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Investment Strategy: सही निवेश के लिए 2023 में अपनाएं ये रणनीति, 5 बातों का ध्यान रखा तो मिलेगी कामयाबी

Investment Strategy: मार्केट के उतार-चढ़ाव के बीच इस साल निवेशक को कामयाबी कैसे मिलेगी उसके बारे में यहां कुछ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के बारे में जानकारी दी गई है.

Investment Strategy: मार्केट के उतार-चढ़ाव के बीच इस साल निवेशक को कामयाबी कैसे मिलेगी उसके बारे में यहां कुछ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के बारे में जानकारी दी गई है.

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FE Hindi Desk
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Investment Strategy

Investment Strategy: करियर के शुरूआती दौर से ही निवेश की प्लानिंग करना अहम कदम है.

Investment Strategies That May Work In 2023: बीते साल की गंभीर मंदी ने अमेरिका सहित दुनिया भर के मार्केट को नए तरीक से सोचने के मजबूर किया. साल 2022 में रूस-यूक्रेन जंग के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था और ग्लोबल ग्रोथ को प्रभावित किया. इस जंग के चलते वैश्विक स्तर पर खाने पीने की चीजों के एक्सपोर्ट बुरा प्रभाव पड़ा. नतीजतन, दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं ने धीमी ग्रोथ और बढ़ती महंगाई के असर को महसूस किया. इस मंदी के बीच भी भारत निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प बना रहा. केंद्र सरकार के सही नीतियों की बदौलत मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिर रही. और भारत दुनिया भर में अधिकतम इकोनॉमिक ग्रोथ देने वाले देशों में एक बना. इस साल आप भी अगर अपना बजट और इकोनॉमिक ग्रोथ को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो यहां आपके लिए सही निवेश रणनीति के कुछ जरूरी टिप्स सुझाए गए हैं. इन्हें अपनाकर आप मार्केट के उतार-चढ़ाव से मुकाबला करके कामयाबी हासिल कर सकते हैं.

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1 जल्दी शुरू करें निवेश 

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करियर के शुरूआती दौर से ही निवेश करना शुरू कर देना चाहिए. यह एक बेहतर कदम माना जाता है. ऐसा करके आप अपनी सेविंग पर ज्यादा रिटर्न का लाभ हासिल कर पा सकते हैं. दरअसल आपके निवेश पर ‘कंपाउंडिंग’ का असर पड़ता है जो समय के साथ आपके निवेश को ऊपर की ओर धकेलता है और आपके प्रापर्टी में इजाफा होता जाता है. अगर आप निवेश की शुरुआत जल्दी करते हैं, तो उसे लंबी अवधि तक रख पाते हैं. जिसकी बदौलत आप अपने निवेश राशि को अधिक बड़ा बना पाते हैं.

2 कई स्कीम में अपनी सेविंग करें निवेश

निवेश जर्नी में अपने पोर्टफोलियो को डावर्सिफाई बनाना एक अहम कदम है. ऐसा करके आप अपने इकोनॉमिक ग्रोथ और सिंगल इनवेस्टमेंट स्कीम में बैलेंस बनाए रखते हैं. एक अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो आपके पैसे को कई निवेश स्कीम में वितरित करने की अनुमति देती है. इसके लिए एक आम कहावत है कि अपने अंडे को एक ही टोकरी में न रखें. इसे ऐसे समझिए कि आपने अपनी सेविंग किसी एक स्कीम में निवेश की और उस मार्केट का बुरा असर पड़ा और आपका स्कीम डूब गया तो ऐसे में आपको नुकसान हो गया. यहीं अगर आप अपनी सेविंग कई स्कीम में निवेश करते हैं तो संभावना रहती है कि एक स्कीम पर नुकसान होने से दूसरा स्कीम उसके प्रभाव को बेअसर कर सकता है. 

3 रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर स्टॉक मार्केट में करें निवेश

निवेश पर बेहतर रिटर्न का लाभ पाने के लिए कोई भी निवेशक अपने लिए सबसे उपयुक्त- लंबी अवधि वाले स्कीम के विकल्प चुन सकता है. SIP के जरिए लंबी अवधि के निवेश पर मिलने वाला बेहतर रिटर्न इसका एक अच्छा मिसाल है. हालांकि, स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा होता है.

4 निवेश के लिए नियमितता, समीक्षा और संतुलन है जरूरी

लगातार बढ़ रही महंगाई के असर को कम करने के लिए निवेश जरूरी है. महंगाई का मुकाबला करने के बेहतर विकल्पों में से एक निवेश है. निवेश में लगातार इजाफा होते रहना चाहिए. निवेश के लिए ट्रिपल'R' यानी रेगुलर (नियमितता), रिव्यू (समीक्षा) और रिबैलेंस (संतुलन) जरूरी है. एक निवेशक को इन तीनों R को समय-समय पर लागू करने की जरूरत भी है. निवेशको रेगुलर निवेश, सही समय पर उसकी रिव्यू और अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को समय-समय रिबैलेंस करते रहना चाहिए. रेगुलर निवेश से सेविंग करने की आदतों में इजापा होता है और ऐसा करने से आपको भविष्य की प्लानिंग करने में काफी मदद मिलती है. डायवर्सिफिई पोर्टफोलियो की निगरानी करने के लिए समय-समय पर रिव्यू करना जरूरी है, आपके निवेश पोर्टफोलियो में सही फंड में है या नहीं इसके लिए लिए री-बैलेंस जरूरी है.

5 बजट सहीं तरीके से बनाएं

निवेश पर हमेशा नज़र बनाए रखना और अपने फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने के लिए बजट का इंतजाम करना, दोनों जरूरी है. निवेश को निगरानी बजट बनाने में मददगार साबित हो सकती है. ऐसा करने से आपको इस बात की जानकारी होगी कि आपका पैसा कहां खर्च हो रहा है. साथ ही यह समझ भी विकसित होगी कि अपनी सेविंग में कैसे इजाफी किया जाए. बजट बनाने के लिए वैसे तो ढेर सारे नियम हैं लेकिन उनमें से एक काफी पापुलर नियम 50:30:20 है. इस नियम का ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है. 50:30:20 नियम का मतलब है ये कि आपकी सेविंग का 50 फीसदी हिस्सा रोजमर्रा की जरुरतों पर खर्च किया जाना चाहिए. सेविंग के 30 फीसदी हिस्से को गैर-जरूरी और 20 फीसदी को भविष्य के लिए बचा के रखना चाहिए.

(Article By Sanjiv Bajaj, Jt. Chairman & MD, Bajaj Capital Ltd)

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