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Dream Home: शहरी इलाकों में अभी 1.8 करोड़ घरों की कमी, PMAY और HFC का तालमेल पूरा कर सकता है सबके लिए ड्रीम होम का सपना

Affordable Housing Market: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के जरिए यह पहचान की गई है कि शहरी क्षेत्रों में अभी भी 1.8 करोड़ घरों की कमी बनी हुई है. (file image)

Affordable Housing Market: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के जरिए यह पहचान की गई है कि शहरी क्षेत्रों में अभी भी 1.8 करोड़ घरों की कमी बनी हुई है. (file image)

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Sushil Tripathi
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Affordable Housing Market

Affordable Housing Market: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के जरिए यह पहचान की गई है कि शहरी क्षेत्रों में अभी भी 1.8 करोड़ घरों की कमी बनी हुई है. (file image)

Housing Finance/ Affordable Housing: देश में अफोर्डेबल हाउसिंग मार्केट की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं. लगभग 4 ट्रिलियन रुपये का भारतीय अफोर्डेबल हाउसिंग मार्केट तेजी से विस्तार कर रहा है. घरों की तेज मांग, एक्टिव सरकारी योजनाएं और फाइनेंसिंग के साधनों की बढ़ रही उपलब्‍धता से यह बाजार लगातार बढ़ रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के जरिए यह पहचान की गई है कि शहरी क्षेत्रों में अभी भी 1.8 करोड़ घरों की कमी बनी हुई है. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ तालमेल बिठाकर हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां इस कमी को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं. देश में अफोर्डेबल हाउसिंग मार्केट की संभावनाओं, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की वर्तमान स्थिति, सरकार की पहल सभी के लिए घर की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों जैसे मुद्दों पर एग्रीम हाउसिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ डॉ. (पीएचडी) मैल्कम अथाइडे ने विस्‍तार से जानकारी दी है.

PMAY के साथ हाउसिंग फाइनेंस सेक्‍टर का तालमेल 

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) सरकार की ऐसी पहल है जो  ऐसे भविष्य की नींव रखती है, जहां अफोर्डेबल हाउसिंग सभी के लिए आसान और संभव है. 2023 के बजट में शहरीकरण और अफोर्डेबल हाउसिंग पर जोर देने के साथ, पीएमएवाई के लिए आवंटन 66 फीसदी बढ़कर 79,000 करोड़ रुपये रहा, जिसमें पीएमएवाई शहरी के लिए 25,103 करोड़ रुपये भी शामिल है. हाउसिंग फाइनेंस के लिए, स्थायी लोन सुनिश्चित करते हुए इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ तालमेल बिठाना जरूरी है. लेकिन यह कैसे किया जा सकता है.....

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एडवांस टेक्‍नोलॉजी: हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFCs) को एआई, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाने से उधार लेने वाली की प्रोफाइल का अधिक सटीक आकलन करने में मदद मिल सकती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लोन उन लोगों को दिया जाए जो वास्तव में जरूरतमंद हैं और रीपेमेंट यानी उधार चुकाने में सक्षम हैं.

इनोवेटिव फाइनेंसिंग मॉडल: हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए, अलग अलग आय वर्ग के लिए तैयार किए गए फाइनेंसिंग मॉडल विकसित कर सकते हैं. जमीनी स्तर की वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए माइक्रोफाइनेंस संस्थानों और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग वाली साझेदारी का पता लगाया जा सकता है.

रिस्‍क मैनेजमेंट: बढ़े हुए आवंटन और पीएमएवाई पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, एचएफसी को अपने रिस्‍क मैनेजमेंट क्षमता को बढ़ाना होगा. इसमें मजबूत बैकग्राउंड जांच, एसेट  के मूल्यांकन और उधार लेने वाले की उधार चुकाने की क्षमता का आकलन शामिल है. 

डिजिटल प्लेटफॉर्म: डिजिटल प्लेटफॉर्म अपनाने से लोन आवेदन प्रक्रियाएं अच्छी तरह से व्यवस्थित हो सकती हैं. इससे टर्नअराउंड समय कम हो जाता है, जिससे यह तय होता है कि लाभार्थी तब फंड का उपयोग कर सकते हैं, जब उन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत होती है.

सभी को घर देने के लक्ष्‍स में  HFCs की भूमिका 

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, 28.5% शहरी परिवार किराए के आवास में रहते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ने शहरी क्षेत्रों में लगभग 18 मिलियन यानी 1.8 करोड़ हाउसिंग यूनिट की कमी की पहचान की है, जो मुख्य रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) और लो-इनकम ग्रुप (LIG) को प्रभावित कर रही है.  इन चुनौतियों को देखते हुए, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का छोटे शहरों और कस्बों में विस्तार करना अहम है. जैसे-जैसे ये कंपनियां इन क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं, वे इन क्षेत्रों की खास जरूरतों के अनुरूप अफोर्डेबल हाउसिंग लोन दे सकती हैं. 

टेक्‍नोलॉजी का हाउसिंग फाइनेंस सेक्‍टर पर असर

एआई-संचालित डिजिटल ऑनबोर्डिंग प्लेटफॉर्म ने मैन्युअल कागजी कार्रवाई को कम करके और तेजी से और व्यवस्थित क्लाइंट ऑनबोर्डिंग की पेशकश करके लोन आवेदन प्रक्रियाओं को बदल दिया है. इसके अलावा, बिग डेटा और एआई (AI) की क्षमताओं का उपयोग करके वैकल्पिक क्रेडिट स्कोरिंग मॉडल उभरे हैं. दूसरी ओर, मोबाइल वॉलेट और यूपीआई सिस्टम को व्यापक रूप से अपनाने से सुविधा और तत्परता पर जोर देते हुए रीपेमेंट की प्रक्रिया में क्रांति आ गई है. 

सभी की हाउसिंग फाइनेंस तक पहुंच

टेक्‍नोलॉजी को अपनाकर, एग्रीम ने मालिकाना और नवीन प्रक्रियाओं का एक सेट विकसित किया है जो एआई और सुपरवाइज्‍ड मशीन लर्निंग का उपयोग करता है. इस सिस्टम द्वारा किसी की फाइनेंशियल प्रोफाइल के सभी पहलुओं की जांच होती है. स्कोरकार्ड द्वारा ग्राहक  की वर्तमान और संभावित इनकम का मूल्यांकन होता है. जिससे उनके रीपेमेंट करने की क्षमता का पता चलता है.

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