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अमेरिका की जीडीपी तो बढ़ी है, लेकिन ऊंची ब्याज दरों के कारण कंज्यूमर डिमांड कमजोर बनी हुई है. (Photo: Reuters)
US GDP Q3 Data: मंदी की आशंका से जूझती दुनिया को अमेरिकी इकॉनमी के ताजा आंकड़े कुछ राहत दे सकते हैं. गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक तीसरी तिमाही के दौरान अमेरिका की जीडीपी में 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अमेरिकी शेयर बाजार ने उम्मीद से बेहतर इन नतीजों का स्वागत शानदार तेजी के साथ किया. जीडीपी में इस सुधार का श्रेय अमेरिका के व्यापार घाटे में आई गिरावट को दिया जा रहा है. लेकिन अमेरिका में ब्याज की ऊंची दरों के कारण कंज्यूमर डिमांड कमजोर बनी हुई है. यही वजह है कि जीडीपी के उम्मीद से बेहतर आंकड़ों के बावजूद मंदी की आशंका जाहिर कर रहे एक्सपर्ट्स अब भी भविष्य को लेकर बहुत उत्साहित नहीं हैं.
दो तिमाही की गिरावट के बाद बढ़ी जीडीपी
अमेरिका में दूसरी तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 के दौरान जीडीपी में 0.6 फीसदी की निगेटिव ग्रोथ देखने को मिली थी. उस मुकाबले तीसरी तिमाही में जीडीपी का 2.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ना राहत की बात है. दरअसल तीसरी तिमाही के आंकड़े आने से पहले रॉयटर्स ने अर्थशास्त्रियों के बीच जो सर्वे कराया था, उसमें तीसरी तिमाही के दौरान जीडीपी के औसतन 2.4 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद जाहिर की गई थी. सर्वे में शामिल अर्थशास्त्रियों ने 0.8 फीसदी से लेकर 3.7 फीसदी तक के अलग-अलग अनुमान लगाए थे. अमेरिका में वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर तक माना जाता है.
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अमेरिका में अभी मंदी नहीं, लेकिन चिंताएं बरकरार
अमेरिकी इकॉनमी में दो तिमाही तक लगातार जीडीपी में गिरावट दर्ज किए जाने की वजह से कुछ लोग ऐसा मानने लगे थे कि मंदी की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन तीसरी तिमाही के आंकड़ों ने फिलहाल इन आशंकाओं को दूर कर दिया है. हालांकि जानकारों का यह भी मानना है कि ताजा आंकड़ों ने भले ही यह दिखा दिया हो कि अमेरिका में अभी मंदी नहीं आई है, लेकिन आगे वाले दिनों में विकास दर गिरने की आशंका बनी हुई है. यूएस फेड की रेट हाइक को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है. अमेरिका में मार्च 2022 में ब्याज दरें जीरो के करीब थीं, जो अब बढ़कर 3 से 3.25 फीसदी तक पहुंच चुकी हैं.
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1 और 2 नवंबर को होनी है यूएस फेड की बैठक
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली पॉलिसी मीटिंग 1 और 2 नवंबर को होनी है. उससे पहले सितंबर के पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडीचर के आंकड़े और तीसरी तिमाही के लेबर कॉस्ट के आंकड़े भी जारी हो जाएंगे. जाहिर है, ब्याज दरें तय करते समय जीडीपी ग्रोथ रेट के अलावा इन आंकड़ों पर भी गौर किया जाएगा. इस बीच, तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी होने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स डाओ जोन्स (Dow Jones) और एस एंड पी 500 (S&P 500) में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली.