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इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से जो बाइडेन उम्मीदवार हैं. (AP Photo)
US Presidential Election 2020: दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव की काउंटिंग चल रही है. इस पर न सिर्फ अमेरिका के लोगों की ही नहीं बल्कि दुनिया भर की निगाहें रहती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति की दुनिया भर की राजनीति पर बड़ा असर रहता है. आल में अमेरिकी सरकार की नीतियों से दुनिया भर के बाजारों पर प्रभाव पड़ता है. यूएस चुनाव के रूझानों के मुताबिक जो बाइडेन अभी मौजूदा राष्ट्रपति ट्रम्प पर बढ़त बनाए हुए हैं. लेकिन अभी काउंटिंग में बढ़त का मतलब जीत तय होना नहीं है. आइए जानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव किस तरह से होता है.
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20 जनवरी को मिलेगा अगला राष्ट्रपति
अमेरिकी राष्ट्रपति का हर चार साल के अंतराल पर होता है और यह हमेशा नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले मंगलवार को होता है. इस बार यह तारीख 3 नवंबर को पड़ा. 3 नवंबर को अमेरिकन नागरिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वे इलेक्टर्स के लिए मतदान करते हैं. इलेक्टर्स की भूमिका समझने के लिए मान सकते हैं कि ये भारत में सांसद या विधायक के समान होते हैं. ये इलेक्टर्स अब 14 दिसंबर को वोट करेंगे और फिर निर्णय होगा कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्ष कौन होगा. नए राष्ट्रपति आधिकारिक रूप से 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करेंगे.
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इलेक्टर्स राष्ट्रपति के लिए करेंगे वोट
3 नवंबर को हुए मतदान की गिनती शुरू हो चुकी है और यह 8 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. गिनती पूरी होने के बाद सभी राज्यों के इलेक्टर्स को यह अंदाजा लग जाता है कि राज्य के लोग किसे अपने राष्ट्रपति के तौर पर देखना चाहते हैं. ये सभी इलेक्टर्स राष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं. ट्रंप या बाइडेन को जीतने के लिए 538 में न्यूनतम 270 इलेक्टर्स के वोट चाहिए होंगे.
अधिक वोट मिलने का अर्थ जीत नहीं
अमेरिकी वोटर्स के अधिक वोट मिलने का अर्थ यह नहीं है कि अमुक शख्स राष्ट्रपति बन ही जाएगा क्योंकि पिछली बार ऐसा ही हुआ था जब 2016 में हिलेरी क्लिंटन को देश भर में सबसे अधिक वोट मिले थे लेकिन वह राष्ट्रपति नहीं बन पाई थी क्योंकि इलेक्टर्स ने ट्रंप को चुना था. इसके बदले उम्मीदवारों को इलेक्टोरल कॉलेज वोट में जीतना होता है. हर राज्य में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरेल कॉलेज वोट होते हैं जो राज्य का जनसंख्या पर निर्भर करता है. इनकी कुल संख्या 538 होती है और राष्ट्रपति बनने के लिए इसमें से न्यूनतम 270 कॉलेज जीतने होते हैं.