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Personal Loan: इन 5 बातों का रखें ख्याल, खारिज नहीं होगा पर्सनल लोन एप्लीकेशन

Personal Loan: अपनी क्रेडिट प्रोफाइल जैसी कुछ अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान पर रखा जाए तो पर्सनल लोन एप्लीकेशन खारिज नहीं होगा.

Personal Loan: अपनी क्रेडिट प्रोफाइल जैसी कुछ अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान पर रखा जाए तो पर्सनल लोन एप्लीकेशन खारिज नहीं होगा.

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5 checkpoints to clear before availing a personal loan know here important check points

कभी भी पैसे की एकाएक बड़ी जरूरत पड़ती है तो पर्सनल लोन बेहतर विकल्प के तौर पर सामने आता है.

Personal Loan: कभी भी पैसे की एकाएक बड़ी जरूरत पड़ती है तो पर्सनल लोन बेहतर विकल्प के तौर पर सामने आता है. यह लोन तुरंत मिल जाता है और इसके लिए कम से कम डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत पड़ती है और लोन से मिले पैसे का कैसे इस्तेमाल करना है, इसे लेकर कोई रिस्ट्रिक्शंस नहीं है. इन सब कारणों से पर्सनल लोन की लोकप्रियता बनी हुई है. हालांकि इसकी असुरक्षित प्रकृति की वजह से लेंडर्स इसके एप्लीकेशन को मंजूर करने में बहुत सावधान रहते हैं. अपनी क्रेडिट प्रोफाइल जैसी कुछ अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान पर रखा जाए तो आपका पर्सनल लोन एप्लीकेशन खारिज नहीं होगा. यहां पांच ऐसे महत्वपूर्ण चेकप्वाइंट्स दिए जा रहे हैं जिससे पर्सनल लोन एप्लीकेशन के मंजूर होने के चांसेज बढ़ जाएंगे.

पर्सनल लोन के लिए महत्वपूर्ण चेकप्वाइंट्स

अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को रिव्यू करें: अधिकतर लेंडर्स पर्सनल लोन एप्लीकेंट के क्रेडिट प्रोफाइल को सबसे पहले देखते हैं. आमतौर पर 750 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर को बेहतर माना जाता है. ऐसे में आवेदक को बेहतर क्रेडिट स्कोर बनाए रखना चाहिए. समय से ईएमआई व क्रेडिट कार्ड बिल्स का भुगतान, 30 फीसदी से कम क्रेडिट यूटिलाइजेशन, हेल्दी क्रेडिट मिक्स को मेंटेन करना जैसे तरीकों से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है.

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क्रेडिट स्कोर लेंडर्स और कार्ड इशूअर्स द्वारा दी गई जानकारी पर तैयार होती है और कभी-कभी किसी कर्मी गलती से आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को देखते रहें और अगर कोई गलती है तो उसे क्रेडिट ब्यूरो व लेंडर्स के पास सुधार के लिए कहें.

अपनी रिपेमेंट कैपेसिटी के आधार पर चुनें टेन्योर: लोन एप्लीकेशन एप्रूव करते समय लेंडर्स रिपेमेंट कैपेसिटी का मूल्यांकन करते हैं. इसके लिए लोन रिपेमेंट देनदारी को देखा जाता है. लेंडर्स ऐसे लोन एप्लीकेशन को प्रिफर करते हैं जिसकी लोन रिपेमेंट ऑब्लिगेशंस 50 फीसदी से अधिक न हो. इससे अधिक की देनदारी पर लेंडर्स को डिफॉल्ट होने की आशंका लगती है और पर्सनल लोन एप्लीकेशन खारिज हो सकता है. ऐसे में लोन चुकाने के लिए ऐसा टेन्योर चुनें जिसकी ईएमआई रिपेमेंट ऑब्लिगेशंस लिमिट के भीतर रहे.

कई लोन ऑफर्स के बीच चुनें बेस्ट: पर्सनल लोन की ब्याज दरें 9-4 फीसदी सालाना हो सकती हैं. ऐसे में पर्सनल लोन लेते समय अधिक से अधिक लेंडर्स द्वारा ऑफर किए जा रहे ब्याज दरों की तुलना कर लें. इसके लिए बैंकों और एनबीएफसी से संपर्क कर सकते हैं. हालांकि तुलना करते समय सिर्फ ब्याज दर ही न देखें बल्कि प्रोसेसिंग फीस, लोन अमाउंट, रिपेमेंट टेन्योर, प्रिपेमेंट चार्जेज इत्यादि पर भी गौर करना चाहिए.

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कई लेंडर्स के पास लोन के लिए न करें अप्लाई: जब आप किसी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं तो लेंडर क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट के जरिए आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को चेक करता है. जितनी बार आप अप्लाई करते हैं, यह क्रेडिट रिपोर्ट में जुड़ती जाती है और यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है. कम समय अंतराल में कई क्रेडिट एंक्वायरी से आपकी छवि अधिक कर्ज लेने वाले शख्स की बन सकती है और पर्सनल लोन एप्लीकेशन खारिज हो सकता है. ऐसे में अधिक लोन एप्लीकेशन डालने की गलती से बचें.

बार-बार जॉब न बदलें: कई लोग अपनी जॉब प्रोफाइल लगातार बदलते हैं. इसे लेंडर्स कैरियर में अस्थिरता का संकेत मानते हैं. ऐसे लोगों को लोन मिलने में समस्या आती है जो अपनी जॉब बदलते रहते हैं. अगर नजदीकी भविष्य में पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो फ्रिक्वेंटली जॉब बदलने की आदत न रखें.

(By Gaurav Aggarwal, Director-Unsecured Loans, Paisabazaar.com)

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