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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2022 पेश किया.
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2022 पेश किया. इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, हालांकि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में टैक्स छूट का दायरा बढ़ा दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों द्वारा एनपीएस में किए जाने वाले निवेश पर डिडक्शन को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का फैसला किया है. बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को NPS में निवेश पर 14% तक की टैक्स राहत मिलती है, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत मिलती है. अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी 14% टैक्स राहत देने का फैसला किया गया है.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में क्या कहा
वित्त मंत्री ने कहा, “वर्तमान में, केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) टीयर-। में अपने कर्मचारियों के वेतन में 14 प्रतिशत का योगदान करती है. हालांकि, राज्य सरकार के कर्मचारियों के मामले में ऐसी कटौती वेतन के 10 प्रतिशत की सीमा तक ही स्वीकृत की गई है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों के कर्मचारियों के प्रति समान व्यवहार करने के लिए, मैं राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं. इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों के सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स को बढ़ाने और उन्हें केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के समान लाने में मदद मिलेगी.”
डेलॉयट इंडिया की पार्टनर सरस्वती कस्तूरीरंगन कहती हैं, "एनपीएस में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन के लिए कटौती राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर 10% से बढ़कर 14% हो गई, लेकिन गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए नहीं." यह कदम राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच समानता लाने और सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स को बढ़ाने के लिए है. आगे चलकर राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के एनपीएस खाते में किया जाने वाला योगदान भी 10 फीसदी के बजाय 14 फीसदी होगा.
क्या है NPS
यह योजना वर्ष 2004 में शुरू की गई थी और पहले इसमें सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही निवेश कर सकते थे लेकिन 2009 में इसे सभी के लिए खोल दिया गया. इस योजना के तहत रिटायरमेंट से पहले तक योगदान किया जाता है और फिर रिटायरमेंट के समय यानी 60 साल की उम्र पूरी होने पर इकट्ठी हुई राशि के एक हिस्से को एकमुश्त निकाल सकते हैं और शेष बची हुई राशि से नियमित तौर पर पेंशन के रूप में आय पा सकते हैं.
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