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AIS के ज़रिए टैक्सपेयर्स वर्ष के दौरान किए गए सभी वित्तीय लेनदेन की जानकारी अब आसानी से प्राप्त कर सकेंगे.
Annual Information Statement vs Form 26AS: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख यानी 31 दिसंबर में कुछ ही दिन बचे हैं. टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक नया टूल एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) लॉन्च किया है. इसके ज़रिए टैक्सपेयर्स साल के दौरान किए गए सभी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. अब तक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, टैक्सेबल इनकम और टीडीएस (Tax Deducted at Source) से संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए फॉर्म 26AS जारी करता रहा है, लेकिन अब एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट के ज़रिए ही आपको यह जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी. यह स्टेटमेंट 26AS की तुलना में ज्यादा जानकारी प्रदान करता है. इस जानकारी का खुलासा करने का मकसद टैक्स डिपार्टमेंट और टैक्सपेयर के बीच चीजों को और पारदर्शी बनाना है. यहां हमने बताया है कि एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट के क्या-क्या फायदे हैं और इसकी मदद से रिटर्न भरने का सही तरीका क्या है.
26AS की तुलना में AIS से मिलेगी ज्यादा विस्तृत जानकारी
फॉर्म 26AS से तुलना करें तो AIS में आपको सभी तरह के ट्रांजेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी मिल जाएगी. इसमें आपको सेविंग अकाउंट में जमा किए गए ब्याज, वर्ष के दौरान किए गए म्यूचुअल फंड (MF) ट्रांजेक्शन समेत कई जानकारियां मिलती हैं. चार्टर्डक्लबडॉटकॉम के फाउंडर और CEO सीए करण बत्रा ने कहा, "AIS फॉर्म 26AS की तुलना में ज्यादा विस्तृत है और इसमें सभी डेटा की पूरी जानकारी मिलती है, जो आयकर विभाग के पास है." अब इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले इसे AIS के ज़रिए सत्यापित किया जा सकता है और भविष्य में आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस से बचा जा सकता है. इस तरह, AIS की मदद से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना टैक्सपेयर्स के लिए ज्यादा आसान हो जाएगा.
NA Shah Associates के पार्टनर गोपाल बोहरा ने कहा, "नया एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट टैक्सपेयर्स को उनके लेनदेन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेगा. 26AS मुख्य रूप से TDS और TCS लेनदेन से संबंधित जानकारी प्रदान करता है, लेकिन AIS के ज़रिए टैक्सपेयर बेसिक जानकारियों के अलावा, अचल संपत्तियों / प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री, फॉरेन रेमिटेंस, म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन, सूचना के आदान-प्रदान के तहत किसी अन्य देश से टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा प्राप्त जानकारी और टैक्स/डिमांड/रिफंड/ पेंडिंग प्रोसिडिंग्स/ कंप्लीट प्रोसिडिंग्स आदि के पेमेंट से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.”
ऑनलाइन फीडबैक भी दे सकते हैं टैक्सपेयर
बोहरा ने आगे कहा, “इस तरह, AIS रिटर्न फाइल करते समय काफी अहम साबित होगा. डुप्लिकेट जानकारी को हटाने के बाद AIS में जानकारी प्रदान की जाएगी. करदाता ऐसी जानकारी को पीडीएफ, JSON, CSV फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं. अगर इसके ज़रिए प्राप्त जानकारी में कोई गलती है या यह किसी अन्य व्यक्ति/वर्ष से संबंधित है या यह डुप्लिकेट है, तो ऐसे में टैक्सपेयर्स ऑनलाइन फीडबैक सबमिट कर सकते हैं.”
ऐसे कर सकते हैं AIS डाउनलोड
- सबसे पहले आपको पैन/आधार और पासवर्ड के ज़रिए आईटीआर फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करना होगा.
- लॉग इन होने के बाद आपको सबसे ऊपर ‘Services’ सेक्शन में जाना होगा और ‘एनुअल इनफॉरमेशन स्टेटमेंट (AIS)’ पर क्लिक करना होगा. इसके बाद, ‘Proceed’ पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद आपको डाउनलोड पर टैप करना है.
- यहां आप पीडीएफ या JSON का विकल्प चुन सकते हैं और फिर डाउनलोड करें.
- जो पीडीएफ डाउनलोड हुआ है उसे खोलने के लिए पासवर्ड की जरूरत होगी. आपका पासवर्ड पैन + आपकी जन्म तारीख है.
- एक बार जब आप अपना पासवर्ड दर्ज कर लेते हैं, तो आप अपने AIS में सभी डिटेल देख सकते हैं. आप उसी प्रोसेस का उपयोग करके एक अपडेट AIS भी अपलोड कर सकते हैं.
(Article: Amitava Chakrabarty)