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इस वित्त वर्ष में टैक्स सेविंग का जो लक्ष्य आपने तय किया है, अगर उसे हासिल नहीं किया है तो उसे करने के लिए अब आपके पास महज कुछ ही दिन बचे हैं.
Tax Saving: चालू वित्त वर्ष 2021-22 खत्म होने में अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा है यानी कि इस वित्त वर्ष में टैक्स सेविंग का जो लक्ष्य आपने तय किया है, अगर उसे हासिल नहीं किया है तो उसे करने के लिए अब आपके पास महज कुछ ही दिन बचे हैं. हालांकि टैक्स सेविंग साल भर की कसरत होती है लेकिन कुछ लोग इससे चूक जाते हैं तो अंतिम समय में इसे एग्रेसिव तरीके से करते हैं जिससे वित्तीय दिक्कतें हो सकती हैं. इस प्रकार की किसी समस्या से बचने के लिए इन पांच गलतियों से दूर रहने की कोशिश करें ताकि टैक्स बचत भी हो और वित्तीय लक्ष्य पर नकारात्मक असर न पड़े.
टैक्स देनदारी न कैलकुलेट करना
आय के कई स्रोत होते हैं जैसे कि वेतन से आय, कारोबारी आय, ब्याज, शेयरों या म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न, प्रॉपर्टी बेचने पर हुआ मुनाफा. इन सभी पर टैक्स देनदारी अलग-अलग होती है तो कुछ पर टैक्स बेनेफिट्स भी मिलते हैं. अपनी सभी प्रकार के आय पर टैक्सेबेलिटी कितनी बन रही है, इसका कैलकुलेशन कर लें. इससे आपको यह जानने में आसानी होगी कि टैक्स बचाने के लिए आपको कितना निवेश करना है और इन सभी विकल्पों में टैक्सेशन के प्रावधानों से आप यह तय कर सकेंगे कि किसमें पैसे लगाने से आप टैक्स बचा सकेंगे.
जरूरत से अधिक निवेश
टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में कितने पैसे लगाएं, इसका कैलकुलेशन इसलिए जरूरी है ताकि आपको जरूरत से अधिक निवेश न करें. जरूरत से अधिक निवेश करने पर किसी आपात स्थिति में वित्तीय दिक्कतें हो सकती हैं.
एक ही टैक्स सेविंग विकल्प में पैसे लगाना
अंतिम समय में समय की कमी के चलते अधिकतर लोग कई विकल्पों की तुलना नहीं करने की बजाय अपने पूरे पैसे को एक ही एसेट क्लास में निवेश कर देते हैं. हालांकि ऐसी गलती से बचा जाना चाहिए क्योंकि एक ही एसेट क्लास में निवेश करने से रिस्क बढ़ जाता है. इसके विपरीत एक से अधिक एसेट क्लास में पैसे लगाएंगे तो या एक ही एसेट क्लास की अलग-अलग योजनाओं में पैसे लगाएंगे तो रिस्क कम हो जाएगा. उदाहरण के लिए अपने पूरे पैसे को सिर्फ ईएलएसएस में निवेश करने की बजाय ईएलएसएस के साथ-साथ एनपीएस, टैक्स सेविंग एफडी, पीपीएफ, गोल्ड इत्यादि में भी लगाएं.
शॉर्ट टर्म के मुताबिक टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश
टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट चुनते समय अपने वित्तीय लक्ष्य से समझौता नहीं करना चाहिए. ऐसा टैक्स सेविंग प्रॉडक्ट चुनना चाहिए जो लांग टर्म मे वित्तीय लक्ष्य को पाने में मदद करे. शॉर्ट टर्म वित्तीय लक्ष्य के मुताबिक टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश न करें क्योंकि सभी टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में 3-15 साल तक का लॉक-इन पीरियड होता है. इस लॉक-इन पीरियड बीतने के पहले इसे लिक्विडेट नहीं कर सकते हैं.
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इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय प्लान पर ध्यान न देना
मार्च महीने में टैक्स बचाने के लिए कुछ लोग इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं और कुछ लोग इसे खरीदते समय इससे जुड़ी डिटेल्स पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं. ऐसे में कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि आप गलत पॉलिसी खरीद लें जो आपके लिए उपयोगी न हो यानी कि इसमें पर्याप्त कवरेज न मिले और रिटर्न भी बेहतर न हो. ऐसे में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले अपने परिवार की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त कवरेज वाला लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें.