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क्या पाकिस्तानी नागरिकों ने वाकई ज्यादा खा लीं रोटियां, जो अब रोटी-रोटी को हो गए मोहताज?

पाकिस्तान में इस वक्त आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं.

पाकिस्तान में इस वक्त आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं.

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FE Online
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Wheat flour crisis in pakistan, know actual reasons and what measures imran khan government is taking 

Image: AFP

Wheat flour crisis in pakistan, know actual reasons and what measures imran khan government is taking  Image: AFP

Wheat Flour Crisis in Pakistan: पाकिस्तान में इस वक्त आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं. पेशावर और कराची शहरों में लोग 70 रुपये ​किलो में आटा खरीदने को मजबूर हैं. आटे की किल्लत पर लगाम कसने के लिए पड़ोसी मुल्क ने 3 लाख टन गेहूं आयात करने का फैसला किया है. इस बीच पाकिस्तान के केन्द्रीय रेल मंत्री शेख रशीद का एक विवादास्पद और हास्यास्पद बयान भी सामने आया. उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में गेहूं की किल्लत के लिए पाकिस्तानी नागरिकों को जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि नवंबर और दिसंबर के दौरान लोगों ने सामान्य से ज्यादा रोटी की खपत कर ली. इसके चलते गेहूं की कमी पैदा हो गई.

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उनके इस बयान के बाद पाकिस्तान की संसद में उनकी काफी आलोचना हुई और विपक्षी सांसदों ने पाकिस्तानी नागरिकों का मजाक उड़ाने के लिए सरकार से माफी मांगने को कहा.

क्या है असल वजह?

गेहूं उत्पादकों ने आटे की किल्लत के लिए मिल मालिकों और प्रांतीय सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है. यह समस्या तब पैदा हुई, जब कराची में ट्रांसपोर्टर्स ने बढ़ती पेट्रोल कीमतों के विरोध में हड़ताल कर दी. इससे आटे की सप्लाई बाधित हुई. विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और सिंध के स्थानीय बाजारों में. इसके अलावा जो अन्य कारक है वह पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के बीच गेहूं लाने-ले जाने पर अंतर प्रांतीय प्रतिबंध है. प्रांत सरकार ने अफगानिस्तान को गेहूं की स्मगलिंग का हवाला देकर यह प्रतिबंध लगाया है.

कुछ दिनों में समस्या से मिल जाएगी निजात

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में पैदा हुई इस समस्या पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. पाकिस्तानी सरकार ने नागरिकों को ​भरोसा दिलाया है कि कुछ ही दिनों में गेहूं और आटे की कीमतें नीचे आ जाएंगी. सरकार प्रभावी कदम उठा रही है. पाकिस्तान तहरीक एक इंसाफ के वरिष्ठ नेता जहांगीर तारीन ने कहा है कि सरकार ने गेहूं के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की अनुमति दे दी है.

सरकार को भी जिम्मेदार मानते हैं नागरिक

पाकिस्तानी लोगों ने आटे के संकट के लिए सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है कि उसने किसानों से पर्याप्त गेहूं की खरीद नहीं की. वहां कई सालों से गेहूं का समर्थन मूल्य 1300 रुपये बना हुआ है, जबकि उत्पादन लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो चुकी है. अगर खाद्य विभाग के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक होता तो समय से समस्या हल हो जाती.

वहीं पंजाब प्रांत की आटा मिलों ने आटे की किल्लत के लिए पॉल्ट्री या एनिमल फीड मिल्स में बड़े पैमाने पर आटे की खपत को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि हम तो रेगुलेटेड प्राइस पर ही आटा बेच रहे हैं.

सोर्स: गल्फ न्यूज, रॉयटर्स, DAWN

Imran Khan