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IRDAI ने बीमा कंपनियों के लिए स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करने को अनिवार्य बना दिया है.
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Arogya Sanjeevani Policy: आमतौर पर हमारे यहां हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के महत्व पर ज्यादा बल नहीं दिया जाता है. मेडिकल खर्च में बढ़ोतरी, लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियां बढ़ने और नए वायरल इंफेक्शन जैसे कोरोनावायरस के प्रकोप ने हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत को ज्यादा बढ़ा दिया है. लेकिन, बाजार में मौजूद कई सारे विकल्पों की वजह से ज्यादातर लोग परेशान हो जाते हैं और वह अपने लिए सही पॉलिसी को चुन नहीं पाते. बहुत से लोग पॉलिसी खरीदने के समय उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं लेते.
इसे देखते हुए, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने बीमा कंपनियों के लिए स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करने को अनिवार्य बना दिया है. इससे बीमाधारकों को प्रीमियम और कस्टमर सर्विस के आधार पर तुलना करने में आसानी होगी. हाल ही में जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को 1 अप्रैल से एक यूनिफॉर्म हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लेकर आना होगा. इस पॉलिसी का एकसमान नाम 'आरोग्य संजीवनी पॉलिसी' होगा. इसका मकसद हेल्थ इंश्योरेंस को आसान और स्टैंडर्ड बनाना है जिससे ज्यादा लोग इसे खरीद सकें और ज्यादा लोगों तक यह पहुंचे. आइए जानते हैं कि इससे बीमाधारकों को क्या-क्या फायदे होंगे.
स्टैंडर्ड नियम और शर्तें
रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वह एक स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को ऑफर करें जिसमें पॉलिसी धारकों की बेसिक अस्पताल में भर्ती होने की जरूरतें पूरी हों. इसमें न्यूनतम राशि 1 लाख रुपये और अधिकतम 5 लाख रुपये हो सकती है.
हालांकि, पॉलिसी खरीदने से पहले बीमाधारकों को कमरे के किराए की कैपिंग जैसी सीमाओं के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, यूनिफॉर्म पॉलिसी में कमरे के किराए की सीमा को इंश्योरेंस की राशि का 2 फीसदी या 5000 रुपये, जो भी कम हो, वह रखा गया है. इसी तरह इंटेनसिव केयर यूनिट (ICU) के खर्च को राशि का 5 फीसदी जो अधिकतम 10,000 रुपये तक का हो सकता है, का कवर मिलेगा.
आप पॉलिसी को अपने परिवार के लिए खरीद सकते हैं, जिसमें माता-पिता, जीवनसाथी, सास-ससुर और निर्भर बच्चे (3 महीने और 25 साल के बीच की उम्र) शामिल हैं और प्रीमियम को अपने मुताबिक मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर भुगतान कर सकते हैं. जीवन में कभी भी रिन्यू कराने का विकल्प है. पॉलिसी को लेने की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र सीमा 65 साल है.
पोर्टेबिलिटी
मोटर इंश्योरेंस में पोर्ट कराना आसान है क्योंकि वहां पॉलिसी का ढांचा स्टैंडर्ड है और इसमें एक बीमा कंपनी से दूसरी बीमा कंपनी में बिना पॉलिसी बेनेफिट के नुकसान के ट्रांसफर करना आसान है. इसी तरह, अब हेल्थ पॉलिसी के स्टैंडर्ड हो जाने पर बीमाधारकों के लिए अपनी पॉलिसी को पोर्ट कराना बेहद आसान हो जाएगा.
क्लेम में आसानी
हेल्थ पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से क्लेम के समय विवाद हो सकता है. स्टैंडर्ड पॉलिसी के आने के बाद ग्राहक के लिए पॉलिसी को पढ़कर समझना बेहद आसान हो जाएगा. इससे क्लेम की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, जो बीमा कंपनियों और बीमा धारकों दोनों के लिए अच्छा है.
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कम कीमत
रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों से कहा कि वे स्टैंडर्ड पॉलिसी का प्रीमियम कवर के फीचर्स के आधार पर तय करें. प्रीमियम के कम रहने की उम्मीद है क्योंकि सभी इंश्योरेंस कंपनियों को एक स्टैंडर्ड प्रोडक्ट ही ऑफर करना होगा.
By: Subrata Mondal, Executive Vice President, IFFCO-Tokio General Insurance