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बैंक का नाम बदला तो क्या बदलवाने होंगे पासबुक, डेबिट कार्ड और चेक बुक? नियम और अबतक कितने बैंकों के नाम बदले

बैंक का नाम बदलने पर पुराने पासबुक, डेबिट कार्ड और चेकबुक वैलिड रहते हैं या नहीं, या फिर से अप्लाई करने की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं क्या है हकीकत, और साथ ही ये भी जानेंगें कि अब तक कितने बैंकों के नाम बदले जा चुके हैं.

बैंक का नाम बदलने पर पुराने पासबुक, डेबिट कार्ड और चेकबुक वैलिड रहते हैं या नहीं, या फिर से अप्लाई करने की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं क्या है हकीकत, और साथ ही ये भी जानेंगें कि अब तक कितने बैंकों के नाम बदले जा चुके हैं.

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FE Hindi Desk
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After change the name of Bank Customer reaction

RBI ने 21 मई 2025 को नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक का नाम अब स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक कर दिया गया है.(AI generated)

नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक (NESFB) का नाम अब आधिकारिक रूप से बदलकर स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक (Slice SFB) कर दिया गया है. यह नाम बदलाव फिनटेक कंपनी स्लाइस के साथ हुए मर्जर के बाद किया गया है. RBI ने 21 मई 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी कर इस बदलाव की पुष्टि की. इसके बाद कई ग्राहकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी पुरानी चेकबुक, डेबिट कार्ड और पासबुक अब भी काम करेंगी, या फिर उन्हें बैंक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए फिर से नए चेकबुक, डेबिट कार्ड और पासबु के लिए अप्लाई करना पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या है हकीकत, और साथ ही ये भी कि अब तक कितने बैंकों के नाम बदले जा चुके हैं.

बैंक का नाम बदला तो क्या बेकार हो गए पासबुक और कार्ड

बैंक और Slice के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. सभी पुराने बैंकिंग दस्तावेज़ जैसे पासबुक, चेक बुक, डेबिट कार्ड, और IFSC कोड पहले की तरह ही काम करते रहेंगे. बैंक ने आश्वासन दिया है कि ग्राहकों को उनकी सेवाओं में कोई रुकावट नहीं आएगी और समय-समय पर किसी भी बदलाव की जानकारी दी जाएगी.

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NESFB से पहले इन बैंकों के नाम बदले

नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक (NESFB) का नाम बदलकर स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक (Slice SFB) होने से पहले भारत में कई बैंकों के नाम बदले हैं, जिनमें मुख्य रूप से मर्जर और अधिग्रहण यानी एक्वीजीशन (Acquisition) शामिल हैं. आइए एक-एक कर जानते हैं कि अबतक कितने बैंकों के नाम बदल चुके हैं.

सरकारी बैंक का मर्जर (Public Sector Bank Mergers)

भारत सरकार ने बैंकिंग सेक्टर को मज़बूत करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बैंक बनाने के लिए कई बड़े बैंकों का विलय किया. साल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में इसके सहयोगी बैंक - स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का मर्जर किया गया.

इसके बाद 2019-2020 के दौरान विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हुआ. वहीं, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में शामिल किया गया. सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में और इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में हुआ.

2017 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और उसके सहयोगी बैंक -

  • स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर
  • स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद
  • स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
  • स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
  • स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर
  • भारतीय महिला बैंक

इन सभी का मर्जर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में हुआ था.

इसके अलावा 2019-2020 के दौरान विजया बैंक और देना बैंक का मर्जर बैंक ऑफ बड़ौदा में हुआ.

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुआ.

सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में हुआ

आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का मर्जर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में.

इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में हुआ

इन स्मॉल फाइनेंस बैंकों के नाम भी बदले

कुछ को-ऑपरेटिंक बैंक्स या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) ने RBI के गाइडलाइन के तहत स्मॉल फाइनेंस बैंकों के रूप में लाइसेंस हासिल किया, जिसके बाद उनके नाम बदल गए.

  • शिवालिक मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक - यह बदलकर शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक बना.
  • फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक (Fincare Small Finance Bank) - यह हाल ही में AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में मर्ज हो गया

अब प्राइवेट बैंकों की, प्राइवेट सेक्टर में भी कई मर्जर और एक्वीजीशन हुए हैं, जिससे बैंकों के नामों में बदलाव आया है या उनकी पहचान बड़े बैंक में समाहित हो गई है.

  • HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक (2023) - भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, HDFC बैंक में HDFC लिमिटेड का मर्जर हुआ, जिससे एक बड़ी फाइनेंशियल यूनिट बनी.
  • ICICI बैंक और बैंक ऑफ मदुरा (2001) - बैंक ऑफ मदुरा का मर्जर ICICI बैंक में हुआ.
Rbi