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अमेरिका हर साल 85 हजार एच-1बी वीजा इशू करती है और इसका भारतीय व भारतीय आईटी कंपनियों को बहुत अधिक फायदा मिलता है.
भारतीय पेशेवरों के बीच वर्किंग वीजा को लेकर H-1B सबसे अधिक प्रचलित है. वित्त वर्ष 2022 के लिए अमेरिका ने विदेशी कामगारों के लिए जितने वीजा के लिए कोटा निर्धारित किया था, प्रारंभिक नामांकन अवधि के दौरान पर्याप्त इलेक्ट्रॉनिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. अमेरिकी फेडरल एजेंसी यूएस सिटिजनशिप एंड एमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) एच-1बी आवेदनों की स्क्रीनिंग और एलोकेट करती है. यूएससीआईएस ने जानकारी दी कि निर्धारित कोटे को पूरा करने के लिए जितने भी रजिस्ट्रेशंस आए थे, उसमें से रैंडमली लोगों के आवेदन चुने गए. USCIS ने सभी प्रॉस्पेक्टिव पेटीशनर्स को सेलेक्टेड रजिस्ट्रेशंस के साथ नोटिफाई कर दिया है. जिन लोगों को चयन हो गया है, वे 1 अप्रैल 2021 से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.
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सालाना 85 हजार एच1बी वीजा होते हैं इशू
पिछले महीने USCIS ने कहा था कि उसे वित्त वर्ष 2021 के लिए पर्याप्त संख्या में पेटीशंस मिले हैं. रेगुलर वीजा के लिए कैप 65 हजार है और एच-1बी वीजा यूएस एडवांस्ड डिग्री एग्जेंप्शन के लिए 20 हजार. इस प्रकार अमेरिका हर साल 85 हजार एच-1बी वीजा इशू करती है और इसका भारतीय व भारतीय आईटी कंपनियों को बहुत अधिक फायदा मिलता है.
एच-1बी एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है. इस वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशी कामगारों को विशेष दक्षता वाले पेशे में जॉब उपलब्ध कराती है. अमेरिका की गूगल व माइक्रोसॉफ्ट जैसी तकनीकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मियों की अमेरिकी लोकेशन के लिए हायरिंग करती है.
फरवरी में ट्रंप प्रशासन के फैसले पर लगी रोक
बाइडेन प्रशासन ने फरवरी 2021 में ट्रंप प्रशासन की एच-1बी पॉलिसी में कुछ और समय तक रोकने का एलान किया था ताकि इमिग्रेशन एजेंसी को रजिस्ट्रेशन सिस्टम में मोडिफिकेशंस को डेवलप करने, उसका परीक्षण करने और उसे इंप्लीमेंट करने के लिए अधिक समय मिल सके. 7 जनवरी को यूएससीआईसी ने एच-1बी वीजा के लिए पारपंरिक लॉटरी सिस्टम को खत्म करने का एलान किया था और ट्रंप प्रशासन का नियम 9 मार्च से प्रभावी होने वाला था. अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दिया गया है.