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Image: Bloomberg
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संयुक्त राष्ट्र (United Nations) पिछले 10 सालों के सबसे बड़े नकदी संकट से जूझ रहा है. इससे निपटने के लिए सेक्रेटरी जनरकल एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र की सभी फैसिलिटीज में कुछ कदम उठाने का आदेश दिया है. इन कदमों में मीटिंग्स कैंसिल किया जाना, एस्केलेटर्स रोक दिया जाना, आधिकारिक यात्राओं को सीमित किया जाना, एयर कंडीशनिंग और हीटिंग को कम किया जाना, संयुक्त राष्ट्र की 6 आधिकारिक भाषाओं में अनुवाद को सीमित किया जाना शामिल है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के बाहर मौजूद फाउंटेन यानी फव्वारे को भी बंद कर दिया गया है. इसे 1952 में शुरू किया गया था.
ये सभी उपाय सोमवार से प्रभावी होंगे. UN चीफ ने सभी UN एंटिटीज के प्रमुखों को लिखे लेटर में कहा है कि अगला नोटिस आने तक ये आपातकालीन उपाय कामकाजी हालातों और ऑपरेशंस को प्रभावित करेंगे. ये लेटर शुक्रवार को ही सभी प्रमुखों तक पहुंचाया जा चुका है.
65 देशों ने ले रखा है 1.386 अरब डॉलर का कर्ज
UN मैनेजमेंट चीफ कैथरीन पोलार्ड ने शुक्रवार को जनरल असेंबली की बजट कमेटी को बताया कि 128 देशों ने UN के 2019 ऑपरेटिंग बजट के लिए 4 अक्टूबर तक बकाए के तौर पर 1.99 अरब डॉलर का भुगतान किया. लेकिन इस साल 65 देशों ने 1.386 अरब डॉलर का कर्ज भी लिया है. इसमें से 1 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज अमेरिका ने लिया है.
बढ़ती जा रही है कैश की किल्लत
पोलार्ड ने कहा कि रेगुलर बजट ने हाल के कुछ सालों में गंभीर लिक्विडिटी इश्यूज का सामना किया है. लिक्विडिटी हर साल घट रही है, जिससे हालात साल दर साल खराब होते गए हैं. साल की शुरुआत में नकदी घाटा पैदा हुआ और यह बढ़ता जा रहा है. खर्चे घटाने के लिए किए गए कई उपायों के बावजूद लगातार दूसरे साल संयुक्त राष्ट्र ने पूरे रेगुलर बजट लिक्विडिटी रिजर्व की खपत कर ली है.
80.8 करोड़ डॉलर जुटाने की होगी जरूरत
पोलार्ड ने आगे कहा कि इस साल अब तक प्राप्त हुए पेमेंट्स, आकलन किए गए कुल अमांउट का केवल 70 फीसदी हैं. पिछले साल इसी समय तक 78 फीसदी पेमेंट्स आ चुके थे. यानी इस साल 23 करोड़ डॉलर कम पेमेंट आया है. UN बजट को पूरी तरह लागू करने के लिए UN को अक्टूबर—दिसंबर के बीच कम से कम 80.8 करोड़ डॉलर जुटाने की जरूरत होगी. पोलार्ड ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा कि देशों द्वारा अपना बकाया चुकाने में देरी की वजह उनके आंतरिक मसले हैं.