scorecardresearch

Asset Allocation: गोल्ड, इक्विटी या डेट फंड? 2021 में आपको निवेश के लिए ऐसे करें तैयारी

Investment Planning 2021: निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा हो कि 2021 यानी नए साल में निवेश के लिए कैसे प्लानिंग करें.

Investment Planning 2021: निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा हो कि 2021 यानी नए साल में निवेश के लिए कैसे प्लानिंग करें.

author-image
FE Online
New Update
Asset Allocation in 2021

Asset Allocation in 2021: निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा हो कि 2021 यानी नए साल में निवेश के लिए कैसे प्लानिंग करें.

Investment Planning: साल 2020 निवेश के लिहाज से एक कठिन समय रहा है. अब हम साल 2020 के अंत में आ गए हैं. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा हो कि 2021 यानी नए साल में निवेश के लिए कैसे प्लानिंग करें. किस एसेट क्लास में निवेश करें. निवेश करते समय ध्यान में लाने के लिए जो बातें सबसे जरूरी हैं, वे हैं कि आपका वित्तीय लक्ष्य क्या है, निवेश करने के पीछे आपका क्या उद्देश्य बाजार का कितना रिस्क ले सकते हैं. इस बातों को ध्यान में रखकर ही निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए और अपने स्ट्रेटेजिक एसेट अलोकेशन पर पहुंचना चाहिए. यहां 2021 के लिए तीन सामान्य एसेट क्लास का आउटलुक दिया जा रहा है, जिनमें इक्विटी, डेट और गोल्ड शामिल हैं.

डेट इन्वेस्टमेंट: क्या खरीदें, क्या बेचें

कैलेंडर ईयर 2020 में RBI ने रेपो रेट को 115 बीपीएस से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है. जैसे-जैसे ब्याज दरें घटती हैं, बॉन्ड की कीमतें बढ़ती हैं और इसलिए स्पेक्ट्रम में डेट म्यूचुअल फंड निवेश को फायदा होता है. लंबी अवधि के बांड जैसे गिल्ट फंड, लांग ड्यूरेशन फंड और डायनेमिक बॉन्ड फंड ने औसतन 15 फीसदी रिटर्न दिया है. यहां तक कि इस साल मिड टू शॉर्ट ड्यूरेशन बॉन्ड फंड, कॉरपोरेट और बैंकिंग पीएसयू डेट फंड ने दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है.

Advertisment

यहां करें प्रॉफिट बुकिंग: अगर साल 2021 में भी इसी तरह की उम्मीद की जाए तो निराशा हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बढ़ती महंगाई और हायर गवर्नमेंट बॉरोइंग के कारण इंटरेस्ट रेट साइकिल यानी ब्याज दर चक्र नीचे की ओर बढ़ा हुआ है. इस वजह से आगे ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश कम है. ऐसे परिदृश्य में यह समझ में आता है कि गिल्ट फंड और लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स जैसे डेट म्युचुअल फंडों कही कटेगिरी से धीरे-धीरे मुनाफा बुक करें.

कॉरपोरेट एफडी, स्माल सेविंग्स: हालांकि ब्याज दरों में अभी और गिरावट नहीं हो सकती है, लेकिन जल्द ही किसी भी समय बढ़ोत्तरी की भी उम्मीद नहीं है. निवेशक थोड़े अधिक रिटर्न (वर्तमान में AAA-रेटेड एफडी और बॉन्ड के लिए 6% से 7% सालाना) के लिए कॉरपोरेट एफडी और सेकंडरी मार्केट बॉन्ड की देख सकते हैं. हालांकि, ऐसे निवेशकों को भी क्रेडिट रिस्क पर भी विचार करना चाहिए और ओवरबोर्ड नहीं जाना चाहिए. 7.15 फीसदी आरबीआई बांड एक और निवेश है जो बेहतर रिटर्न दे रहा है. सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम्स, पोस्ट ऑफिस MIS जैसी नियमित आय के साधन वर्तमान में 7.4 फीसदी और 6.6 फीसदी सालाना टैक्सेबल इंटरेस्ट दे रहे हैं.

हालांकि, सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और ईपीएफ में 7.6 फीसदी, 7.1 फीसदी और 8.5 फीसदी टैक्स फ्री रिटर्न मिल रहा है जो सुरक्षा, रिटर्न और टैक्स एफिसिएंसी के मापदंडों पर और बेहतर विकल्प हैं. हालांकि अगर तरलता की ओर देखते तो अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म और कम अवधि के म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

इक्विटी इन्वेस्टमेंट: कैसे बनाएं रणनीति

मार्च के लो के बाद से भारतीय शेयर बाजार में लिक्विडिटी और कम ब्याज दरों के चलते 80 फीसदी तेजी आ चुकी है. दुनिया भर की सरकारों द्वारा बड़े पैमाने पर राहत पैकेज दिए जा रहे हैं, वहीं अलग अलग सेंट्रल बैंकों द्वारा मॉनेटरी प्रोत्साहन के चलते उभरते बाजारों को फायदा हुआ है. आईटी, फार्मा और कुछ हद तक केमिकल्स, दूरसंचार और एफएमसीजी व क्वालिटी लार्ज-कैप में तेजी के चलते बाजार को सपोर्ट मिला है. वहीं कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन आने की उम्मीद से भी बाजार को तेजी मिली है. अर्थव्यवस्था के रिकवरी के फेज में इकोनॉमी से जुड़े सेक्टर्स में भी तेजी का फायदा बाजार को मिला है. यह ट्रेंड 2021 में जारी रहने की उम्मीद है जहां आप डिफेंसिव सेक्टर में मुनाफावसूली और अर्थव्यवस्था से संबंधित सेक्टर्स में ज्यादा निवेश देख सकेंगे.

मल्टीकैप अच्छा विकल्प: कुल मिलाकर सेक्टोरल रोटेशन जो हमने अब तक देखा है वह साल 2021 में जारी रहेगा. ऐसे परिदृश्य में मल्टीकैप या फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स रिटेल निवेशकों के लिए इक्विटी का एक्सपोजर लेने का अच्छा विकल्प हो सकता है. इनमें हर तरह के मार्केट कैप और सेक्टर में निवेश करने की सुविधा होती है.

वैल्यू इन्वेस्टिंग: वैल्यू इन्वेस्टिंग एक अन्य विषय है, जहां निवेश किया जा सकता है. बड़े एएमसी ने भी इस थीम पर राइड करने के लिए एनएफओ के जरिए पैसे जुटाए हैं.

स्मालकैप और मिडकैप: स्मालकैप और मिडकैप भी 2021 में अच्छी वापसी कर सकते हैं. हाल के दिनों में उन्होंने आउटपरफॉर्म किया है. 2017 के बाद से ये अंडरपरफॉर्मर रहे थे. क्योंकि अर्थव्यवस्था महामारी से पहले भी कमजोर दिख रही थी और निवेशक उनसे दूर थे. लॉर्जकैप की तुलना में अच्छी वैल्यूएशन पर उपलब्ध क्वालिटी स्मालकैप में निवेश बेहतर विकल्प हो सकता है.

इक्विटी के साथ, रिटेल निवेशकों को म्यूचुअल फंड एसआईपी मार्ग का पालन करना चाहिए या केवल योग्य पेशेवर सलाहकारों से सलाह के साथ डायरेक्ट इक्विटी में निवेश करना चाहिए.

गोल्ड इन्वेस्टमेंट

स्टैंडर्ड एसेट अलोकेशन के रूप में, पोर्टफोलियो का 10 फीसदी से 12 फीसदी आमतौर पर जोखिम वाले निवेश से हेज के लिए गोल्ड में रखा जाता है. सॉवरेन गोल्ड बांड बेहतर विकल्प है जिसमें एक ही समय में 2.5 फीसदी अधिक रिटर्न मिलता है. वहीं मेच्येारिटी पर लांग टर्म गेंस टैक्स से दूट मिलती है. सोना एक हेज प्रदान कर सकता है. वहीं यह सुरक्षा, स्थिरता और लिक्विडिटी भी दे सकता है.

(लेखक: R Venkataraman, मैनेजिंग डायरेक्टर, IIFL सिक्योरिटीज लिमिटेड)

(Note:  यह लेखक के अपने विचार है. निवेश के पहले एडवाइजर से सलाह जरूर लें.)

Gold Price Equity Mutual Fund