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Income Tax Return: केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए दो आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं. आकलन वर्ष वह होता है, जिसमें पूरे वित्त वर्ष के दौरान कमाई गई आय का आकलन किया जाता है. कई करदाताओं की मांग थी कि ITR फॉर्म्स को आकलन वर्ष शुरू होने से पहले ही नोटिफाई कर दिया जाना चाहिए ताकि आयकर रिटर्न फाइल करने में सुगमता रहे.
Taxmann में DGM नवीन वाधवा के मुताबिक, आम तौर पर आयकर विभाग किसी आकलन वर्ष के लिए ITR फॉर्म्स अप्रैल के पहले सप्ताह में अधिसूचित करता है. लेकिन आकलन वर्ष 2020-21 के लिए विभाग ने ITR-1 सहज और ITR-4 सुगम फॉर्म्स को जनवरी के पहले सप्ताह में ही अधिसूचित कर दिया है.
दो बड़े बदलाव
वाधवा ने यह भी बताया है कि ITR फॉर्म्स में दो बड़े बदलाव हैं. पहला यह कि अगर कोई व्यक्तिगत करदाता किसी आवासीय संपत्ति में संयुक्त मालिक है तो ITR-1 या ITR4 किसी से भी रिटर्न फाइल नहीं कर सकता है. दूसरा बदलाव यह कि ITR-1 उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए वैध नहीं है, जिन्होंने बैंक खाते में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए हैं, या फिर विदेश यात्रा या बिजली पर क्रमश: 2 लाख या 1 लाख रुपये खर्च किए हैं.
नए ITR फॉर्म्स में करदाताओं को कुछ नए खुलासे करने होंगे. ये इस तरह हैं...
ITR 1-सहज और ITR 4-सुगम दोनों में
1. अगर करदाता के पास वैध भारतीय पासपोर्ट है तो उसे इसका नंबर देना होगा.
ITR 4-सुगम में
- अगर करदाता ने वित्त वर्ष के दौरान एक या एक बैंक से ज्यादा चालू खातों में 1 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की राशि जमा की है तो उसे उस राशि का खुलासा करना होगा.
- अगर करदाता ने वित्त वर्ष के दौरान खुद की या अन्य किसी की विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये यो इससे ज्यादा खर्च किए हैं तो इस राशि का खुलासा करना होगा.
- अगर करदाता ने वित्त वर्ष के दौरान बिजली की खपत पर 1 लाख रुपये या इससे ज्यादा खर्च किए हैं तो इस राशि का खुलासा करना होगा.
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ITR 1 सहज
ITR-1 सहज फॉर्म ऐसे नागरिकों के लिए हैं जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, जो सैलरी, एकल अधिकार वाली एक आवासीय संपत्ति, ब्याज, फैमिली पेंशन, 5000 रुये तक की कृषि आय आदि से होती है. हालांकि यह उन करदाताओं के लिए नहीं है, जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या गैर—सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया हुआ है या आवासीय संपत्ति से होने वाली प्रमुख आय के तहत कोई कैरी फॉरवर्ड लॉस है या इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(1) के 7वें प्रावधान के तहत रिटर्न दाखिल करना है.
ITR 4 सुगम
ITR 4 सुगम फॉर्म उन व्यक्तियों, HUFs और कंपनियों (LLP के अलावा) के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, उनके पास एकल अधिकार वाली एक आवासीय संपत्ति है, कारोबार या पेशे से आय हो रही है और इसकी सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE या ब्याज आय के तहत गणना होती है, फैमिली पेंशन आदि है और कृषि से 5000 रुपये तक की आय हो रही है.
हालांकि यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए नहीं है, जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया हुआ है या आवासीय संपत्ति से होने वाली प्रमुख आय के तहत कोई कैरी फॉरवर्ड लॉस है.
Story By: Sunil Dhawan