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देश में कैशलैस ट्रांजैक्शन तेजी से बढ़ रहा है. ट्रांजैक्शन में क्रेडिट और डेबिट कार्ड का चलन भी बढ़ा है. ऐसे में इनमें धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा देखा जा रहा है. डेबिट या क्रेडिट कार्ड के साथ धोखाधड़ी के जरिए अपराधी आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं. अगर आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भी फ्रॉड होता है, तो आपको क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं.
अगर आपको अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए किसी संदिग्ध ट्रांजैक्शन का पता चलता है, तो आपको तुरंत संबंधित बैंक को इसकी शिकायत करनी चाहिए औक कार्ड या अकाउंट को ब्लॉक कराना चाहिए. आपको बैंक से संदिग्ध ट्रांजैक्शन के माध्यम और उसके बारे में जानकारी लेनी चाहिए.
ऐसे करें शिकायत
क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के साथ फ्रॉड की शिकायत करने के लिए आपके पास यह जानकारी मौजूद रहनी चाहिए:
- संबंधित बैंक से पिछले छह महीने की बैंक स्टेटमेंट लें.
- संदिग्ध ट्रांजैक्शन सं संबंधित आपको प्राप्त हुए एसएमएस की एक कॉपी बना लें.
- अपनी बैंक की पासबुक की कॉपी संभालकर रखें.
- बैंक के रिकॉर्ड के मुताबिक, आईडी प्रूफ और ए़ड्रेस प्रूफ की कॉपी को रख लें.
इन दस्तावेजों के साथ अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं और वहां पूरी घटना की जानकारी और वर्णन देकर आधिकारिक शिकायत को दर्ज कराएं.
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ऐप के जरिए फ्रॉड की स्थिति में क्या करें
धोखाधड़ी करने के लिए कुछ फर्जी ऐप्स भी मौजूद हैं. अगर आपके साथ किसी ऐप के जरिए वित्तीय फ्रॉड हुआ है, तो आप इन दस्तावेजों के साथ उस जालसाज ऐप का स्क्रीनशॉट लें. इसके साथ जिस जगह से उसे आपने डाउनलोड किया है, उसकी भी जानकारी और स्क्रीनशॉट रख लें और पुलिंस को दें जिससे उन्हें मदद मिलेगी.
इसके अलावा क्रेडिट या डेबिट कार्ड के साथ फ्रॉड से बचने के लिए कभी भी फोन, एसएमएस या ईमेल पर मांगी गई वन टाइम पासवर्ड (OTP), क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, कार्ड का सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डेट, सिक्योर पासवर्ड और एटीएम पिन की जानकारी न दें.
(नोट: यह जानकारी दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट की वेबसाइट से ली गई है.)