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किसान उत्पादक संगठनों (FPO/FPC) के लिए अधिकतम 5 लाख तक की राशि मिलेगी.
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देश में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच बैंक भी लोगों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि वह महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को कोरोना के संकट के बीच उनके फंड की डिमांड को पूरा करने के लिए 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगा. बैंक ने किसान उत्पादक संगठनों (FPO/FPC) के लिए लिक्विडिटी संकट में मदद करने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन का भी एलान किया है, जिसमें अधिकतम 5 लाख तक की राशि मिलेगी.
स्वयं सहायता समूहों को अधिकतम 1 लाख रुपये की मदद
स्वयं सहायता समूहों को अतिरिक्त सहायता देने के लिए बैंक उन्हें कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट या टर्म लोन के तौर पर दे रहा है. बैंक ने बयान में कहा कि लोन की न्यूनतम राशि 30,000 रुपये एक ग्रुप के लिए है और स्कीम के तहत अधिकतम राशि 1 लाख रुपये प्रति सदस्य की दी जाएगी, जिसका 24 महीनों में पुनर्भुगतान करना होगा. इस स्कीम के लिए पुनर्भुगतान मासिक या तिमाही के आधार पर होगा और मोरेटोरियम राशि के मिलने की तारीख से छह महीने की अवधि के लिए होगा.
FPO/FPC के लिए राशि संयुक्त सीमा का 10 फीसदी मंजूर की जाएगी जो अधिकतम 5 लाख रुपये, 36 महीने की अवधि के साथ हो सकती है. इसमें मोरेटोरियम की अवधि छह महीने की होगी.
डेयरी और मत्स्य पालन श्रेणी में बैंक किसान समुदाय को इमरजेंसी फंड की जरूरतों को पूरा करने के लिए इंस्टैंट क्रेडिट देगा जिससे उन्हें खेत के रखरखाव और खेती से संबंधित दूसरे कामों को करने में मदद मिलेगी. बयान में कहा गया कि इसमें सीमा दूसरी कृषि की मंजूर लिमिट की 10 फीसदी (जो कि न्यूनतम 10,000 रुपये) और अधिकतम 50,000 रुपये वर्तमान में मौजूद रेगुलर इंवेस्टमेंट क्रेडिट एग्रीकल्चर अकाउंट्स के लिए होगी.
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फसल बीमा धारकों को इंस्टैंट क्रेडिट
कर्जदाता फसल बीमा धारकों को भी इंस्टैंट क्रेडिट देंगे जिससे कर्जदारकों की कृषि और उससे संबंधित घरेलू कामों में मदद मिलेगी. स्कीम के तहत लोन की सीमा किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूर की गई सीमा की 10 फीसदी जो कि न्यूनतम 10 हजार रुपये और अधिकतम 50 हजार रुपये हो सकती है, वर्तमान केसीसी धारकों के लिए रखी गई है.
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा था कि वह खुदरा कर्ज ग्राहकों को उनकी मार्च महीने में कटी किस्त (EMI) वापस करने की पेशकश कर रहा है. ऐसा इसलिए ताकि ग्राहक कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट की स्थिति में अपनी नकदी जरूरतों को पूरा कर सके. बैंक ने यह विकल्प केवल होम और व्हीकल लोन लेने वाले ग्राहकों को दिया है.