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इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचत के प्रोडक्ट्स में एक नया सेगमेंट बन सकता है.
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Budget 2020: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 2.0 सरकार का बजट पेश करेंगी. बजट को लेकर सभी सेक्टर्स की अपनी उम्मीदें हैं. केंद्र सरकार बजट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचत के प्रोडक्ट्स में एक नया सेगमेंट बना सकती है. आने वाले बजट में ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में सेक्शन 80C के भीतर एक अलग सेगमेंट का एलान कर सकती हैं, जिसमें नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में 50,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी.
ऐसी उम्मीद भी की जा रही है कि सेक्शन 80C में छूट की सीमा वर्तमान में मौजूद सालाना 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जा सकती है. इसके अलावा इनकम टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाया जा सकता है.
वर्तमान में NSC में 1.5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्शन मिलता है. हालांकि, सभी टैक्सपेयर्स केवल NSC में निवेश करके सेक्शन 80C की सीमा को खत्म नहीं कर सकते. अधिकतर टैक्सपेयर्स सैलरी पाने वाले व्यक्ति होते हैं. प्रोविडेंट फंड और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में उनके योगदान को सेक्शन 80C के बेनिफिट का क्लेम करते समय देखा जाता है.
NSC बन जाएगा ज्यादा आकर्षक
अगर सरकार 50,000 रुपये तक की राशि पर टैक्स छूट के लिए अलग सेगमेंट बनाती है, तो इससे NSC टैक्सपेयर्स के लिए आकर्षक विकल्प बन सकता है. इसके कई कारण हैं. पहला, NSC का मेच्योरिटी पीरियड 5 साल का है. टैक्स बचत के लिए सामान्य टैक्सपेयर्स के समक्ष 5 साल की अवधि वाला विकल्प पांच साल की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है, जो बैंक और पोस्ट ऑफिस उपलब्ध कराते हैं. अगर NSC में सेक्शन 80C के भीतर अलग सेगमेंट होता है, तो टैक्सपेयर्स अपनी बचत को इस योजना में लगाएंगे. दूसरा, वर्तमान में इसमें बैंक और पोस्ट ऑफिस की एफडी से बेहतर ब्याज दर मिल रही है. NSC के साथ सॉवरेन गारंटी है, बैंक एफडी में ये बेनिफिट नहीं है.
वर्तमान में NSC में 7.9 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है. आज अगर आप इस स्कीम में 10,000 रुपये जमा करते हैं तो मेच्योरिटी के बाद 14,625 रुपये का रिटर्न मिलेगा. 25,000 रुपये जमा करने पर 36,563 रुपये का रिटर्न मिलेगा और 50,000 रुपये के डिपॉजिट पर 73,126 रुपये मिलेंगे.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स ?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेक्शन 80C की सीमा को बढ़ाने और टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने से लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा आएगा. इससे लोग ज्यादा बचत कर सकेंगे. Deloitte Haskins & Sells LLP की दिव्या बवेजा ने बताया कि 80C की सीमा को बढ़ाना और टैक्स स्लैब में बदलाव काफी समय से चल रही मांगें हैं. उनके मुताबिक ये दोनों मांगें सरकार को उसके बड़े लक्ष्यों जैसे सभी के लिए इंश्योरेंस और घर को पूरा करने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि आज सेक्शन 80C की सीमा 1.5 लाख रुपये है और यह कुछ सालों से हैं. उनके मुताबिक यह मांग कुछ सालों से है और अब सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए.
(Story: राजीव कुमार)