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2020: ग्राहकों के लिए कैसे आसान हुई बैंकिंग, इन बदलावों का मिला फायदा

अन्य कई तरह के बदलावों के साथ-साथ गुजरे साल में देश में बैंकिंग से संबंधित कई बड़े नियमों में बदलाव हुए.

अन्य कई तरह के बदलावों के साथ-साथ गुजरे साल में देश में बैंकिंग से संबंधित कई बड़े नियमों में बदलाव हुए.

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Ritika Singh
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2020 में हुए बैंकिंग सिस्टम से जुड़े बदलाव (Image: PTI)

साल 2020 ने कई तरह के बदलाव देखे. ज्यादातर बदलाव कोरोनावायरस महामारी के चलते हुए. अन्य कई तरह के बदलावों के साथ-साथ गुजरे साल में देश में बैंकिंग से संबंधित कई बड़े नियमों में बदलाव हुए. इनसे आम लोगों के बैंकिंग अनुभव और बेहतर और सरल बना. आइए जानते हैं कि 2020 में बैंकिंग सिस्टम और उससे जुड़े बदलावों ने कैसे ग्राहकों को ज्यादा सहूलियत प्रदान कीं...

रूपे कार्ड और UPI से लेन-देन पर MDR चार्ज नहीं

सरकार ने 1 जनवरी 2020 से रूपे कार्ड और UPI ट्रांजेक्शंस पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) शुल्क का वहन करने का फैसला किया. लिहाजा 50 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को अपने ग्राहकों को बिना किसी MDR शुल्क के डेबिट कार्ड और UPI QR कोड के जरिए भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया. अगर मर्चेंट इस तरह का डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं करते हैं तो उन पर 5000 रु प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना तय किया गया.

बैकों से NEFT हुआ फ्री

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1 जनवरी 2020 से बैंकों से NEFT के जरिए किए जाने वाले लेनदेन के लिए ग्राहकों पर कोई शुल्क नहीं लगने का नियम लाया गया. इससे पहले 16 दिसंबर 2019 से 24 घंटे नेफ्ट ट्रांजेक्शन की सुविधा शुरू की गई.

वीडियो KYC

जनवरी माह में आरबीआई ने आधार बेस्ड वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रॉसेस (V-CIP) को मंजूरी दे दी. यानी अब बैंक, एनबीएफसी और दूसरे लोन देने वाले संस्थान वीडियो बेस्ड आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (V-CIP) का इस्तेमाल अपने कस्टमर्स की केवाईसी के लिए कर सकेंगे. कोरोना काल में एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक समेत कुछ बैंकों ने ग्राहकों के लिए वीडियो केवाईसी सुविधा शुरू की. इससे ब्रांच में जाकर केवाईसी कराने की जरूरत खत्म हुई. इसके अलावा इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा ने भी बीमा कंपनियों को ग्राहकों की वीडियो केवाईसी करने की अनुमति दी.

अब 5 लाख तक की बैंक जमा सुरक्षित

अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाए या डिफॉल्ट कर जाए तो पहले ग्राहकों का किसी बैंक में सभी जमा मिलाकर केवल 1 लाख रुपये तक का अमाउंट सुरक्षित था. लेकिन बजट 2020 में इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया. बैंक जमा पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रे​डिट गारंटी (DICGC) कॉरपोरेशन डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज उपलब्ध कराती है. DICGC भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है. 5 लाख रुपये तक की नई लिमिट एक ग्राहक की एक बैंक की सभी शाखाओं में मौजूद सभी जमाओं मसलन, बचत खाता, एफडी, आरडी आदि को मिलाकर है.

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लोन मोरेटोरियम

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लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गईं, कई उद्योग-धंधे ठप पड़ गए. ऐसे में कई ऐसे लोग जो बैंकों से लोन लिए हुए थे, उनके सामने वक्त से ईएमआई कैसे भरी जाए यह चिंता पैदा हो गई. इस चिंता से राहत देने के लिए आरबीआई ने मार्च माह में लोन मो​रेटोरियम का विकल्प उपलब्ध कराया. इसके कर्जधारक तीन माह के लिए अपनी ईएमआई टाल सकते थे लेकिन इस दौरान उन्हें ब्याज से छूट नहीं थी. पहले लोन मोरेटोरियम मार्च आखिर तक था लेनिक बाद में इसे 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया.

तीन माह के लिए अनलिमिटेड ATM विदड्रॉअल की मिली सुविधा

कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के दौर में मार्च माह में सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए तीन माह तक किसी भी बैंक के डेबिट/ATM कार्ड से किसी भी बैंक ATM से नकद निकासी पर कोई चार्ज नहीं लगने की सहूलियत दी. दूसरे बैंकों के ATM से एक निश्चित संख्या में फ्री नकद निकासी की जा सकती है. उस संख्या के खत्म होने के बाद ट्रांजेक्शन करने पर चार्ज देना होता है. इसके अलावा सरकार ने 3 माह के लिए बचत खाते में मिनिमम मंथली बैलेंस मेंटेन रखने की जरूरत को भी खत्म किया.

बैंक लाए कोविड19 स्पेशल लोन

कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में कई काम धंधे ठप पड़ गए. छोटे या मंझले कारोबारी, मिडिल क्लास लोगों में से कई ऐसे थे, जिनके सामने कैश की कमी का संकट खड़ा हो गया. इनकी परेशानी को दूर करने के लिए कई बैंक कोरोना काल में कोविड19 स्पेशल लोन लेकर आए. ये लोन आसान नियम और कम ब्याज दर पर लॉन्च किए गए.

यस बैंक संकट

मार्च माह में यस बैंक (Yes Bank) पर संकट छाया. बैंक मैनेजमेंट द्वारा तय वक्त के अंदर पुनरुद्धार योजना न ढूंढ पाने के चलते 5 मार्च को RBI ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और बैंक के कामकाज पर पाबंदी लगा दी. साथ ही SBI के पूर्व CFO प्रशांत कुमार एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर 3 अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये कर दी. हालांकि बाद में इस अवधि को घटा दिया गया और 18 मार्च की शाम से बैंक की सभी सेवाएं फिर से शुरू हो गईं.

ओवरड्राफ्ट खाते पर इलेक्ट्रॉनिक कार्ड

RBI अप्रैल माह में बैंकों को ओवरड्राफ्ट (OD) खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की मंजूरी दी. इससे पहले बैंक बचत खाते/चालू खाते वाले ग्राहकों को तो डेबिट कार्ड जारी कर सकते थे. लेकिन नकदी क्रेडिट/ऋण खाता धारकों के लिए कार्ड जैसी कोई सुविधा नहीं थी. लेकिन RBI के नए फैसले से बैंक ऐसे ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को भी इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी कर सकते हैं, जो एक तरह से पर्सनल लोन की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. इस इलेक्ट्रॉनिक कार्ड का इस्तेमाल केवल ऑनलाइन सुविधाओं/कैशलेस लेनदेन तक ही सीमित रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण और जांच प्रक्रिया होगी. हालांकि नकद लेनदेन पर यह प्रतिबंध प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के साथ प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट सुविधा पर लागू नहीं है.

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10 बैंकों का विलय

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1 अप्रैल 2020 को देश में 10 बैंकों का विलय हुआ, जिसके बाद ये चार बैंकों में बदल गए. इस मेगा मर्जर के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हुआ.

OTP के जरिए नकद निकासी

2020 में एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने ATM में होने वाले अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शंस में कमी लाने के मकसद से वन टाइम पासवर्ड (OTP) बेस्ड ATM विदड्रॉल सुविधा को लागू किया. इसके चलते 10,000 रुपये या ज्यादा की राशि ATM से निकालने के लिए SBI और PNB के डेबिट कार्डधारकों को हर बार अपने डेबिट कार्ड पिन के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा गया ओटीपी डालना होगा.

सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल FD

कोरोनावायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों की सहूलियत के लिए कुछ बैंक मई माह में एक खास पेशकश लेकर आए. इसके तहत सिलेक्टेड मैच्योरिटी पीरियड वाली एफडी (Fixed Deposit) में सीनियर सिटीजन के लिए लागू ब्याज दर के ऊपर 0.50 फीसदी तक के एक्स्ट्रा ब्याज की पेशकश की गई. जिन बैंकों ने ये पेशकश की उनमें SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं. SBI ने इस पेशकश को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है, वहीं बाकी तीन बैंकों में यह सुविधा 31 दिसंबर 2020 को खत्म हो रही है.

बैंक लाए लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प

लोन मोरेटोरियम 31 अगस्त को समाप्त होने के बाद दबाव वाले कर्जदारों को राहत पहुंचाने के लिये रिजर्व बैंक ने एकबारगी कर्ज पुनर्गठन की अनुमति बैंकों को दी. कंपनियों और खुदरा कर्जदारों को राहत देने के लिये कर्ज को एनपीए में डाले बिना एकबारगी पुनर्गठन की अनुमति दी गई. इसके तहत बैंकों व एनबीएफसी ने ग्राहकों को लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प पेश किया.

डोर स्टेप बैंकिंग

सितंबर माह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSBs) की डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस पहल को लॉन्च किया. पहले ग्राहकों को घर पर केवल नॉन फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे चेक/डिमांड ड्राफ्ट/पे ऑर्डर आदि का पिक अप, फॉर्म 15G/15H का पिक अप, IT/GST चालान का पिक अप, अकाउंट स्टेटमेंट रिक्वेस्ट, टर्म ​डिपॉजिट रसीद की डिलीवरी आदि ही मुहैया थी. लेकिन वित्तीय सेवाएं अक्टूबर 2020 से उपलब्ध कराई गईं. PSBs के ग्राहक मामूली चार्ज पर इन्हें घर बैठे हासिल कर सकेंगे. ​सीनियर सिटीजन व दिव्यांग सहित सभी को डोर स्टेप बैंकिंग का लाभ मिलेगा.

गोल्ड लोन हुआ और आकर्षक

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2020 में गोल्ड लोन को और भी आकर्षक बनाते हुए बैंकों को गोल्ड ज्वैलरी पर 90 फीसदी तक लोन देने की अनुमति दी. पहले सोने के कुल मूल्य के 75 फीसदी तक ही लोन मिलता था. यह सुविधा 31 मार्च 2021 तक दी गई है.

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डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़ी अतिरिक्त सुविधाएं

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RBI ने सभी बैंकों और कार्ड जारी करने वाली अन्य कंपनियों से ग्राहकों को उनके डेबिट या क्रेडिट अथवा आभासी कार्ड के लिए कार्ड स्विच ऑन/ऑफ करने की सुविधा देने को कहा. साथ ही PoS/ATMs/ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस/कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शंस आदि पर सभी तरह के डॉमेस्टिक व इंटरनेशनल ट्रांजेक्शंस के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट सेट या मॉडिफाई करने की सुविधा (अगर कार्ड की कोई ओवरऑल लिमिट है तो उसके अंदर) देने को भी कहा. इसके अलावा RBI ने नया नियम लागू किया कि ऐसे मौजूदा कार्ड, जिन्हें कभी ऑनलाइन (card not present)/इंटरनेशनल/कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है, वे इस उद्देश्य के लिए अनिवार्य रूप से डिसेबल हो जाएंगे.

यह नियम भी आया कि फिजिकल व वर्चुअल सभी कार्ड्स इश्यू/रीइश्यू करते वक्त भारत के अंदर केवल कॉन्टैक्ट बेस्ड प्वॉइंट्स ऑफ यूसेज जैसे एटीएम और प्वॉइंट ऑफ सेल (PoS) डिवाइसेज पर इस्तेमाल किए जाने के ​योग्य होंगे. कार्ड जारीकर्ता कार्ड धारकों को कार्ड की मौजूदगी के बिना (card not present) होने वाले डॉमेस्टिक व इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन, कार्ड की मौजूदगी के साथ होने वाले इंटरनेशनल ट्रांजेक्शंस और कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शंस इनेबल करने की सुविधा देगा. पहले ये सेवाएं कार्ड के साथ स्वत: आती थीं लेकिन अब ग्राहक के आग्रह पर ही शुरू होंगी. मौजूदा कार्ड्स के लिए कार्ड जारीकर्ता अपने जोखिम पर निर्णय ले सकता है कि कार्डधारक के लिए कार्ड की मौजूदगी रहित डॉमेस्टिक व इंटरनेशनल ट्रांजेक्शंस, कार्ड की मौजूदगी के साथ इंटरनेशनल ट्रांजेक्शंस और कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन अधिकारों को डिसेबल करे या नहीं.

DBS बैंक इंडिया और लक्ष्मी विलास बैंक का विलय

नवंबर माह में संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया में विलय हुआ. यह विलय 27 नवंबर से प्रभावी हुआ. विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं, ग्राहकों और कर्मचारियों को अनिश्चितता के दौर के बाद राहत मिली.

कॉन्टैक्टलेस पेमेंट

लोग कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट की मदद से ज्यादा अमाउंट में और आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकें, इसके लिए दिसंबर माह में मॉनटेरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का फैसला किया गया. पहले यह लिमिट 2000 रुपये थी. यह नियम 1 जनवरी 2021 से लागू है.

डाकघर बचत खाते में मिनिमम बैलेंस हुआ जरूरी

डाकघर ने सेविंग्स अकाउंट से जुड़े नियम में बदलाव करते हुए 500 रुपये का न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने का निर्देश जारी किया. यह नियम 11 दिसंबर से प्रभावी है. डाकघर का कहना है कि अगर वित्तीय वर्ष के अंत तक सेविंग्स अकाउंट में 500 रुपये का मिनिमम बैलेंस बरकरार नहीं रखा जाता है, तो वित्त वर्ष के आखिरी दिन अकाउंट से 100 रुपये की मेंटीनेंस फीस काट ली जाएगी. यह फीस काटने के बाद अगर खाते में बैलेंस जीरो हो गया तो वह अपने आप बंद हो जाएगा.

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कभी भी करें RTGS

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14 दिसंबर से देश में पैसों के ट्रांसफर के लिए RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) सुविधा 24 घंटे, सातों दिन उपलब्ध कराई गई. ग्राहक अब साल के 365 दिन, कभी भी इस सुविधा से पैसों का लेनदेन कर सकते हैं.

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