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Individual taxpayers earning capital gains from foreign stocks can choose to file ITR 2 or ITR 3 based upon the nature of income earned during the year.
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केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बैंकों और डाकघरों को एक नई सुविधा उपलब्ध कराई है. इस सुविधा की मदद से आयकर रिटर्न नहीं भरने वालों (नॉन फाइलर्स) के मामले में 20 लाख रुपये से अधिक और आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के मामले में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर लागू टीडीएस की उपयुक्त दरों का पता लगाया जा सकता है. यह नई सुविधा http://incometaxindiaefiling.gov.in पर “वेरिफिकेशन ऑफ एप्लीकेबिलिटी u/s 194N” के रूप में 1 जुलाई 2020 से उपलब्ध हो गई.
इस सुविधा का ब्यौरा देते हुए CBDT ने कहा कि अब बैंक या डाकघर को टीडीएस दर का पता लगाने के लिए सिर्फ उस व्यक्ति का पैन भरना होगा, जो नकद निकासी कर रहा है. बैंकों को यह वेब सर्विसेज के जरिए भी मुहैया होगी ताकि पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटेड हो सके और बैंकों के इंटर्नल कोर बैंकिंग सॉल्युशन से लिंक रहे. अभी तक इस सुविधा के तहत 53,000 से ज्यादा सत्यापन अनुरोधों को पूरा किया जा चुका है.
बता दें कि सरकार ने नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए बैंकों या डाकघरों के अकाउंट से एक वित्त वर्ष के अंदर एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो फीसदी की दर से टीडीएस लगाने की व्यवस्था की है, हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी शामिल हैं.
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ताकि लग सके काले धन पर लगाम
CBDT का कहना है कि आईटीआर नहीं भरने वालों द्वारा नकद निकासी की निगरानी हो सके और काले धन पर लगाम लग सके, इसके लिए आयकर कानून में संशोधन कर नॉन आईटीआर फाइलर्स के लिए नकद निकासी कर मैक्सिमम लिमिट को घटाकर 20 लाख रुपये किया गया. नॉन फाइलर्स को अधिक नकद निकासी पर 2 फीसदी टीडीएस देना होगा. वहीं अगर नकद निकासी 1 करोड़ रुपये से अधिक गई तो टीडीएस 5 फीसदी की दर से कटेगा.