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टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश से मिलती है भारी छूट, जानिए टैक्स बेनिफिट्स पाने के 5 स्मार्ट तरीके

आम तौर पर यह देखा जाता है कि बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के अंत में टैक्स सेविंग योजनाओं में निवेश करने से घबराते हैं.

आम तौर पर यह देखा जाता है कि बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के अंत में टैक्स सेविंग योजनाओं में निवेश करने से घबराते हैं.

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FE Hindi Desk
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फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट का प्लान बनाने और निवेश का सबसे अच्छा समय होता है.

हमारे देश में हर साल करोड़ों की संख्या में टैक्सपेयर्स अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते हैं. अपना आयकर रिटर्न भरते समय टैक्सपेयर को अपनी कुल सालाना कमाई की जानकारी सरकार को देनी होती है. इस कमाई पर भारत सरकार द्वारा इनकम टैक्स एक्ट 1961 की अलग-अलग धाराओं के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्स में कुछ छूट और रियायत दी जाती है.

इन छूट और रियायत के जरिए सरकार का मकसद लोगों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए प्रेरित करना है. मौजूदा समय में देश में टैक्स आउटगो को कम करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाये जा सकते हैं.

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टैक्स सेविंग की कुछ तरीकें 

a) टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश (Investing in tax-saving instruments)

आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत भारत सरकार कुछ उपकरणों (instruments) में निवेश की गई राशि पर टैक्स में कुछ छूट देती है. इन इंस्ट्रूमेंट्स में किए गए निवेश के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स सैविंग का दावा किया जा सकता है.  जैसे 

  1. सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund)
  2. कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund)
  3. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity Linked Savings Scheme)
  4. नैशनल पेंशन स्कीम (National Pension System)
  5. सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)
  6. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme)
  7. 5 वर्ष या उससे अधिक की फिक्स डिपॉजिट (Fixed Deposit)

इन 7 स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट करके निवेशक न सिर्फ टैक्स सेविंग कर सकता है, बल्कि लॉन्ग टर्म के लिए अपनी संपत्ति का निर्माण भी कर सकते हैं. 

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b) विशिष्ट टैक्स रिजीम (specific tax regime)

मौजूदा वक्त में भारतीय नागरिकों के लिए दो तरह के टैक्स रिजीम उपलब्ध हैं. आईटीआर(ITR) फाइलिंग के दौरान आप इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं. लेकिन अधिकतम टैक्स सेविंग के लिए सुटेबल टैक्स रिजीम को चुनना बहुत अहम होता है. 

नई टैक्स रिजीम में कम टैक्स रेट्स का प्रस्ताव है. हालांकि इस रिजीम में टैक्स सेविंग करने की चाह वालों के लिए कुछ भी नहीं है. ऐसे में यदि आप टैक्स सेविंग करना चाहते हैं तो आप को पुरानी टैक्स रिजीम को ही अपनाना चाहिए.

यदि आप नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम को लेकर किसी भी तरह की कन्फ्यूजन में हैं, तो आप ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं.

c) अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लें

यदि आप अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो यह भी आपको टैक्स सेविंग में मदद करता है. आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत, टैक्सपेयर्स द्वारा अपना और अपने परिवार, जिसमें पत्नी व डेपेंडिंग बच्चे शामिल हैं का हेल्थ इंश्योरेंस कराता है तो वह 25,000 रुपये तक की टैक्स सेविंग का फायदा ले सकता है.

इस सेक्शन में सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस पर 50,000 रुपये तक टैक्स सेविंग की जा सकती है. साथ ही यदि निवेशक द्वारा अपने बुजूर्ग माता-पिता जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है का हेल्थ इंश्योरेंस कराया जाता है तो उसे 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलेगी.

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d) होम लोन पर भी मिलेंगे टैक्स बेनिफिट्स 

यदि आप ने किसी बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान से होम लोन लिया हुआ है तो आप टैक्सेबल इनकम पर लोन के ब्याज और लोन की रकम के संबंध में छूट पाने का दावा कर सकते हैं. आयकर अधिनयम की धारा 24 के तहत यह छूट अधिकतम 2 लाख रुपये और 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त की जा सकती है. 

e)समय से आईटीआर फाइल करना चाहिए

आयकर विभाग द्वारा तय की गई आईटीआर भरतने की अंतिम तारीख से पहले ही आयकर रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

निर्ष्कष (Conclusion)

आम तौर पर कई बार बहुत से लोग टैक्स सेविंग के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर में टैक्स सेविंग प्लान्स में इन्वेस्ट करने से घबराते हैं. ऐसे में वो लोग सरकार द्वारा दी जा रही टैक्स सेविंग छूट या रियायत का फायदा नहीं उठा पाते हैं. वित्त वर्ष की शुरुआत ही टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. ऐसे करने से न सिर्फ निवेशक को टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं, बल्कि वह वेल्थ जेनरेट करने में भी कामयाब रहते हैं.

(Article By CA Amit Gupta, MD, SAG Infotech)

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