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PF Interest Rate: केंद्र सरकार पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर पर अज यानी 4 मार्च को बड़ा फैसला ले सकती है.
PF Interest Rate: केंद्र सरकार पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर पर अज यानी 4 मार्च को बड़ा फैसला ले सकती है. 4 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक होने जा रही है, जिसमें ईपीएफओ (EPFO) की कमाई और उसकी वित्तीय हालत पर चर्चा के बाद यह फैसला लिया जाएगा. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से हुई बहुत अधिक निकासी और योगदान में आई कमी के चलते ब्याज दर घट सकती है. ऐसा होता है तो ईपीएफओ के 6 करोड़ से भी अधिक सब्सक्राइबर्स को 4 मार्च को बड़ा झटका लग सकता है. पिछले कुछ सालों में ब्याज दर में आई गिरावट की वजह से पीएफ से होने वाली कमाई पर भी बड़ा असर पड़ा है. ईपीएफओ अपना अधिकतर हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है.
पीएफ पर ब्याज दर निचले स्तर पर
बता दें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरें 8.5 फीसदी थी. 2019-20 के लिए PF पर मिलने वाली ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है. वित्त वर्ष 2018-19 में EPFO ने सब्सक्राइबर्स को 8.65 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान किया था.
7 साल में कैसे बदली दरें
वित्त वर्ष 2019-20: 8.5 फीसदी
वित्त वर्ष 2018-19: 8.65 फीसदी
वित्त वर्ष 2017-18: 8.55 फीसदी
वित्त वर्ष 2016-17: 8.65 फीसदी
वित्त वर्ष 2015-16: 8.8 फीसदी
वित्त वर्ष 2013-14: 8.75 फीसदी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन हर वित्तीय वर्ष के लिए पीएफ फंड पर ब्याज दर की घोषणा करता है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों की घोषणा करते हुए बोर्ड ने कहा था कि वह 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में दो किस्तों में 8.5 फीसदी ब्याज का भुगतान करेगा. पहली किस्त में 8.15 फीसदी डेट इन्वेस्टमेंट से और दूसरी किस्त में 0.35 फीसदी ब्याज का भुगतान इक्विट से किया जाएगा.
बजट में भी लगा था झटका
प्रॉविडेंट फंड को लेकर सब्सक्राइबर्स को बजट 2021 में भी झटका लगा था. बजट में पीएफ में योगदान पर टैक्स छूट को लेकर नियम बदला था. नए नियम में हाई इनकम ब्रैकेट वाले लोगों को पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की छूट को कम किया गया है. अगर किसी शख्स का पीएफ में सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये से ज्यादा होगा तो 2.5 लाख रुपये से ज्यादा वाली रकम पर उसे जो भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना होगा.