550 से अधिक बच्चो पर शुरुआती और मध्यम स्तर के क्लीनिकल ट्रायल्स में पाया गया कि यह इम्यूनिटी को बढ़ा रही है. जेंग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दो बच्चों को वैक्सीन का डोज लेने के बाद तेज बुखार आया था. इसमें से एक बच्चे की उम्र 3 वर्ष थी और दूसरे बच्चे की उम्र 6 वर्ष. शेष बच्चों में हल्के लक्षण दिखे. ऐसे में सिंगापुर के ड्यूक एनयूएस मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर इंग एयोंग ओई का कहना है कि इस परीक्षण के मुताबिक वैक्सीन सुरक्षित है और कोरोना के प्रति इम्यूनिटी बढ़ा रही है. ओई एक अन्य कोरोना वैक्सीन को बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि उनका कहना है कि कंपनी द्वारा सार्वजनिक तौर पर पेश किए गए आंकड़ों से स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता है.

अन्य वैक्सीन कंपनियां भी कर रहीं ट्रॉयल

बच्चों के कोरोना संक्रमित होने के मामले बहुत कम आए हैं लेकिन कोरोना महामारी को पूरी तरह समाप्त करने के लिए उन्हें भी इसकी डोज देनी जरूरी है. फाइजर वैक्सीन को 16 वर्ष की उम्र से अधिक के लोगों को लगाने के लिए क्लीयरेंस मिल चुका है और अब 12-16 वर्ष के उम्र के लोगों पर इसका परीक्षण किया जा रहा है. मोडेर्ना अपनी वैक्सीन का 12 वर्ष से अधिक की उम्र के बच्चों पर परीक्षण कर रही है और पिछले हफ्ते कंपनी ने 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर स्टडी शुरू करने का एलान किया था. सरकारी कंपनी सिनोफॉर्म दो वैक्सीन तैयार कर रही है और वह बच्चों पर अपनी वैक्सीन की प्रभाविता को लेकर स्टडी कर रही है. सिनोफॉर्म ने जनवरी 2021 में रेगुलेटर्स के पास क्लीनिकल डेटा सबमिट किया है लेकिन अभी तय स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह डेटा एक वैक्सीन के लिए जमा किया गया या दोनों वैक्सीन के लिए.