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बैंक कम कर रहे हैं FD रेट; ना लें टेंशन, डेट ETF में मिल सकता है हाई रिटर्न

अगर आप बांड ईटीएफ में मेच्योरिटी तक निवेश किए रखते हैं तो इंट्रेस्ट रेट रिस्क या वोलैटेलिटी रिस्क नहीं है.

अगर आप बांड ईटीएफ में मेच्योरिटी तक निवेश किए रखते हैं तो इंट्रेस्ट रेट रिस्क या वोलैटेलिटी रिस्क नहीं है.

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FE Online
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Bond Exchange Traded Funds debt etf Good option for fixed income investors in current scenerio of bank defaults and low fd rate

बांड ईटीएफ पर निश्चित मेच्योरिटी अवधि के कारण मार्केट रिस्क नहीं है.

Debt ETF: बैंकों में एफडी पर घटती ब्याज दरें और हाल ही में कुछ बैंकों के डिफॉल्ट होने के कारण फिक्स्ड इनकम वाले निवेशकों के सामने निवेश के लिए समस्या खड़ी हो गई है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की बात करें तो 1 साल के एफडी पर ब्याज दर 4.9 फीसदी है. डिफॉल्ट्स और इकोनॉमिक स्लोडाइन की चिंताओं के बीच निवेशक अपने निवेश की सुरक्षा के बारे में अधिक सोच रहा है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ योजनाओं और आरबीआई की फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड्स जरूर सुरक्षित हैं और बेहतरीन रिटर्न देते हैं लेकिन यहां लिक्विडिटी की समस्या सामने आती है. ऐसे में डेट ETF एक बेहतरीन विकल्प है.

निश्चित मेच्योरिटी अवधि के कारण मार्केट रिस्क नहीं

बांड ईटीएफ की एक मेच्योरिटी अवधि होती है जिसके कारण इसके पोर्टफोलियो में शामिल सिक्योरिटीज पर कोई मार्केट रिस्क नहीं होता. बांड ईटीएफ के पोर्टफोलियो में ट्रिपल ए रेटेड पीएसयू बांड या संयुक्त रूप से ट्रिपल ए रेटेड और स्टेट डेवलपमेंट लोन्स (SDLs) होते हैं. ट्रिपल ए रेटेड पीएसयू बांड सोवरेन सिक्योरिटी के समान होते हैं और एसडीएल राज्यों द्वारा इशू किए गए सिक्योरिटी होते हैं जो क्वासी सोवरेन (quasi-sovereign) हैं. ईटीएफ आमतौर पर इक्विटी शेयरों में ट्रेडिंग की तरह ही होते हैं और इनकी खरीद या रिडेंप्शन में एएमसी की कोई भूमिका नहीं होती है. हालांकि बड़े ट्रांजैक्शन में जब बड़े निवेशकों की डिमांड बढ़ती है तो एएमसी यूनिट तैयार करने में अपनी भूमिका निभाता है.

बांड ईटीएफ में निवेश के लाभ

अगर आप बांड ईटीएफ में निवेश करते हैं तो इसके कई लाभ हैं.

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  • क्रेडिट रिस्क बहुत कम है, लगभग न के बराबर क्योंकि यह निवेश ट्रिपल ए रेटेड पीएसयू बांड्य या ट्रिपल ए रेटेड और एसडीएल में होता है.
  • अगर आप मेच्योरिटी तक निवेश किए रखते हैं तो इंट्रेस्ट रेट रिस्क या वोलैटेलिटी रिस्क नहीं है.
  • टैक्स एफिशिएंसी. ओपन इंडेड डेट पंड या एफएमपी के समान डेट ईटीएफ को भी तीन साल या उससे अधिक समय तक होल्ड करने पर इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा. इंडेक्स होने के बाद नेट कैपिटल गेंस पर 20 फीसदी का टैक्स लगेगा. हालांकि इंडेक्सेशन के फायदे को देखते हुए टैक्स रेट को नजरअंदाज किया जा सकता है.
  • बांड ईटीएफ में लिक्विडिटी की सुविधा उपलब्ध है. ओपन इंडेड म्यूचुअल फंड्स में लिक्विडिटी मिलती है. बांड ईटीएफ में लिक्विडिटी एएमसी द्वारा तय किए गए मार्केट मेकर्स के जरिए तय होती है.
  • एएमसी इन फंड्स के लिए जो एक्सपेंस रेशियो लेता है, वह लगभग न के बराबर होता है.

कैश फ्लो के हिसाब से मेच्योरिटी चुन करें निवेश

बांड ईटीएफ में निवेश करने के लिए किसी ब्रोकर के पास या मोबाइल आधारिक ट्रेडिंग ऐप पर एक ट्रेडिंग अकाउंट और एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए. इनकी खरीद या रिडेंप्शन एएमसी या म्यूचु्अल फंड डिस्ट्रिब्यूटर के जरिए नहीं होती है, बल्कि यह आप ही करते हैं. पोर्टफोलियो और मेच्योरिटी डेट जैसी डिटेल्स एएमसी के वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं. आप अपने कैश फ्लो के हिसाह से मेच्योरिटी चुनकर इसे खरीद सकते हैं.

(Writer- Joydeep Sen, Corporate Trainer (debt markets) and Author)

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