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Best Mid-Cap Funds: हमने यहां कुछ ऐसे मिडकैप फंड के बारे में जानकारी दी है, जिनमें 3 साल, 5 साल और 10 साल के दौरान हाई रिटर्न मिलता आया है. (Pixabay)
Best Midcap Mutual Funds For 2024: बीते साल इक्विटी सेग्मेंट में मिडकैप (Midcap Stocks) का प्रदर्शन मजबूत रहा है. 1 साल में बीएसई मिडकैप इंडेक्स 45 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है. मिडकैप शेयरों में जहां रैली रही है, वहीं मिडकैप मयूचुअल फंड्स (Midcap Funds) ने भी इस दौरान शानदार रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि मैक्रो लेवल पर सेंटीमेंट बेहतर हैं, घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है, ग्रोथ इंडीकेटर्स अच्छे संकेत दे रहे हैं, ऐसे में आगे भी मिडकैप का प्रदर्शन बेहतर रहने वाला है. वैसे भी घरेलू निवेशकों के लिए मिडकैप हमेशा पसंद रहा है. इसके पीछे वजह यह है कि बाजार में लंबी रैली आने पर ये लार्जकैप की तुलना में हाई रिटर्न देते हैं.
ऐसे में अगर आप हाई रिटर्न चाहते हैं, लेकिन मिडकैप स्टॉक्स में सीधे पैसा लगाने से बच रहे हैं तो इनमें म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड बाजार में मिडकैप स्टॉक में पैसे लगाने वाली ऐसी कई स्कीम हैं, जो लगातार हाई रिटर्न देती आ रही है. हमने यहां कुछ ऐसे मिडकैप फंड के बारे में जानकारी दी है, जिनमें 3 साल, 5 साल और 10 साल के दौरान हाई रिटर्न मिलता आया है. बता दें कि मिडकैप फंड द्वारा आपका पैसा अलग अलग मिडकैप शेयरों में लगाया जाता है. पोर्टफोलियो में कई शेयर होने से रिस्क कम हो जाता है.
3 साल में बेस्ट रिटर्न वाले फंड
Quant Mid Cap: 36%
Motilal Oswal Midcap: 35.60%
Nippon Ind Growth: 32.63%
Mahindra Manulife Mid Cap: 32%
HDFC Mid-Cap Opp: 32%
5 साल में बेस्ट रिटर्न वाले फंड
Quant Mid Cap: 30%
PGIM Ind Midcap Opp: 26.60%
Nippon Ind Growth: 25.87%
Motilal Oswal Midcap: 25.70%
Edelweiss Mid Cap: 25.33%
10 साल में बेस्ट रिटर्न वाले फंड
Kotak Emrgng Eqt: 24%
Edelweiss Mid Cap: 23.84%
HDFC Mid-Cap Opp: 23%
Invesco Ind Midcap: 22.58%
Tata Midcap Growth: 22.29%
क्या होते हैं मिडकैप फंड
मिड-कैप फंड म्यूचुअल फंड की वह कैटेगरी है, जो मिड साइज के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इनमें आमतौर पर मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से टॉप 100 के बाद से 101 से 250 की रैंक वाली कंपनियां शामिल हैं. इनमें लार्जकैप की तुलना में रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन स्मॉलकैप की तुलना में ये बाजार के उतार चढ़ाव को बेहतर तरीके से हैंडल कर सकती हैं. ये फंड आमतौर पर लार्ज-कैप फंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं लेकिन उनकी तुलना में अधिक अस्थिर होते हैं. दूसरी ओर, वे स्मॉल-कैप फंडों की तुलना में अधिक स्थिर होते हैं लेकिन कम हो सकता है.
मिडकैप में किसे करना चाहिए निवेश
मिडकैप फंड में लंबी अवधि में हाई रिटर्न मिलता है, जिसके चलते एक्सपर्ट इनमें उन्हीं निवेशकों को पैसा लगाने की सलाह देते हैं, जिनका लक्ष्य कम से कम 3 से 5 साल के लिए हो. मिडकैप फंड उन निवेशकों के लिए भी उपयुक्त हैं, जो लार्जकैप के साथ ही अलग अलग सेक्टर की मिडकैप कंपनियों के शेयरों के साथ अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना चाहते हैं. इससे उन्हें हाई रिटर्न मिलने के चांस बढ़ जाते हैं.
टैक्स के नियम
म्यूचुअल फंड में निवेश पर दो तरीके से रिटर्न मिलता है- डिविडेंड और कैपिटल गेन्स. लार्ज-कैप फंड पर अन्य इक्विटी फंडों की तरह टैक्स लगाया जाता है.
डिविडेंड पर टैक्स: साल 2020 के बजट तक, लार्ज-कैप फंडों में निवेश से हासिल होने वाला डिविडेंड टैक्स फ्री था क्योंकि फंड हाउस को निवेशकों को जरूरी डिविडेंड देने से पहले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) का भुगतान करना पड़ता था. लेकिन बजट 2020 में इस नियम में बदलाव किया गया. अब इन्वेस्टमेंट फंड द्वारा दिए गए डिविडेंड को उनकी कुल इनकम में जोड़ा जाता है और इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. अभी एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये तक का डिविडेंड टैक्स-फ्री है.
कैपिटल गेन्स पर टैक्स: अगर इक्विटी फंड्स का होल्डिंग पीरियड 12 महीने से कम का है तो इस पर मिलने वाला प्रॉफिट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स होगा और इस पर फ्लैट 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. 12 महीने से अधिक तक की होल्डिंग पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स होगा और 1 लाख रुपये तक का गेन्स टैक्स-फ्री है. 1 लाख रुपये से अधिक का लांग टर्म कैपिटल गेन्स 10 फीसदी की दर से टैक्सेबल होता है और इस पर इंडेक्सेशन बेनिफिट भी नहीं मिलता है.