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दिवाली पर मिलने वाला गिफ्ट आपको टैक्स के दायरे में ला सकता है.
Diwali Gifts: दिवाली पर गिफ्ट का लेन-देन आम बात है. आमतौर पर लोग अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहयोगियों और बिजनेस पार्टनर्स को उपहार देते हैं. कई बार कंपनियां अपने कर्मचारियों को भी दिवाली पर तोहफे देती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि दिवाली पर मिलने वाले गिफ्ट आपकी टैक्स देनदारी भी बढ़ा सकते हैं? अगर आपने पहले कभी इस बारे में नहीं सोचा तो अब समझ लीजिए कि महंगे तोहफों का टैक्स देनदारी पर क्या असर हो सकता है.
डेलॉइट (Deloitte) इंडिया की पार्टनर आरती रावटे ने बताया कि 50 हजार रुपये से ऊपर के गिफ्ट्स टैक्स के दायरे में आते हैं. ऐसा गिफ्ट रिसीव करने वाले व्यक्ति की इनकम में जुड़ जाता है, जिसके लिए उसे टैक्स का भुगतान करना होगा. हालांकि इनकम टैक्स एक्ट में करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट्स को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. आयकर अधिनियम के मुताबिक ऐसे करीबी रिश्तेदारों की परिभाषा में माता-पिता, पति या पत्नी और सगे भाई-बहन शामिल हैं. मिसाल के तौर पर अगर कोई भाई अपनी बहन को 50 हजार से ज्यादा कीमत का उपहार देता है, तो बहन को उस पर गिफ्ट टैक्स नहीं देना होगा.
टैक्सेशन से जुड़ी सेवाएं और सलाह देने वाले पोर्टल क्लियर के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता के मुताबिक दिवाली हो या कोई और मौका, महंगे गिफ्ट आपको इनकम टैक्स के दायरे में ला सकते हैं या आपकी टैक्स देनदारी बढ़ा सकते हैं. कुछ करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाले उपहार टैक्स फ्री भी हो सकते हैं, लेकिन दोस्तों, व्यावसायिक संबंधों और कंपनी से मिलने वाले गिफ्ट आमतौर पर टैक्सेबल होते हैं. अर्चित गुप्ता ने ऐसे गिफ्ट्स के बारे में समझाते हुए कई उदाहरण दिये हैं.
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दोस्तों से गिफ्ट
50 हजार रुपये से कम कीमत के उपहार गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं. लेकिन ये लिमिट पूरे साल के दौरान मिले सभी गिफ्ट्स को मिलाकर देखी जाती है. अगर यह रकम 50,000 रुपये या उससे ज्यादा है, तो पूरी राशि टैक्स के दायरे में आती है. उदाहरण के तौर पर अगर आप अपने दोस्त से नया कैमरा खरीदने के लिए मदद के तौर पर 20,000 रुपये लेते हैं, तो आप टैक्स के दायरे से बाहर हैं. लेकिन कुछ महीनों के बाद आपका दूसरा दोस्त आपको हॉलिडे वेकेशन की प्लानिंग के लिए 25,000 रुपये देता है. इसके बाद आपका 25वां जन्मदिन आता है, तो आपके दोस्तों से फिर 10,000 रुपये मिलते हैं. इन सब उपहारों को जोड़ दें तो कुल रकम 55 हजार रुपये हो गई, जो टैक्स के लिए तय 50,000 रुपये की सीमा से अधिक है. ऐसे में यह पूरी रकम टैक्सेबल होगी. इस इनकम को 'अन्य स्रोतों से हुई आय' की कैटेगरी में रखा जाएगा और उस पर आपके स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. हालांकि आप उसी फाइनेंशियल इयर में गिफ्ट की रकम को वापस कर देते हैं, तो आप टैक्स से बच सकते हैं.
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करीबी रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट
कुछ करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के तहत पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन या उनके लाइफ पार्टनर, पति-पत्नी के भाई-बहन और उनके पार्टनर, माता-पिता के भाइयों और बहनों को करीबी रिश्तेदार माना गया है. इसके अलावा शादी के दौरान मिले उपहार भी टैक्स फ्री होते हैं. लेकिन दिवाली या जन्मदिन पर मिलने वाले तोहफे टैक्सेबल हैं. ये नियम वहां भी लागू होते हैं, जहां देने गिफ्ट देने या लेने वाला अनिवासी होता है.
यानी इस दिवाली पर अगर आप अपने बच्चों या माता-पिता को पैसे या गोल्ड देने का प्लान कर रहे हैं, तो उन्हें उस पर टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन अगर आपने अपनी पत्नी को कोई प्रॉपर्टी गिफ्ट में दी है और उससे कोई आय होती है तो वह आपकी इनकम में जुड़ जाएगी, जिस पर आपको स्लैब के हिसाब से आयकर भरना होगा.
कंपनी द्वारा दिये जाने वाले गिफ्ट्स
कर्मचारियों को दिवाली या शादी जैसे मौकों पर अपनी कंपनी से मिलने वाले गिफ्ट, टैक्स के दायरे में आते हैं. इसी तरह परफॉर्मेंस बोनस या अन्य कोई भी तोहफा जो किसी व्यक्ति को बतौर कर्मचारी मिलता है वो टैक्सेबल होता है. लेकिन कंपनी अगर अपने कर्मचारियों को 5 हजार रुपये तक नकद या उसके बराबर कीमत का गिफ्ट देती है, तो उस पर गिफ्ट टैक्स नहीं लगेगा.
(Article : Amitava Chakrabarty)