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अमेरिका अपने 7,000 सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाएगा

यह एक ऐसा कदम है, जिससे युद्ध की मार झेल रहे देश में अराजकता बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.

यह एक ऐसा कदम है, जिससे युद्ध की मार झेल रहे देश में अराजकता बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.

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IANS
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Donald Trump administration, US troops in Afghanistan, US media, US military presence in Afghanistan, The Washington Post, White House

रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ट्वीट किया कि अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाना बड़ा जोखिम होगा. (Image: Reuters)

Donald Trump administration, US troops in Afghanistan, US media, US military presence in Afghanistan, The Washington Post, White House रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ट्वीट किया कि अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाना बड़ा जोखिम होगा. (Image: Reuters)

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की सेना को अफगानिस्तान में तैनात करीब 7,000 अमेरिकी सैनिकों की घर वापसी शुरू करने के आदेश दिए हैं. यह एक ऐसा कदम है, जिससे युद्ध की मार झेल रहे देश में अराजकता बढ़ने की आशंका बढ़ गई है. 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने एक रक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को हटाने का फैसला ठीक उसी समय लिया है, जब उन्होंने सीरिया से अमेरिकी सुरक्षा बलों को वापस बुलाने का फैसला किया.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि सैनिकों की घर वापसी में महीनों लग सकते हैं. यह फैसला अगस्त 2017 में ट्रंप के बयान के बिल्कुल उलट है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या में थोड़ी वृद्धि करने की बात कही थी. अफगानस्तिान से सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला ऐसे समय में भी आया है, जब तालिबान के साथ 17 साल पुरानी लड़ाई खत्म करने के लिए अमेरिका शांति समझौते पर वार्ता करने का प्रयास कर रहा है.

टाइम्स के मुताबिक, अचानक लिए गए इस फैसले ने अफगान अधिकारियों को हैरान कर दिया, जिन्होंने कहा कि उन्हें इस योजना के बारे में नहीं बताया गया था. जल्द ही व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ पद छोड़ने जा रहे जॉन केली और व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन सहित ट्रंप के वरिष्ठ कैबिनेट अधिकारियों के विरोध के बावजूद इस पर विचार किया गया.

अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 14,000 सैनिक तैनात हैं. इनमें से अधिकांश नाटो की अगुवाई वाले मिशन के हिस्से के रूप में अफगान सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देने, सलाह देने और सहायता करने के लिए तैनात हैं. काबुल में वरिष्ठ अफगान अधिकारियों और पश्चिमी राजनयिकों के लिए शुक्रवार को आई यह खबर स्तब्ध कर देने वाली रही. कई अधिकारियों ने कहा कि हालिया दिनों में उन्हें ऐसे कोई संकेत नहीं मिले कि अमेरिका अपने सैनिकों को वापस बुला सकता है.

रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ट्वीट किया कि अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाना बड़ा जोखिम भरा होगा, जो क्षेत्र में अमेरिका की प्रगति पर पानी फेर सकता है और फिर से 9/11 जैसे वारदात को अंजाम देने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. ट्रंप 2016 में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के पहले बार-बार सार्वजनिक रूप से अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की बात का समर्थन करते रहे हैं.