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FY22 में 5.4% रहेगी भारत की ग्रोथ! इस साल अर्थव्यवस्था का क्या रहेगा हाल? विश्व बैंक ने दी रिपोर्ट

Indian Economy Outlook: विश्व बैंक के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 9.6 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है.

Indian Economy Outlook: विश्व बैंक के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 9.6 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है.

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PTI
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According to her, 300 million -- 30 million health workers and 270 million elderly and the vulnerable -- will get vaccinated by end-August and the larger burden of which could be shared by the government.

According to her, 300 million -- 30 million health workers and 270 million elderly and the vulnerable -- will get vaccinated by end-August and the larger burden of which could be shared by the government.

Indian Economy Outlook: विश्व बैंक (World Bank) के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 9.6 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. यह हाउस होल्ड स्पेंडिंग और निजी निवेश में आई कमी को दिखाता है. वहीं अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.4 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. वहीं विश्व बैंक ने 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है. दुनिया के कई देशों में कोविड- 19 टीके को मिली मंजूरी के बीच जताया गया यह अनुमान महामारी से पहले के 5 फीसदी ग्रोथ के मुकाबले कम है.

असंगठित क्षेत्र की आय प्रभावित हुई

विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी से असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की आय बुरी तरीके से प्रभावित हुई है. इस क्षेत्र में 80 फीसदी लोगों को रोजगार मिला हुआ है. इसमें कहा गया है कि भारत में महामारी ने उस समय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया जब इसमें पहले से गिरावट आ रही थी. वित्त वर्ष 2020-21 में उत्पादन में 9.6 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. यह परिवार की आय और निजी निवेश में तीव्र कमी को बताता है.

2021-22 में 5.4 फीसदी ग्रोथ का अनुमान

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विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में आर्थिक वृद्धि दर 2021-22 में सुधरेगी और इसके 5.4 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्तीय क्षेत्र में कमजोरियों को देखते हुए कमजोर तुलनात्मक आधार पर मिलने वाली तेजी को निजी क्षेत्र की तरफ से कम निवेश प्रभावित करेगा. रिपोर्ट के अनुसार असंगठित क्षेत्र की कुल रोजगार में हिस्सेदारी 80 फीसदी है. इसमें महामारी के दौरान आय का काफी नुकसान हुआ. हाल में बिजली खपत, पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स) जीएसटी कलेक्शन जैसे आंकड़े को देखने से यह संकेत मिलता है कि सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में रिवाइवल तेजी से हो रहा है.

पाकिस्तान और दक्षिण एशिया का हाल

विश्व बैंक ने पाकिस्तान के बारे में कहा कि वहां रिवाइवल सुस्त रहेगा और वित्त वर्ष 2021 में ग्रोथ 0.5 फीसदी रहने का अनुमान है. लगातार राजकोषीय मजबूती को लेकर दबाव और सेवा क्षेत्र में कमजोरियों को देखते हुए वृद्धि पर असर पड़ने की आशंका है. दक्षिण एशिया के अन्य देशों में कोविड-19 का प्रभाव अपेक्षाकृत कुछ कम रहा है लेकिन उसके बाद भी वे काफी प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में ग्रोथ 3.3 फीसदी रहने का अनुमान है. जो अर्थव्यवस्थाएं पर्यटन और यात्रा पर काफी हद तक निर्भर थे, उनपर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. इसमें मालदीव, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं.

ग्लोबल इकोनॉमी के बारे में

विश्व बैंक ने 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है. दुनिया के कई देशों में कोविड-19 टीके को मिली मंजूरी के बीच जताया गया यह अनुमान महामारी से पहले के 5 फीसदी ग्रोथ अनुमान से कम है. वहीं रिपोर्ट में 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था में 4.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया है.

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