/financial-express-hindi/media/member_avatars/WhatsApp Image 2024-03-20 at 5.16.35 PM (1).png )
/financial-express-hindi/media/post_banners/tavfnkDpkOL1fzcTp74a.jpg)
Home Loan Interest Deduction Limit Not Enough: मौजूदा वित्त वर्ष में लोगों पर ब्याज का बोझ बेहिसाब बढ़ा है. लेकिन इनकम टैक्स में होम लोन इंटरेस्ट पर डिडक्शन की लिमिट अब भी साल में 2 लाख रुपये ही है.
Home Loan Interest Deduction Limit Needs To Be Increased : ब्याज भरते रहे, लोन बढ़ता रहा…होम लोन के मामले में कहीं आपके साथ भी ऐसा ही तो नहीं हो रहा है? मौजूदा वित्त वर्ष (2022-23) के दौरान ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण होम लोन भरने वाले कई लोगों के साथ यही हुआ है. बरसों तक ईएमआई भरने के बावजूद उन पर होम लोन का बोझ घटने की बजाय बढ़ गया है. दरअसल मई से दिसंबर 2022 के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 225 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर दी. जिसके चलते कॉमर्शियल बैंकों या एनबीएफसी ने अपने होम लोन की दरें भी बढ़ा दीं. नतीजा ये हुआ कि या तो लोगों की ईएमआई काफी बढ़ गई या फिर होम लोन का टेन्योर कई साल लंबा हो गया.
मिडिल क्लास टैक्स पेयर का दर्द
जिन मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स ने कई महीने बाद, हाल ही में अपने होम लोन एकाउंट देखे, वे सदमे में आ गए. कई लोगों के साथ ऐसा हुआ कि 20 साल (240 महीने) के जिस होम लोन की पूरी किस्त वे पिछले 3 साल से भर रहे थे, उसका टेन्योर अब भी 238 महीने बचा हुआ है! यानी 36 महीने तक ईएमआई भरी, लेकिन कम हुईं सिर्फ 2 किस्तें! इनकम टैक्स के मौजूदा नियम ब्याज के मारे ऐसे लोगों की परेशानी और बढ़ा रहे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि होम लोन के रेट बढ़ने की वजह से वे अब साल में पहले से कहीं ज्यादा ब्याज चुका रहे हैं, लेकिन इनकम टैक्स छूट के लिए होम लोन इंटरेस्ट की लिमिट अब भी वही है - महज 2 लाख रुपये! रेट हाइक के दौर में यह लिमिट कितनी नाकाफी हो चुकी है, यह आगे दिए उदाहरण से साफ हो जाएगा.
Also Read : Budget 2023: ‘आत्मनिर्भर भारत’ प्रोग्राम का लीडर बन सकता है फार्मा सेक्टर, बजट से क्या हैं इंडस्ट्री उम्मीदें
कितना बढ़ा होम लोन इंटरेस्ट का बोझ
रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट बढ़ाने से आप पर ब्याज का बोझ किस कदर बढ़ गया है, इसे एक उदाहरण से समझते हैं :
- मान लीजिए, आपने अप्रैल 2022 में 15 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन 7.50% ब्याज पर लिया.
- इस इंटरेस्ट रेट के हिसाब से आपकी मंथली EMI 27,810 रुपये बनेगी.
- होम लोन के पहले साल में आपको 2,21,184 रुपये ब्याज के तौर पर देने पड़ेंगे.
- ब्याज दर और EMI उतनी ही रहती, तो तीसरे साल तक आपका सालाना ब्याज भुगतान घटकर 2,03,032 रुपये हो जाता. यानी टैक्स छूट के लिए लागू 2 लाख रुपये की लिमिट के लगभग बराबर.
- लेकिन अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच RBI ने रेपो रेट 2.25% बढ़ा दिया.
- अगर होमलोन की दर में भी इतनी ही बढ़ोतरी हुई हो, तो आपके होम लोन नई ब्याज दर 9.75% हो जाएगी.
- होम लोन का टेन्योर पहले जितना ही, यानी 15 साल बना रहे, तो आपको 27,810 रुपये की जगह 31,781 रुपये ईएमआई भरनी होगी.
- इस स्थिति में आपको एक साल में ब्याज के तौर पर 2,21,184 रुपये की जगह 2,88,419 रुपये भरने होंगे. जबकि छूट सिर्फ 2 लाख रुपये पर ही मिलेगी.
- बैंक आमतौर पर ईएमआई उतनी ही रखकर होम लोन का टेन्योर बढ़ा देते हैं.
- अगर आपके बैंक ने भी ऐसा ही किया, यानी EMI को 27,810 रुपये ही रखा, तो ब्याज दर 7.5% से बढ़कर 9.75% होने पर होम लोन का टेन्योर 15 साल से बढ़कर करीब 22 साल हो जाएगा.
- ऐसा होने पर एक साल में आपको 2,21,184 रुपये की जगह 2,90,702 रुपये ब्याज भरना होगा, लेकिन छूट 2 लाख रुपये पर ही मिलेगी !
- ब्याज दर बढ़ने की वजह से होम लोन का बोझ आपको 15 साल की जगह 22 साल तक उठाना पड़ेगा वो अलग!
Also Read : Budget 2023: क्या होती है सब्सिडी, क्या है इसका मकसद, बीते 10 बजट में क्या रहा हाल
क्या टैक्सपेयर का दर्द सुनेंगी वित्त मंत्री?
आरबीआई ने ब्याज दर में जितनी बढ़ोतरी की है, उससे होमलोन लेने वालों पर ब्याज का बोझ किस कदर बढ़ गया है, यह ऊपर दी गई मिसाल से साफ है. इस उदाहरण में यह अंतर सालाना 67,235 रुपये (2,88,419-2,21,184) से लेकर 69,518 रुपये (2,90,702-2,21,184) तक है. अगर किसी बैंक या एनबीएफसी ने होम लोन की दरों में रेपो रेट से ज्यादा बढ़ोतरी की है, तो उनके ग्राहकों को ब्याज के रूप में इससे भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा होगा. लेकिन इनकम टैक्स के मौजूदा नियम साल में 2 लाख से ज्यादा के ब्याज पर कोई राहत नहीं देते. यानी आपको उस रकम पर भी इनकम टैक्स भरना होगा, जो दरअसल आप ब्याज के रूप में बैंक के हवाले कर चुके हैं! इन हालात में मिडिल क्लास टैक्सपेयर का यह सवाल पूछना तो बनता है कि मैडम फाइनेंस मिनिस्टर, क्या आप होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली 2 लाख रुपये की टैक्स छूट को और बढ़ाने पर विचार करेंगी?