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Some non-bank lenders expressed scepticism about the effectiveness of the scheme.
मोरेटोरियम के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज (कंपाउंड इंट्रस्ट) छह महीने के लिए नहीं लिया जाएगा. केंद्र ने कहा कि इस संबंध में सरकार अनुदान जारी करने के लिए संसद से उचित अधिकार मांगेगी. यह अनुदान सरकार द्वारा पहले घोषित किए गए गरीब कल्याण और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत MSME को दिए गए 3.7 लाख करोड़ रुपये और होम लोन के लिए दिए गए 70,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा.
कर्जदारों की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित
भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए एक हलफनामे में कहा गया कि लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज के संबंध में खास श्रेणियों में सभी कर्जदारों को राहत मिलेगी, चाहें उन्होंने लोन मोरेटोरियम का लाभ उठाया हो या नहीं. हलफनामे में कहा गया है कि इसलिए, सरकार ने फैसला किया है कि छह महीने की लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान कंपाउंड इंट्रस्ट की माफी कर्जदारों की सबसे कमजोर श्रेणी तक सीमित होगी.
कर्जदारों की इस श्रेणी के तहत दो करोड़ रुपये तक के MSME लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज पर ब्याज माफ किया जाएगा. सरकार ने ऋणों को आठ श्रेणियों में बांटा है, जिनमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग), एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो, पर्सनल लोन और उपभोग आधारित कर्ज शामिल हैं. सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसकी ऋण राशि दो करोड़ रुपये से ज्यादा है, वह ब्याज पर ब्याज से छूट के लिए योग्य नहीं होगा.
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केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा उन याचिकाओं के जवाब में दिया गया है जो आरबीआई के 27 मार्च के सर्रकुलर से संबंधित थे. इसमें कर्ज देने वाली संस्थाओं को महामारी की वजह से इस साल मार्च 1 2020 और 31 मई के बीचटर्म लोन की किस्तों के भुगतान पर मोरेटोरियम लगाने के लिए मंजूरी दी गई थी. इसके बाद मोरेटोरियम को बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया था.
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