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बचत और निवेश के साथ ही समझदारी से टैक्स प्लानिंग भी जरूरी है. (File)
Tax Saver Mutual Funds/ELSS: बचत और निवेश के साथ ही समझदारी से टैक्स प्लानिंग भी जरूरी है, खासतौर से सैलरीड क्लास के लिए. बेहतर है कि ऐसी योजनाओं में निवेश किया जाए, जहां हायर रिटर्न की गुंजाइश के साथ टैक्स बेनेफिट भी मिल सके. मार्केट में टैक्स बचाने के लिए ऐसी कई स्कीम हैं. कुछ स्कीम हैं, जहां रिटर्न की गारंटी है, लेकिन यह रिटर्न सिंगल डिजिट में ही होगा. वहीं कुछ स्कीम हैं, जहां गारंटीड रिटर्न वाली योजनाओं की तुलना में कुछ रिस्क जरूर है, लेकिन रिटर्न डबल या ट्रिपल भी मिल सकता है. इन्हीं में म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक विकल्प है. यह लंबी अवधि में निवेशकों के लिए बड़ा फंड तैयार करने में मदद कर सकते हैं. नजर डालते हैं कुछ टॉप परफॉर्मिंग इनकम टैक्स सेवर फंड पर.
SBI Long Term Equity Fund
20 साल का SIP रिटर्न: 17.16 फीसदी
1 लाख के निवेश की 20 साल में वैल्यू: 43.23 लाख
6000 मंथली SIP की 20 साल में वैल्यू: 1.03 करोड़
कम से कम निवेश: 500 रुपये
कम से कम SIP: 500 रुपये
कुल एसेट्स: 9878 करोड़ (30 जून, 2022 तक)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.77% (31 मई, 2022 तक)
ICICI Pru LT Equity Fund
20 साल का SIP रिटर्न: 17 फीसदी
1 लाख के निवेश की 20 साल में वैल्यू: 40.89 लाख
6000 मंथली SIP की 20 साल में वैल्यू: 1.02 करोड़
कम से कम निवेश: 500 रुपये
कम से कम SIP: 500 रुपये
कुल एसेट्स: 9072 करोड़ (30 जून, 2022 तक)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.91% (31 मई, 2022 तक)
HDFC Taxsaver Fund
20 साल का SIP रिटर्न: 16 फीसदी
1 लाख के निवेश की 20 साल में वैल्यू: 37.24 लाख
6000 मंथली SIP की 20 साल में वैल्यू: 87.50 लाख
कम से कम निवेश: 500 रुपये
कम से कम SIP: 500 रुपये
कुल एसेट्स: 8716 करोड़ (30 जून, 2022 तक)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.83% (31 मई, 2022 तक)
Tata India Tax Savings Fund
20 साल का SIP रिटर्न: 15.6 फीसदी
1 लाख के निवेश की 20 साल में वैल्यू: 29.18 लाख
6000 मंथली SIP की 20 साल में वैल्यू: 85.20 लाख
कम से कम निवेश: 500 रुपये
कम से कम SIP: 500 रुपये
कुल एसेट्स: 2743 करोड़ (30 जून, 2022 तक)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.78% (31 मई, 2022 तक)
ELSS में निवेश के फायदे
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि इस कटेगिरी में ज्यादातर स्कीम में 3 साल का लॉक इन पीरियड है, वहीं रिटर्न दूसरे टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले हाई है. ELSS में से कम से कम 80 फीसदी एक्सपोजर इक्विटी में होता है. इस वजह से हायर रिटर्न की गुंजाइश बढ़ जाती है. इससे यह टैक्स सेविंग का पॉपुलर विकल्प हो गया है. ELSS के रिटर्न पर नजर डालें तो निवेशकों को 5 साल में कई स्कीम में 12 से 18 फीसदी तक रिटर्न मिला है. अच्छी बात है कि लॉक इन पीरियड पूरा होन के बाद भी निवेश जबतक चाहें जारी रख सकते हैं. यानी यह लंबी अवधि के निवेश को भी बढ़ावा देता है, जिसके जरिए भविष्य में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी मिल सकती है.
ELSS में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को भी चुन सकते हैं. ELSS में निवेश पर होने वाला लाभ और रिडम्पशन से मिली राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. ELSS के जरिए 1 साल में 1 लाख रुपए तक रिटर्न पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) को इनकम टैक्स से छूट है. हालांकि इस लिमिट से अधिक लाभ पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है.
(Disclaimer: यहां जानकारी म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन और एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर दी गई है. बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. इसलिए निवेश के पहले एडवाइजर से सलाह लें.)