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अभियोजकों ने इस धोखाधड़ी को अत्याधुनिक पोंजी स्कीम बताया है. इसे 'बिटक्लब नेटवर्क' द्वारा चलाया जा रहा था.
अभियोजकों ने इस धोखाधड़ी को अत्याधुनिक पोंजी स्कीम बताया है. इसे 'बिटक्लब नेटवर्क' द्वारा चलाया जा रहा था.Bitcoin Fraud: अमेरिका में निवेशकों को फर्जी बिटकॉइन से कमाई का लालच देकर 72.2 करोड़ डॉलर की कथित धोखाधड़ी के एक मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अमेरिका के कानून मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
अभियोजकों ने इस धोखाधड़ी को अत्याधुनिक पोंजी स्कीम बताया है. इसे 'बिटक्लब नेटवर्क' द्वारा चलाया जा रहा था. इसके तहत निवेशकों से धन की उगाही की गई और उन्हें अपने साथ नये निवेशकों को जोड़ने के एवज में पैसे दिये गए.
बयान में कहा गया कि इस धोखाधड़ी के तहत अप्रैल 2014 से दिसंबर 2019 के दौरान निवेशकों से 72.2 करोड़ डॉलर की ठगी की गई. इस स्कीम को पसैक, न्यू जर्सी से शुरू हुई और इसे विश्वव्यापी धोखाधड़ी की स्कीम में बनाया दिया गया.
भारत में भी बिटकॉइन ATM खोलने पर हुई थी कार्रवाई
पिछले साल अक्टूबर में ​भारत में पहला बिटकॉइन एटीएम खोलने वाले हरीश बीवी के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. हरीश को आरबीआई के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था. यहां यह बता दें, भारत में बिटकॉइन लीगल करंसी नहीं है. रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग इलीगल है.
कर्नाटक के तुमाकुरु के रहने वाले हरीश ने वर्चुअल करेंसी में बिजनेस करने के लिए अपनी कंपनी यूनिकॉइन टेक्नोलॉजीज की शुरुआत की थी. उसने संबंधि​त अथॉरिटीज की अनुमति के बिना बेंगलुरु के एक मॉल में बिटकॉइन एटीएम शुरू किया था.
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