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नया साल नई शुरुआत के लिए सबसे अच्छा समय रहता है. यह नई शुरुआत निवेश के फैसले पर भी लागू होता है.
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Six best investment options for 2020: नए साल 2020 शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं. नया साल नई शुरुआत के लिए सबसे अच्छा समय रहता है. यह नई शुरुआत निवेश के फैसले पर भी लागू होता है. बीते साल में आपने अपनी वित्तीय दायित्वों को किस तरह पूरा किया, इसकी एक समीक्षा भी जरूरी है. नए साल में आप अपने बीते अनुभवों के आधार पर अपनी वित्तीय सेहत बेहतर बनाने के फैसले कर सकते हैं और इसके लिए उसके अनुरूप विकल्प भी चुन सकते हैं. सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप निवेश के लिए डायवर्सिफाइड विकल्पों को चुनें और अधिक से अधिक रिटर्न के लिए निवेश पोर्टफोलियो में सही एवं मिक्स विकल्प रखें.
फिक्सड इनकम (डेट फंड)
फिक्सड इनकम को डेट फंड के रूप में भी जानते हैं. डेट फंड स्टेबल, लिक्विड और टैक्स देनदारी के लिहाज से अच्छा प्रदर्शन करने वाल विकल्प है. इन पर एफडी (FDs) से बेहतर रिटर्न मिलता है. डेट फंड ज्यादातर लोगों की पसंद होते हैं. इसे अपनी जरूरत के अनुसार आसानी से चुना जा सकता है. यह 1-15 दिन (Liquid) से लेकर 5-10 साल (long term Bond funds) की अवधि के लिए उपलब्ध है. रेकरिंग डिपॉजिट (RD) की तरह डेट फंड में SIP के जरिए निवेश किया जा सकता है. इसमें बेहतर रिटर्न के साथ लिक्विडिटी की भी सुविधा बनी रहती है.
इक्विटी (shares)
इक्विटी पोर्टफोलियो का सबसे अहम हिस्सा होता है. इक्विटी में महंगाई दर को पीछे छोड़कर शानदार रिटर्न देने की क्षमता होती है. इसलिए यह पोर्टफोलियो के लिए एक सबसे अपरिहार्य विकल्प हो सकता है. जोखिम और समय के अनुसार शेयर में निवेश को बेहतर प्रबंधन की जरूरत पड़ती है. शेयर बाजार में निवेश 3-5 साल से कम अवधि के लिए नहीं करना चाहिए.
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शेयर में निवेश करने वाले यह जान लें कि बाजार के उतार-चढ़ाव में धैर्य से कम लेना चाहिए. यदि आप शेयर में निवेश करने की सोच रहे हैं, याद आप निवेश शुरू करने जा रहे हैं, तो आपको डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड से शुरू करना चाहिए. इसमें निवेश के लिए दो विकल्प हैं. या तो आप सीधे निवेश करिये या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) में निवेश कर सकते हैं. शेयर में निवेश करना चाहते हैं और जोखिम से अपने को बचाना चाहते हैं तो एसआईपी के जरिए निवेश बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.
कमोडिटीज (गोल्ड, प्लेटिनम एवं सिल्वर)
कमोडिटी में निवेश का गोल्डेन रूल है कि आप सोने में निवेश करें. बीते कई सालों से यह बना हुआ है और बभी यह बरकरार है. निवेश पोर्टफोलियो में गोल्ड एक आवश्यक एसेट साबत हो सकता है. इससे आपको महंगाई के खिलाफ हेज करने में भी मदद मिलेगी. जब भी ग्लोबल अनिश्चितता देखते हैं गोल्ड यानी सोने की कीमतें तेजी से बढ़ने लगती हैं. ज्वैलरी डिमांड, निवेशकों के पोर्टफोलियों में शामिल होने के अलावा हर देश का केंद्रीय गोल्ड का रिजर्व रखता है.
इसके अलावा इसके कई औद्योगिक इस्तेमाल भी हैं. गोल्ड के अलावा प्लेटिनम और सिल्वर में भी निवेश करना न भूलें. यहां एक सलाह है प्लेटिनम आज सोने से करीब 40 फीसदी सस्ता (ref: NY Spot market) है, जो कि बहुत ही असामान्य है. ऐसे में प्लेटिनम और सिल्वर निवेशकों को बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.
रियल एस्टेट
रियल एसस्टे का फायदा सोने की तरह है. यह भी हमेशा से और लंबे समय से निवेश का बेहतर विकल्प रहा है. वैल्यू बनाने का यह एक बेहतर विकल्प है. आजकल रियल्टी में निवेश का विकल्प आसानी से उपलब्ध है. 5-25 साल का नजरिया लेकर चला जाए तो रियल्टी में बेहतर रिटर्न मिल सकता है.
निवेश कई तरीकों से रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं. जैसेकि, वह सीधे रेजिडेंशियल या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी निजी इस्तेमाल या निवेश के लिए खरीद सकते हैं. उसे लीज पर या किराये पर देकर आमदनी कर सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनी में इक्विटी खरीद कर भी निवेश का विकल्प चुन सकते हैं. अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदकर भी सीधे निवेश कर सकते हैं.
इसके अलावा, इन्वेस्टमेंट फंड और रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट यानी REITS के जरिए निवेश कर सकते हैं. हालांकि, रियल्टी में निवेश के अपने जोखिम हैं. रियल्टी में निवेश का एक गलत फैसले आपको मुसीबत में डाल सकता है. इसके लिए बेहतर है कि निवेश से पहले सभी लीगल पहलू जांच लें. प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात अच्छी तरह देख समझ लें उसके बाद ही निवेश का फैसला करें.
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लिक्विडिटी
कैश ही किंग है. हर व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह लिक्विडिटी को लिक्विड फंड या कैश बचत के रूप में रखे. यह जरूरी खर्चों और अचानक पड़ने वाली जरूरतों के लिए आवश्यक है. कैश यानी नकद रखने से आप इनकम में संभावित गिरावट को मैनेज कर सकते हैं या एसेट की कीमत घटने की स्थिति में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
रिस्क कवर
रिस्क कवर से सीध मतलब अपनी संपत्ति की जोखिमों से सुरक्षा. सबसे बड़ा एसेट आपका स्वास्थ्य है. और इसमें निवेश को रिटर्न के नजरिए से नहीं देखना चाहिए. रिस्क कवर की समुचित व्यवस्था होने से अचानक बीमार पड़ने या आमदनी नहीं होने की स्थिति में यह काम आता है. यही नहीं, परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की औचक मृत्यु होने पर भी रिस्क कवर की सुरक्षा काम आती है.
इसके लिए आप अपने स्वास्थ्य और जीवन बीमा का समय-समय पर समीक्षा जरूर करें. समय के साथ इसमें बदलाव की जरूरी होता है. इसके अलावा, चल संपत्ति जैसेकि कार, इलेक्ट्रिक उपकरण और अचल संपत्ति जैसे घर या कॉमर्शियल प्रॉपटी का कवर भी जरूरी है.
(By: संतोष जोसेफ, फाउंडर एंड मैनेजिंग पार्टनर, Germinate Wealth Solutions LLP)