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US Election 2020: चुनाव परिणाम लेट हुआ तो अमेरिका में अशांति का खतरा, जुकरबर्ग ने जताई चिंता

राष्ट्रपति चुनाव के आसपास अमेरिका में नागरिक अशांति (सिविल अनरेस्ट) हो सकती है. इसे लेकर जकरबर्ग ने कहा कि यह चुनाव फेसबुक के लिए भी टेस्ट की तरह है.

राष्ट्रपति चुनाव के आसपास अमेरिका में नागरिक अशांति (सिविल अनरेस्ट) हो सकती है. इसे लेकर जकरबर्ग ने कहा कि यह चुनाव फेसबुक के लिए भी टेस्ट की तरह है.

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Bloomberg
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US Election 2020 mark zukerberg worried about civil unrest ahead us president election

अमेरिकी समाज के बंटे हुए होने की चिंता जताई.

US Election 2020: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. इस चुनाव के पहले फेसबुक के फाउंडर और प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने बहुत बड़ी आशंका व्यक्त की है. जुकरबर्ग का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के आसपास अमेरिका में नागरिक अशांति (सिविल अनरेस्ट) हो सकती है. इसे लेकर जकरबर्ग ने कहा कि यह चुनाव फेसबुक के लिए भी टेस्ट की तरह है. जुकरबर्ग ने अंदेशा जताया है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती में देरी या किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो अमेरिका में गृह युद्ध छिड़ सकते हैं.

जुकरबर्ग ने गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने और वोटरों पर किसी भी तरह का दबाव बनाने से रोकने के लिए फेसबुक द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए यह चिंता जाहिर की. आपको बता दें कि चार साल पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में फेसबुक पर वोटरों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था.

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अमेरिकी समाज बंटे होने की जताई चिंता

जुकरबर्ग ने एक कॉल पर कहा कि अमेरिका इस समय बहुत बंटा हुआ है और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने में अभी बहुत समय लग सकता है, ऐसे में देश में अशांति का खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में उनके जैसी कंपनियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपना काम बेहतर तरीके से करते रहें. उन्होंने कहा कि उनका फोकस अगले हफ्ते होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को सुरक्षित तरीके से पूरा करने में हैं और इसके लिए नए खतरों से निपटा जाएगा.

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फेसबुक पर लग चुके हैं आरोप

फेसबुक पर पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी पक्षपात के आरोप लग चुके हैं. आरोपों के मुताबिक 2016 के अमेरिकी चुनाव के दौरान कई रशियनों ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए मतदाताओं को प्रभावित किया था. इस वजह से कंपनी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. फेसबुक पर भारत में भी चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लग चुके हैं. इसके बाद से सोशल साइट कंपनी ने कई उपाय किए हैं ताकि उसकी राजनीतिक निरपेक्षता सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा फेसबुक ने अफवाहों को रोकने और अशांति दूर करने के लिए भी प्रयास कर रहा है.

भारत में चुनाव के अनुभव से मिलेगी मदद

जुकरबर्ग का कहना है कि पिछले चार वर्षों में फेसबुक में बहुत बदलाव हुए हैं, जिससे भारत, यूरोपीय संघ और इंडोनेशिया समेत कई देशों में 200 से अधिक इलेक्शन की इंटिग्रिटी सुनिश्चित रखने में मदद मिली है. इन देशों में अनुभव से अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान गड़बड़ियों को रोकने में मदद मिलेगी. जुकरबर्ग ने कहा कि उनकी कंपनी ने मतदाताओं को दबाने जैसे मुद्दे पर फोकस किया है और मामले को लेकर सिविल राइट्स लीडर समेत अन्य विशेषज्ञों से सलाह लिया जा रहा है. जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक से झूठी खबरें को फैलाने के लिए फेक आईडी का सहारा लिया जाता है, इससे निपटने के लिए एडवांस्ड सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है.