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Invest in early age: एक्सपर्ट निवेशकों को यही सलाह देते हैं कि जितनी जल्दी संभव हो, बाजार में निवेश शुरू करना चाहिए.
Invest in Early Age: एक नौकरीपेशा के लिए यह जरूरी है कि वह अपने नौकरी के दौरान ही इस तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग कर ले कि उसे रिटायरमेंट पर रुपये पैसे का तनाव न हो. लेकिन कई बार वह निवेश शुरू करने को लेकर देरी कर जाता है. दिग्गज निवेशक हों या मार्केट एक्सपर्ट, निवेशकों को यही सलाह देते हैं कि जितनी जल्दी संभव हो, बाजार में निवेश शुरू करना चाहिए. इसके अलावा वे निवेशकों से अपना निवेश लंबी अवधि का नजरिया बनाकर करने की सलाह देते हैं. निवेश जल्दी शुरू करने और देर तक बनाए रखने से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. कंपाउंडिंग पावर से आपका निवेश कई गुना ज्यादा बढ़ सकता है. इसे आसानी से उदाहरण के साथ समझ सकते हैं.
इसे एक उदाहरण से समझा सकता है. मान लीजिए कि किसी ने 25 साल की उम्र में निवेया शुरू किया है तो किसी ने 35 साल और किसी ने 40 साल में. सभी ने अपना निवेश रिटायरमेंट तक यानी 60 की उम्र तक बनाए रखा है. यहां तीनों की केस स्टडी से समझते हैं. तीनों केस में ऐसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया गया है, जहां सालाना अनुमसनित रिटर्न 8 फीसदी है.
25 साल की उम्र से निवेश शुरू करने पर
मंथली निवेश: 5 हजार रुपये
अनुमानित रिटर्न: 8 फीसदी सालाना
निवेश की अवधि: 35 साल
आपका कुल निवेश: 21 लाख रुपये
निवेश्या की कुल वैल्यू: 1.2 करोड़ रुपये
फायदा: 94.5 लाख रुपये
35 साल की उम्र से निवेश शुरू करने पर
मंथली निवेश: 5 हजार रुपये
अनुमानित रिटर्न: 8 फीसदी सालाना
निवेश की अवधि: 25 साल
आपका कुल निवेश: 15 लाख रुपये
एसआईपी की कुल वैल्यू: 48 लाख रुपये
फायदा: 33 लाख रुपये
40 साल की उम्र से निवेश शुरू करने पर
मंथली निवेश: 5 हजार रुपये
अनुमानित रिटर्न: 8 फीसदी सालाना
निवेश की अवधि: 20 साल
आपका कुल निवेश: 12 लाख रुपये
एसआईपी की कुल वैल्यू: 30 लाख रुपये
फायदा: 18 लाख रुपये
कितना फायदा
35 साल के दौरान 21 लाख के निवेश पर जहां कुल फंड 1.2 करोड़ तैयार हो रहा है, वहीं निवेश पर 94.5 लाख रुपये का फायदा होगा. यहां आपका निवेश 450 फीसदी बढ़ा है.
25 साल के दौरान 15 लाख के निवेश पर कुल वैल्यू 48 लाख रुपये होगी और निवेश पर कुल फायदा 33 लाख रुपये होगा. यहां आपका निवेश 220 फीसदी बढ़ा है.
20 साल के दौरान 12 लाख के निवेश पर एसआईपी वैल्यू 30 लाख रुपये होगी और निवेश पर कुल फायदा 18 लाख रुपये होगा. यहां आपका निवेश 150 फीसदी बढ़ा है.
निवेश के बेस्ट विकल्प
इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंड, पीपीएफ, गवर्नमेंट बांड, नेशनल पेंशन सिस्टम, फिक्स्ड डिपॉजिट. यहां म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में 8 से 10 फीसदी रिटर्न मिल रहा है तो एनपीएस में 6 से 8 फीसदी सालाना रिटर्न संभव है. पीपीएफ में अभी ब्याज 7.1 फीसदी सालाना है तो गवर्नमेंट बांड पर 7 से 8 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है. वहीं एफडी पर 5.25 फहसदी से 7.25 फीसदी सालाना रिटर्न मिल रहा है. यहां कुछ विकल्पों में 5 साल या 15 साल मेच्योरिटी पीरियड है, लेकिन उसे आगे 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं.
क्या है कंपाउंडिंग
इसे सीधे सीधे ऐसे समझ सकते हैं कि निवेश पर आपकी जो कमाई होती है, उसे फिर से निवेश कर देना कंपाउंडिंग है. इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. कंपाउंडिंग आपके निवेश को बढ़ाने का बड़ा जरिया है. आपको भी इसका फायदा उठाना है तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश एक बेहतर विकल्प है.