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भारतीय आईटी पेशेवर और हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है.
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H-1B Visa: भारतीय आईटी पेशेवर और हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है. ट्रंप प्रशासन ने H-1B और L-1 ट्रैवल बैन में कुछ छूटों का एलान किया है. यह उन लोगों के लिए है जिनकी समान नियोक्ता के साथ नौकरी जारी है. यह 22 जून को जारी आदेश में छूट है जिसे आम तौर पर H-1B या L-1 ट्रैवल बैन कहा जाता है. इसमें H-1B, L-1 और J1 वीजा के कुछ कैटेगरी के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं.
जून में लगा था बैन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी जून में की गई घोषणा के तहत, अमेरिका में कुछ नॉन-इमिग्रेंट वीजा कैटेगरी में कर्मियों के प्रवेश को बैन कर दिया था. इनमें H-1B भी शामिल है. इसके पीछे यह कहा गया था कि ये कोरोना महामारी के दौरान अमेरिकी नौकरियों के हिस्से को ले रहे हैं. H-1B वीजा गैर-प्रवासी वीजा है जिसकी मदद से अमेरिकी कंपनियां विशिष्ट व्यवसायों विदेशी कर्मियों की नियुक्ति करती हैं जिनमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषता की जरूत होती है. जो कंपनियां इस पर निर्भर करती हैं, वे हर साल भारत और चीन से सैकड़ों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं.
छूट को राष्ट्रीय हित में बताया
स्टेट डिपार्टमेंट, जिसने मामले में संशोधित ट्रैवल एडवायजरी को जारी किया है, उसने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय हित में छूटें दी गई हैं. अपनी एडवायजरी में स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि H-1B और L-1 वीजो को अब कर्मचारियों के लिए जारी किया जा सकता है जो अमेरिका में जारी नौकरी को उसी समान पद पर समान नियोक्ता और वीजा वर्गीकरण के साथ जारी रखना चाहते हैं. इसमें कहा गया है कि नियोक्ताओं को मौजूदा कर्मचारियों को बदलना वित्तीय मुश्किलें पैदा कर सकता है.
जो लोग हेल्थकेयर सेक्टर में H-1B वीजा पर काम कर रहे हैं, खासकर जो कोरोना वायरस महामारी से जुड़े हैं, या किसी ठोस सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में जारी मेडिल रिसर्च को कर रहे हैं. (जैसे कैंसर या कोई संक्रमित बीमारी की रिसर्च), उन्हें भी 22 जुलाई के ट्रैवल बैन से छूट दी जाती है.