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भारतीयों के पास 1 फीसदी से कम बिट कॉइन हैं. (Image- Reuters)
Bitcoin Investment Rise in 2020: बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के प्रति भारतीय निवेशकों का भी आकर्षण तेजी से बढ़ा है. पिछले चार वर्षों में इसने निवेशकों को 5759 फीसदी की तगड़ा रिटर्न दिया है. 1 जनवरी 2016 के एक बिटक्वाइन का भाव लगभग 28,820 रुपये था जो बढ़कर इस समय यानी 22 दिसंबर को 16,80,817 रुपये तक पहुंच गया है. इस साल 2020 की बात करें तो इस साल निवेशकों को इससे 218 फीसदी का रिटर्न मिला है. इस साल की शुरुआत में 3 जनवरी को एक बिटक्वाइन का भाव 5,27,263 रुपये था. निवेशकों को उम्मीद ही कि इसमें आगे भी तेजी बनी रहेगी. ऐसे में इसमें निवेश तेजी से बढ़ रहा है.
देश के सबसे पुराने और सबसे अधिक प्रयोग किए जाने वाले बिटक्वाइन और क्रिप्टो एसेट एक्सचेंज Zebpay के मुताबिक, इस साल 2020 में उसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में तिमाही से तिमाही की 270 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और ट्रेडिंग यूजर्स की संख्या में 218 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा ऐप डाउनलोड्स में 143 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. जेबपे अगले साल नई सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसके तहत निवेशक SIP के जरिए भी बिट कॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश कर सकेंगे.
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बिटक्वाइन में SIP के जरिए भी कर सकेंगे निवेश
ZebPay के मुताबिक, अगले वर्ष 2021 में क्रिप्टो में एक्सपोनेंशियल ग्रोथ यानी जबरदस्त बढ़त देखने को मिल सकता है. जेबपे की योजना अगले साल तीन नई सेवाओं को लांच करना है. इसके तहत एक नया ऐप बिटकॉइन लांच किया जाएगा जिसके जरिए यूजर्स को महज एक क्लिक के जरिए लाखों निवेशकों को बिट कॉइन में निवेश की सुविधा मिलेगी. जेबपे की योजना अगले साल जेब्रा टोकन लांच करने की है जिसके जरिए निवेशकों के सामने क्रिप्टो का एक बड़ा बाजार खुलेगा. जेबपे अगले साल एसआईपी, पैसिव इनकम और अपनी क्रिप्टो होल्डिंग के आधार पर क्रिप्टो उधार लेने जैसी वित्तीय सेवाएं भी शुरू करने की योजना है.
1 फीसदी से कम बिटक्वाइन भारतीयों के पास
दुनिया भर में बिटक्वाइन के प्रति क्रेज बढ़ता जा रहा है. भारतीय भी इससे अछूते नहीं है. हालांकि इसके बावजूद दुनिया भर में मौजूद बिटक्वाइन में एक फीसदी से भी कम भारतीयों के पास है. जेबपे ने उम्मीद जताई है कि अगले साल 2021 में कई इंस्टीट्यूशंस और गवर्नमेंट ऑफिसियल्स इसे मान्यता देंगे जिससे बिटक्वाइन गैप को कम करने में मदद मिलेगी. जेबपे का कहना है कि वे नीति निर्धारकों से बिटक्वाइन को लेकर हेल्दी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए संपर्क करेंगे. भारतीय निवेशकों का रूझान अब अपने लांग टर्म पोर्टफोलियो में इसे शामिल करने पर बढ़ रहा है.
क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को सुप्रीम कोर्ट दे चुकी है मंजूरी
दो साल पहले केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 अप्रैल 2018 को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था. इसके मुताबिक केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक लगा दी गई थी. हालांकि, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में गया और इस साल मार्च 2020 में कोर्ट ने आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसीज पर लगाए गए प्रतिबंध को खारिज कर दिया. चूंकि बिटक्वाइन को लेकर अभी भारत में कोई निर्धारित नियम नहीं हैं और इससे जुड़ा कोई रेगुलेशंस या गाइडलाइंस नहीं है जिससे बिट कॉइन्स के लेन-देन में विवाद का निपटारा किया जा सके. इस प्रकार बिट कॉइन में निवेश करने का फैसला पूरी तरह निवेशकों के अपने रिस्क पर होता है.