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शराब कारोबारी और बैंकों से कर्ज लेकर फरार विजय माल्या के भारत आने का रास्ता साफ हो रहा है.
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शराब कारोबारी और बैंकों से कर्ज लेकर फरार विजय माल्या (Vijay Mallya) के भारत आने का रास्ता साफ हो रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार, सोमवार को UK के एक कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की याचिका को खारिज कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, यह मामला यूके के होम सेक्रेटरी प्रीति पटेल के पास जाएगा, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. माल्या के खिलाफ 9000 करोड़ रुपये के फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है. भारत सरकार माल्या ब्रिटेन में रह रहे माल्या को भारत लाने के लिए कोशिशों में लगी हुई है.
इसके पहले निचली अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था. माल्या ने 31 मार्च को अपने ट्वीट में कहा था कि मैंने बैंको को लगातार उनके पूरे पैसे चुकाने के लिए ऑफर किया है. न तो बैंक पैसे लेने में तैयार रही है और ना ही प्रवर्तन निदेशालय संपत्तियों को छोड़ने के लिए. उन्होंने भारत सरकार से भी अपनी बात सुनी जाने की गुहार लगाई थी.
क्या कहा 2 सदस्यीय पीठ ने
रॉयल कोर्ट में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इविन और जस्टिस एलिजाबेथ लाइंग की दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया. माल्या के खिलाफ भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. जजों ने कहा कि हम यह मानते हैं कि एडीजे यानी सीनियर डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा पाए गए आरोप कुछ मामलों में भारत की तरफ (CBI और ED) से लगाए गए आरोपों से ज्यादा व्यापक हैं, लेकिन सात ऐसे महत्वपूर्ण मामलों में संयोगवश आरोप भारत में लगाए गए हैं. यह सुनवाई ऐसे समय में हुई है जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रहा है. माना जा रहा है कि सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई है.
इससे पहले बीते 10 अप्रैल को शराब कारोबारी विजय माल्या को राहत देते हुए लंदन में उच्च न्यायालय ने एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई थी ताकि उससे तकरीबन 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सकें.
सुप्रीम कोर्ट में कर सकते हैं अपील
लंदन रॉयल कोर्ट में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लिंग की दो सदस्यीय पीठ ने माल्या की अपील खारिज कर दी. इस बीच जांच एजेंसी के सूत्रों के हवाले से खबर है कि लंदन की न्यायिक प्रणाली के अनुसार विजय माल्या 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं. अगर वह निर्धारित अवधि के भीतर अपील नहीं करते हैं, तो हम प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू करेंगे.