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ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने कहा है कि कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार कड़े और जरूरी कदम उठाएगी. (Photo: Reuters/Henry Nicholls)
UK Consumer Inflation on a 41-year high: ब्रिटेन में महंगाई ने 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बजट से ठीक पहले आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2022 के दौरान ब्रिटेन में खुदरा महंगाई (consumer price) बढ़कर 11.1 फीसदी हो चुकी है, जो 1981 से अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. चिंता की बात ये है कि खाने-पीने की चीजों के मामले में इंफ्लेशन और भी तेजी से बढ़कर 16.2 फीसदी पर जा पहुंचा है. यह 1977 के बाद से अब तक, यानी करीब 45 साल का सबसे ऊंचा स्तर है. सितंबर 2022 में खुदरा महंगाई 10.1 फीसदी पर थी. ये आंकड़े ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) ने बुधवार को जारी किए हैं.
वित्त मंत्री हंट ने दिए कड़े कदम उठाने के संकेत
ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने बजट से एक दिन पहले जारी इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि कीमतों पर काबू पाने के लिए उनकी सरकार कड़े और जरूरी कदम उठाएगी. उनके इस बयान को बजट में खर्च घटाने और टैक्स में बढ़ोतरी किए जाने का संकेत माना जा रहा है. जेरेमी हंट गुरुवार को नया बजट पेश करने वाले हैं. इससे पहले जारी एक बयान में उन्होंने कहा है कि इंफ्लेशन पर काबू पाने में बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) की मदद करना हमारी ड्यूटी है. लिहाजा हम देश की वित्तीय मामलों में बेहद जिम्मेदारी से काम करेंगे.
तमाम अनुमानों से ज्यादा रही महंगाई दर
रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने खुदरा महंगाई के 10.7 फीसदी के आसपास रहने की आशंका जाहिर की थी, जबकि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अक्टूबर में इंफ्लेशन 10.9 फीसदी पर रहने का अनुमान जाहिर किया था. लेकिन बुधवार को घोषित आंकड़े इन अनुमानों से कहीं ज्यादा चिंताजनक निकले. ONS का कहना है कि अगर सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के लिए हाउसहोल्ड एनर्जी बिल्स पर सालाना 2500 पाउंड की अधिकतम सीमा तय नहीं की होती, तो महंगाई की यह दर बढ़कर 13.8 फीसदी पर पहुंच गई होती. जानकारों का कहना है कि महंगाई दर में इस बढ़ोतरी की वजह से बैंक ऑफ इंग्लैंड पर ब्याज दरों को और बढ़ाने का दबाव बना रहेगा.
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4 से 4.5% तक बढ़ाई जा सकती है ब्याज दर : एक्सपर्ट
जेपी मॉर्गन एसेट मैनेजमेंट के ग्लोबल मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट माइक बेल का कहना है कि नए आंकड़े बैंक ऑफ इंग्लैड के इन दावों को कमजोर कर रहे हैं कि इंफ्लेशन को 2 फीसदी के निर्धारित दायरे में लाने के लिए ब्याज दरों में मामूली बढ़ोतरी से काम चल जाएगा. बेल ने कहा कि महंगाई दर के ताज़ा आंकड़ों को देखते हुए बैंक ऑफ इंग्लैड के इस दावे पर यकीन करना मुश्किल है. बेल का अनुमान है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ब्याज दरों को मौजूदा 3 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी की ऊंचाई तक ले जा सकता है. जबकि आईएनजी के अर्थशास्त्री जेम्स स्मिथ का मानना है कि ब्याज दरों को 4 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.