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Budget 2020: नए टैक्स स्लैब में 15 लाख की इनकम पर बचेंगे 78000 रु, लेकिन चुकानी पड़ेगी कीमत; चार्ट से समझें

Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2020 में आयकरदाताओं को राहत तो दी लेकिन एक शर्त भी रख दी.

Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2020 में आयकरदाताओं को राहत तो दी लेकिन एक शर्त भी रख दी.

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Ritika Singh
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Budget 2020: Impact of new optional income tax slab on tax liability of taxpayers, how one can save upto 78000 rupee

Budget 2020: Impact of new optional income tax slab on tax liability of taxpayers, how one can save upto 78000 rupee

Budget 2020, Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2020 में आयकरदाताओं को राहत तो दी लेकिन एक शर्त भी रख दी. लोकसभा में अपनी बजट स्पीच में वित्त मंत्री ने आयकर दरों के नए स्लैब प्रस्तावित किए. लेकिन नए टैक्स रेट वैकल्पिक हैं. यानी करदाता चाहे तो पुराने टैक्स रेट और नए टैक्स रेट में चुनाव कर सकता है. बजट स्पीच में कहा गया है कि वै​कल्पिक टैक्स स्लैब के जरिए करदाता 15 लाख रुपये और इससे ज्यादा की आय पर 78000 रुपये टैक्स बचा सकता है.

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नए वैकल्पिक टैक्स स्लैब सीनियर सिटीजन के लिए भी लागू होंगे. बता दें कि मौजूदा टैक्स स्लैब में सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स की दर अलग है. लेकिन नए वैकल्पिक स्लैब में सीनियर सिटीजन को अलग से कोई रियायत नहीं मिलेगी. बजट 2020 में प्रस्तावित वैकल्पिक टैक्स स्लैब इस तरह हैं...

सालाना आयटैक्स रेट
0 से 2.5 लाख रु तक0%
2.5 लाख से 5 लाख रु तक5%
5 लाख से 7.50 लाख रु तक10%
7.50 लाख से 10 लाख रु तक15%
10 लाख से 12.50 लाख रु तक20%
12.50 लाख से 15 लाख रु तक25%
15 लाख रु से ज्यादा30%

आयकर के मौजूदा स्लैब

टैक्स रेटसामान्य नागरिकवरिष्ठ नागरिक (60-80 साल)
अति वरिष्ठ नागरिक 
(80 साल से अधिक)
0%2.5लाख रु तक3 लाख रु तक5 लाख रु तक
5%2,50,001 से 5,00,000 रु तक3,00,001 से 5,00,000 रु तकशून्य
20%5,00,001 से 10 लाख रु तक5,00,001 से 10 लाख रु तक
5,00,001 से 10 लाख रु तक
30%10 लाख से अधिक10 लाख से अधिक10 लाख से अधिक

कहां फंसा है पेंच

अब आते हैं कि इस राहत के साथ पेंच कहां फंसा हुआ है. दरअसल सरकार ने एक शर्त रखी है. नए टैक्स स्लैब को अपनाने वाले आयकरदाता आयकर कानून के चैप्टर VI-A के तहत मिलने वाले टैक्स डिडक्शन और एग्जेंप्शन का फायदा नहीं ले पाएंगे. यानी उन्हें एलटीए, एचआरए, स्टैंडर्ड डिडक्शन, होम लोन, एलआईसी, हेल्थ इंश्योरेंस आदि के जरिए टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा.

सीए समीर गोगिया के मुताबिक, अगर करदाता आयकर कानून के तहत मिलने वाले टैक्स एग्जेंप्शन और टैक्स डिडक्शन का फायदा लेना चाहता है तो उसे पुराने टैक्स स्लैब या यूं कहें मौजूदा टैक्स स्लैब के साथ जाना होगा.

वैकल्पिक टैक्स स्लैब कहां करा रहा बचत

बजट स्पीच के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और वह किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये का भुगतान करना होता, जबकि नई कर दर के अनुसार अब उसे 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा. अतः नई कर व्यवस्था में उसका कर भार 78,000 रुपये कम हुआ है. नए घोषित 5 टैक्स स्लैब करदाताओं की कहां बचत करा रहे हैं, इसे इस चार्ट से समझा जा सकता है...

अगर करदाता आयकर कानून के चैप्टर VIA के तहत कोई डिडक्शन क्लेम नहीं करता है...

Budget 2020: Impact of new optional income tax slab on tax liability of taxpayers, how one can save upto 78000 rupee

अगर करदाता 2 लाख रु तक का डिडक्शन लेता है...

Budget 2020: Impact of new optional income tax slab on tax liability of taxpayers, how one can save upto 78000 rupee

सेविंग्स में आएगी कमी

समीर गोगिया का यह भी कहना है कि नए वैकल्पिक टैक्स स्लैब को अपनाने वालों के लिए ग्रॉस इनकम ही टैक्सेबल इनकम हो जाएगी. यह टैक्स स्लैब उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो वर्तमान में हाथ में ज्यादा पैसा रखने में यकीन रखते हैं. इस स्लैब के साथ जाने पर सेविंग्स में कमी आएगी क्योंकि लोग अभी टैक्स बचाने के चक्कर में कई तरह के विकल्पों में निवेश करते हैं. लेकिन जो लोग फ्यूचर के लिए सेविंग्स करना चाहते हैं और निवेश विकल्पों की मदद लेना चाहते हैं, उनके लिए मौजूद टैक्स स्लैब ही बेहतर है.

वित्त विधेयक में किए गए प्रावधानों के अनुसार, विकल्प का इस्तेमाल प्रत्येक पिछले वर्ष के लिए किया जा सकता है, जहां किसी व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की व्यवसाय से कोई आमदनी नहीं है और अन्य मामलों में यदि विकल्प का एक बार पिछले वर्ष के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है, तो वह पिछले वर्ष और उसके बाद के सभी वर्षों के लिए मान्य होगा.

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