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Prime Minister Narendra Modi, Australian Prime Minister Scott Morrison and his Japanese counterpart Yoshihide Suga attended the virtual summit.
Covid Vaccine Patent Waiver: कोरोना वैक्सीन के लिए परेशानी का सामना कर रहे गरीब देशों को टीका मिलने की एक बड़ी उम्मीद जगी है. अमेरिका ने एंटी कोविड वैक्सीन पर पेटेंट सुरक्षा हटाने का समर्थन किया है. बाइडन प्रशासन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत और दक्षिण अफ्रीका के उस प्रस्ताव का समर्थन करने की घोषणा की है, जिसमें वक्सीन को पेटेंट मुक्त करने की बात कही गई है. ऐसा होता है तो इसकी आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए अस्थायी रूप से एंटी-कोविड वैक्सीन पेटेंट को माफ किया जा सकेगा. असल में भारत चाहता है कि कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया के दूसरी फॉर्मा कंपनियां आगे आएं.
भारत ने डब्ल्यूटीओ से मांग की थी कि वह फॉर्मा कंपनियों को कोरोना की वैक्सीन बनाने की अनुमति दे. हालांकि, भारत की इस पहल का दुनिया की दिग्गज फॉर्मा कंपनियों ने विरोध किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने डेमोक्रेटिक सांसदों और अन्य देशों के दबाव के कारण को कोविड रोधी वैक्सीन के पेटेंट में छूट का अस्थाई समर्थन दिया. माना जा रहा है कि पेटेंट में छूट मिलने से कोविड रोधी वैक्सीन का प्रोडक्शन तेज हो जाएगा. दूसरी ओर बाइडन प्रशासन के इस फैसले से नाराज दवा कंपनियों का तर्क है कि इस छूट से उत्पादन नहीं बढ़ेगा. कंपनियों का कहना है कि कॉन्ट्रैक्टर्स के पास टेक्नॉलॉजी नहीं है.
वैश्विक स्वास्थ्य संकट में फैसला
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने बुधवार को कहा कि यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट है जिसके चलते असाधारण फैसले लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन बौद्धिक संपदा सुरक्षा में दृढ़ता से विश्वास करता है लेकिन इस महामारी को खत्म करने के लिए Covid-19 रोधी टीकों के लिए छूट का समर्थन करता है. बाइडन प्रशासन का निर्णय विश्व व्यापार संगठन (WTO) की सामान्य परिषद के लिए प्रस्ताव को मंजूरी देने का रास्ता आसान बना देगा.
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूटीओ में कोविड-19 आपातकाल के दौरान बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) में अस्थायी छूट दिए जाने का प्रस्ताव रखा था. ट्रिप्स समझौता विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों के बीच एक कानूनी समझौता है. यह सदस्य देशों द्वारा बौद्धिक संपदा के विभिन्न रूपों के विनियमन के लिये मानक स्थापित करता है जो डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों पर लागू होता है. समझौता जनवरी 1995 में प्रभाव में आया.
पीएम मोदी ने भी उठाया था मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ फोन पर बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठाया था. बातचीत के बाद भारतीय पक्ष द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि मोदी ने टीकों, दवाओं और चिकित्सीय के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल और इनपुट की सरल और पार्दशित आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने पर जोर दिया था.