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Midcap Funds: थोड़ा रिस्क लेकर लंबी अवधि में हाई रिटर्न चाहते हैं तो मिडकैप म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हो सकते हैं. (pixabay)
Best Mutual Funds to Invest: पिछले कुछ सालों में इक्विटी म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश से बचने वाले निवेशक रिस्क कम करने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिए बाजार में पैसा लगा रहे हैं. इसमें भी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी मोड में निवेश ज्यादा पॉपुलर विकल्प है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इक्विटी फंड पूरी तरह से रिस्क फ्री है, इक्विटी में एक्सपोजर होने के चलते इनमें भी रिस्क होते हैं. लेकिन यहां आपका पैसा एक कुशल फंड मैनेजर की देखरेख में सिर्फ एक ही स्टॉक की बजाए, अलग अलग कई मजबूत स्टॉक में लगाया जाता है, जिससे डाइवर्सिफिकेशन मिलता है और रिस्क कम हो जाता है. अगर आप थोड़ा रिस्क लेकर लंबी अवधि में हाई रिटर्न चाहते हैं तो मिडकैप म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हो सकते हैं.
क्या हैं मिडकैप फंड
मिडकैप म्यूचुअल फंड निवेशकों के फंड का बड़ा हिस्सा मिडकैप कंपनियों के स्टॉक में लगाते हैं. मिड कैप कैटेगरी में वे कंपनियां आती हैं, जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन मिड साइज का होता है. इन कंपनियों का मार्केट कैप 5000 करोड़ रुपये से लेकर 20,000 करोड़ रुपये तक होता है. इसी वजह से इनमें विस्तार करने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. ऐसे में इनकी ग्रोथ का फायदा शेयर में तेजी के रूप में मिलता है. वैसे तो ये कंपनियां लार्जकैप कंपनियों की तुलना में काफी अस्थिर होती हैं, लेकिन इनमें हाई ग्रोथ की क्षमता होती है.
5 साल में सबसे अधिक रिटर्न वाले मिडकैप फंड
Quant Mid Cap: 27%
PGIM Ind Midcap: 25%
Motilal Oswal Midcap: 24.61%
Nippon Ind Growth: 23.58%
Edelweiss Mid Cap: 23.52%
Mahindra Manulife Mid Cap: 23%
Kotak Emrgng Eqt: 22.79%
HDFC Mid-Cap: 22.46%
SBI Magnum Midcap: 22.44%
Tata Midcap Growth: 22%
Baroda BNP Paribas Midcap: 21.48%
Invesco Ind Midcap: 20.82%
Axis Midcap: 20.26%
यहां क्वांट मिडकैप फंड में 5 साल में सबसे अधिक 27 फीसदी सालाना रिटर्न मिला है. इस लिहाज से अगर किसी ने 1 लाख रुपये निवेश किया होता तो 5 साल बाद उसका पैसा करीब 3.3 लाख हो गया.
किसे निवेश करना चाहिए?
ये स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हैं, जो थोड़ा रिस्क लेकर लंबी अवधि में हाई रिटर्न चाहते हैं. ऐसे फंड में निवेश करते समय अपना लक्ष्य कम से कम 3 साल से 5 साल रखना चाहिए. लंबी अवधि के लिए किया गया निवेश बाजार के रिस्क को बैलेंस करता है. ये फंड लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं, इसलिए अगर जो निवेशक लंबी अवधि में निवेश के लिए तैयार हैं, वे मिड कैप फंड में निवेश कर सकते हैं.
मिड कैप: निवेश करते समय किन बातों का ध्यान
म्यूचुअल फंड स्कीम का लंबे समय में प्रदर्शन
एक्सपेंस रेश्यो
म्यूचुअल फंड की रिस्क प्रोफाइल
फंड मैनेजर की एक्सपर्टीज
मिड कैप में निवेश के फायदे
मिड-कैप कंपनियां आकार में लार्जकैप से छोटी होती हैं, लेकिन उनमें ग्रोथ करने की पर्याप्त क्षमता होती है. वे मार्केट में आने वाले इनोवेशन को आसानी से एडॉप्ट कर सकेती हैं. ऐसे में भविष्य में उनके लार्ज-कैप कंपनियों में बदलने की भी संभावनाएं होती हैं. मिडकैप से लार्जकैप बनने की यात्रा के दौरान ये कंपनियां भारी रिटर्न दे सकती हैं. वहीं इस दौरान मिडकैप फंड का भी प्रदर्शन दमदार रह सकता है. इनमें भले ही लार्जकैप की तुलना में अस्थिरता होती है, लंबी अवधि में इनका रिटर्न लार्जकैप की तुलना में कई गुना हो सकता है. वहीं इनमें बाजार के उतार चढ़ाव के दौरान स्मॉलकैप की तरह बहुत ज्यादा अस्थिरता नहीं आती है.
मिडकैप में निवेश के रिस्क
लिक्विडिटी रिस्क इनमें प्रमुख है. क्योंकि मिड कैप इक्विटी में ट्रेड लार्ज-कैप की तरह व्यापक रूप से नहीं किया जा सकता है, जिससे निवेशकों के लिए शेयर आसानी से खरीदना और बेचना लार्जकैप की तुलना में कुछ कठिन हो जाता है. जिससे निवेशकों के लिए लेनदेन लागत बढ़ सकती है.
बाजार की वोलेटिलिटी मिड कैप फंडों में निवेश से जुड़े प्रमुख जोखिमों में से एक है. मिडकैप कंपनियां बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रति लार्जकैप की तुलना में अधिक सेंसिटिव हो सकती हैं, जिससे उनमें अस्थिरता हो सकती है. बाजार में गिरावट या आर्थिक अनिश्चितता के दौर में मिड कैप फंड खरीदने वाले निवेशकों को कैप फंड की तुलना में ज्यादा नुकसान हो सकता है.
इनमें लार्जकैप की तुलना में एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा हो सकता है, जिससे मिलने वाला रिटर्न प्रभावित होता है.