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HDFC EMI Moratorium: ग्राहकों को 4 विकल्प, सावधानी से करें फैसला; 3 किस्त के चक्कर में 7 महीने एक्स्ट्रा देनी पड़ेगी ईएमआई

देश की बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने भी अपने ग्राहकों को ईएमआई बलने का विकल्प दे दी है.

देश की बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने भी अपने ग्राहकों को ईएमआई बलने का विकल्प दे दी है.

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Sushil Tripathi
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EMIs on eligible home loan accounts linked to MCLR will get cheaperby around Rs. 24.00 per 1 lakh on a 30 year loan.

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HDFC Ltd EMI Moratorium Options: रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद बहुत से बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने अपने ग्राहकों को ईएमआई के पेमेंट करने में 3 महीने की राहत देने का निर्णय लिया है. देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने भी अपने ग्राहकों को गुरूवार को यह सुविधा दे दी है. इसके लिए एचडीएफसी लिमिटेड ने 4 विकल्प भी दिए हैं, जिन्हें सावधानी से चुनने की जरूरत है. अगर बिना सोचे समझे कोई विकल्प चुनते हैं तो यह आप की परेशानी बढ़ाने वाली भी हो सकती है. हो सकता है कि 3 किस्त टालने के चक्कर में आपको 7 किस्त एक्स्ट्रा देने पड़ जाएं. यानी लोन की अवधि आगे 10 महीने के लिए बढ़ जाए. इसकी वजह से कैसे आप पर असर पड़ सकता है, इसके लिए हम यहां एक उदाहरण दे रहे हैं. इसके लिए एचडीएफसी द्वारा जो विकल्प दिए गए हैं, उसी को आधार बनाया गया है.

HDFC Ltd के 4 विकल्प

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1. पहले विकल्प में कहा गया है कि मोरेटोरियम पीरियड में किस्त नहीं देने पर जो ब्याज बनता है, जून में उसका एक मुश्त भुगतान किया जाए.

2. दूसरे विकल्प में कहा गया है कि इस दौरान जो भी ब्याज बने, उसे लोन की बाकी रकम में जोड़ दिया जाए. और उसे बची हुई ईएमआई में बराबर से बांट दिया जाए.

Example: इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मान लें कि आपने करीब 29 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए लिया है. इस पर मंथली बनने वाली ईएमआई 25225 रुपये के करीब होती है. अबतक आप 12 किस्त चुका चुके हैं और 228 किस्तें बाकी हैं. अब अगर आप मोरेटोरियम का विकल्प चुनकर 3 माह ईएमआई टालते हैं तो 3 महीने बाद आपकी ईएमआई 25225 की जगह 25650 रुपये के करीब हो जाएगी. यहां आपकी ईएमआई की बची अवधि 228 ही रहेगी.

3. तीसरा विकल्प यह है कि ईएमआई को न बदला जाए लेकिन लोन की अवधि बढ़ा दी जाए.

Example: उपर जो उदाहरण दिया गया है, उसी कंडीशन में अगर ईएमआई बढ़ाने का विकल्प लेते हैं तो उनमें बची ईएमआई की अवधि 228 की जगह 238 हो जाएगी. यानी आप पर 7 ईएमआई का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा. या ऐसे समझ लें कि आपकी ईएमआई की अवधि 10 महीने बढ़ा दी जाएगी.

4. चौथा विकल्प यह है कि आप पहले की तरह सामान्य तौर पर ईएमआई कटने दें.

छूट नहीं, सिर्फ ईएमआई टालने का विकल्प

लेकिन यह साफ ​करना भी जरूरी है कि यह सिर्फ ईएमआई को 3 महीने टालने का विकल्प है. ऐसा नहीं है कि बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां 3 महीने ईएमआई नहीं लेंगी. इन 3 महीनों की किस्त को आगे एडजस्ट किया जाएगा. इसे कैसे एडजस्ट किया जाएगा, इसके लिए बैंक विकल्प भी दे रहे हैं, जिन्हें सावधानी से चुनने की जरूरत है. इसके लिए आपको यह देखना होगा कि बैंक जिस तरह के विकल्प दे रहे हैं, उनमें से आप किसके लिए तैयार हैं. बेहतर तो यह है कि अगर जरूरत न हो तो पहले की तरह ही ईएमआई कटने दें.

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