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Car Loan: इस दिवाली पर खरीदनी है नई गाड़ी, तो कार लोन लेने से पहले इन बातों का ज़रूर रखें ध्यान

कई लेंडर त्योहारी सीजन के दौरान अपने कार लोन के प्रोसेसिंग फीस को या तो कम कर देते हैं या माफ कर देते हैं. इसलिए आपको बैंकों की तुलना करते समय उनके प्रोसेसिंग चार्ज की भी तुलना करनी चाहिए.

कई लेंडर त्योहारी सीजन के दौरान अपने कार लोन के प्रोसेसिंग फीस को या तो कम कर देते हैं या माफ कर देते हैं. इसलिए आपको बैंकों की तुलना करते समय उनके प्रोसेसिंग चार्ज की भी तुलना करनी चाहिए.

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त्योहारी ऑफर के तहत बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते लोन उपलब्ध कराते हैं और इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस समेत कई तरह की छूट भी देते हैं.

Car Loan: भारत में त्योहारी सीजन के दौरान नई खरीदारी करना शुभ माना जाता है. कई लोग खरीदारी के लिए पूरे साल त्योहारी सीजन का इंतजार करते हैं. ज्यादातर बैंक त्योहारी सीजन में अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए कई तरह के त्योहारी ऑफर का ऐलान भी करते हैं. इस त्योहारी ऑफर के तहत बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते लोन उपलब्ध कराते हैं और इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस समेत कई तरह की छूट भी देते हैं. ये भी एक वजह है कि भारतीय नई खरीदारी के लिए त्योहारी सीजन का इंतजार करते हैं. अगर आप भी इस त्योहारी सीजन में नई कार खरीदना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन मौका साबित हो सकता है. यहां हमने बताया है कि फेस्टिव सीजन के दौरान कार लोन खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

  1. लोन एप्लिकेशन सबमिट करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करें.

कार लोन एप्लिकेशन को मंजूरी देने से पहले बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते हैं ताकि आपकी साख का आकलन किया जा सके. ज्यादातर बैंक आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर लोन की ब्याज दरें तय करते हैं. अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 या इससे ज्यादा है तो ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल जाए. इसके उलट, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है या 750 से कम है तो आपके लिए सस्ता लोन प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. अपना लोन एप्लिकेशन सबमिट करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट ऑनलाइन लेंडिंग मार्केटप्लेस या क्रेडिट ब्यूरो से जरूर प्राप्त कर लें. ऐसा करके आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी या गलत लेनदेन की पहचान कर सकते हैं. इस तरह आप अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं.

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2. अलग-अलग बैंकों के ब्याज दरों की तुलना

कार मॉडल, लेंडर, क्रेडिट स्कोर, रिपेमेंट कैपेसिटी और जॉब प्रोफ़ाइल समेत कई चीजों के आधार पर आपके लोन की ब्याज दर तय होती है. कई कार फाइनेंस कंपनियां कम ब्याज दरों की पेशकश कर सकती हैं. फेस्टिव मार्केट में ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को लुभाने के लिए कई लेंडर्स नए और/या मौजूदा ग्राहकों को सीमित अवधि के लिए कार लोन की ब्याज दरों पर विशेष छूट प्रदान करते हैं. इसलिए, आपको बैंकों के विशेष कार लोन ऑफ़र की ठीक से पड़ताल करनी चाहिए. इसके अलावा आप लेंडर्स द्वारा दी जाने वाली कार लोन रेट्स की तुलना ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस में कर सकते हैं.

3. एलटीवी रेश्यो को कंपेयर करें.

कार लोन का एलटीवी रेश्यो लेंडर द्वारा फाइनेंस्ड कार की कीमत का अनुपात है. शेष रकम बॉरोअर को डाउन पेमेंट के तौर पर खुद देनी होती है. कार लोन का एलटीवी रेश्यो, बॉरोअर की जोखिम लेने की क्षमता और क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकते हैं. कार लोन के लिए अलग-अलग लोन ऑफर्स की तुलना करते समय एलटीवी रेश्यो पर भी विचार करना चाहिए. आपको कार लोन लेते समय डाउन पेमेंट के तौर पर ज्यादा अमाउंट देने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इससे आपकी ब्याज लागत कम होती है. इसके अलावा, अधिक डाउन पेमेंट करने से भी बेहतर डील और कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. हालांकि आपको ज्यादा डाउन पेमेंट करने के लिए अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर आपको फाइनेंशियल इमरजेंसी या लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स को पूरा करने के लिए बाद में महंगा लोन लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

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4. आय के 50 फीसद से ज्यादा ना हो EMI 

ज्यादातर लेंडर्स चाहते हैं कि आपके कार लोन की मासिक किस्त आपकी मासिक आय के 50 फीसदी से ज्यादा ना हो. इसके अलावा, कार लोन आवेदकों को EMI का विकल्प चुनते समय महीने के अपने जरूरी खर्चों जैसे फाइनेंशियल गोल्स, बीमा प्रीमियम और किराया जैसी चीजों को भी ध्यान में रखना चाहिए. इन सबके बाद अगर आपके पास पर्याप्त रकम है तो फिर आपको अपने ओवरऑल ब्याज लागत को कम करने के लिए सबसे कम रिपेमेंट टेन्योर का विकल्प चुनना चाहिए. लेकिन अगर आपको लगता है कि आपके पास पर्याप्त रकम नहीं है तो फिर आपको अपने EMI के बोझ को कम करने के लिए लंबी अवधि का विकल्प चुनना चाहिए.

5. प्रोसेसिंग फीस की तुलना करना भी है जरूरी

सामान्य तौर पर कार लोन का प्रोसेसिंग चार्ज लोन रकम के 2% तक हो सकता है, वहीं कई लेंडर त्योहारी सीजन के दौरान अपने कार लोन के प्रोसेसिंग शुल्क को या तो कम कर देते हैं या माफ कर देते हैं. इसलिए आपको बैंकों की तुलना करते समय उनके प्रोसेसिंग चार्ज की भी तुलना करनी चाहिए. कार लोन के लिए एक बड़े रकम की जरूरत होती है. ऐसे में 2 फीसदी प्रोसेसिंग फीस भी आपके लिए ज्यादा हो सकता है. इसके अलावा, इस बात की भी जांच कर लेनी चाहिए कि कहीं लेंडर प्रोसेसिंग फीस में कमी या छूट की भरपाई के लिए कोई उच्च शुल्क या ब्याज दर तो नहीं ले रहा है.

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6. प्री-पेमेंट चार्जेज को चेक करें

कार लोन की रि-पेमेंट अवधि के दौरान प्री-पेमेंट के ज़रिए आप अपने लोन की अवधि या मासिक किस्त की रकम को घटा सकते हैं. आरबीआई ने लेंडर्स को फ्लोटिंग रेट वाले लोन के प्री-क्लोजर या एडवांस क्लोजर पर लगने वाली पेनाल्टी को बंद करने के लिए कहा है. फ्लोटिंग रेट ऑफ इंटरेस्ट वाले कार लोन में किसी भी तरह का प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगता है. हालांकि, फिक्स्ड रेट वाले कार लोन के मामले में, प्रीपेमेंट चार्ज मूल बकाया के 5-6% तक हो सकता है.

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