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फर्जीवाड़ा करने वाले एक से एक एडवांस्ड तरीके अपना रहे हैं जिससे आपके बैंक खाते में रखी लाखों की रकम एक झटके में गायब हो सकती है. (Image- Pixabay)
Banking Fraud Alert: जिस तेजी से डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, वैसे ही इससे जुड़े फर्जीवाड़े की घटनाएं भी अधिक संख्या में सामने आ रहे हैं. फर्जीवाड़ा करने वाले एक से एक एडवांस्ड तरीके अपना रहे हैं जिससे आपके बैंक खाते में रखी लाखों की रकम एक झटके में गायब हो सकती है. इसे लेकर केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने एक बुकलेट जारी किया है जिसमें फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों (फ्रॉडस्टर्स) द्वारा अपनाए जाए वाले नए हाई-टेक ट्रिक्स की जानकारी दी गई है.
फ्रॉडस्टर्स लोगों के खाते खाली करने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं. आरबीआई के मुताबिक अनजाने में या जानकारी में किसी के साथ अपनी गोपनीय जानकारियों को साझा करना फ्रॉड होने के सबसे अहम कारणों में से एक हैं ऐसे में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते समय लोगों को सावधान रहना चाहिए. आरबीआई की बुकलेट में फ्रॉडस्टर्स के कई तरीकों की जानकारी दी गई है जिसमें से कुछ से आप परिचित हो सकते हैं लेकिन कुछ ऐसे तरीके भी हैं जिसकी जानकारी कम ही लोगों को है. नीचे फ्रॉड के ऐसे ही पांच तरीकों के बारे में बताया जा रहा है जिससे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.
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फर्जीवाड़ा करने वालों के पांच हाई-टेक तरीके
- नलाइन सेल्स प्लेटफॉर्म के जरिए: फ्रॉडस्टर्स किसी ऑनलाइन सेल्स प्लेटफॉर्म पर खरीदार बनकर जाते हैं, इसमें से अधिकतर दिखावा करते हैं कि वे डिफेंस से हैं और उनकी पोस्टिंग दूर-दराज के इलाकों में हुई है. खरीदारी के बाद वे भुगतान करने की बजाय यूपीआई पर 'रिक्वेस्ट मनी' फीचर का इस्तेमाल करते हैं और फिर वे सेलर से यूपीआई पिन डालकर रिक्वेस्ट को अप्रूव करने को कहते हैं. सेलर के पिन भरते ही पैसे फ्रॉड करने वाले के खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं.
- स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस: फ्रॉड करने वाले किसी शख्स को स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड करने को कहते हैं. इस ऐप के जरिए उनकी पहुंच आपके मोबाइल/लैपटॉप तक हो जाती है और फिर उनके पास आपके बैंकिंग लेन-देन से जुड़ी गोपनीय जानकारियां भी पहुंच जाती है. इन जानकारियों के जरिए आपके खाते को वे खाली कर सकते हैं.
- सर्च इंजन के जरिए फर्जीवाड़ा: अपने बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, आधार अपडेशन सेंटर इत्यादि के कस्टमर केयर के डिटेल्स के लिए गूगल जैसे किसी सर्च इंजन का सहारा लेते हैं. हालांकि फर्जीवाड़ा करने वाले यहां यह खेल करते हैं कि ओरिजिनल कांटैक्ट डिटेल्स की बजाय उनका अपना डिटेल्स वहां दिखे. ऐसे में अगर आपने इन नंबरों पर कॉल लगाई तो फ्रॉडस्टर्स से बात करेंगे और वे आपकी गोपनीय जानकारियों को साझा कर सकते हैं जिसके जरिए वे आपका खाता खाली कर सकते हैं.
- क्यूआर कोड स्कैन: कभी-कभी फ्रॉडस्टर्स एसएमएस या अन्य टेक्स्ट के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं और फिर उन्हें अपने फोन पर एक ऐप के जरिए क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड स्कैन करने का झांसा देते हैं. ऐसे क्यूआर कोड्स को स्कैन करने के बाद फ्रॉडस्टर आपके खाते से पैसे निकालने के लिए अधिकृत हो जाते हैं.
- जूस जैकिंग: किसी मोबाइल का चार्जिंग पोर्ट भी आपके खाते में सेंध लगवा सकता है. फ्रॉडस्टर्स सार्वजनिक स्थानों के चार्जिंग पोर्ट्स में वायरस डाल देते हैं जिसके बाद उसमें चार्जिंग के लिए लगने वाले मोबाइल पर उनका कंट्रोल हो सकता है और वे ई-मेल, एसएमएस, सेव किया हुआ पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारियों को चुरा सकते हैं.